मास्को या मॉस्को (साँचा:Lang-ru / मोस्कवा), रूस केरौ राजधानी आरू यूरोप केरौ सबसँ बडौ शहर छै। मॉस्को का शहरी क्षेत्र विश्व के सबसे बडे शहरी क्षेत्रों में गिना जाता है। मास्को रूस की राजनैतिक, आर्थिक, धार्मिक, वित्तीय एवं शैक्षणिक गतिविधियों का केन्द्र माना जाता है। यह मोस्कवा नदी के तट पर बसा हुआ है। ऐतिहासिक रूप से यह पुराने सोवियत संघ एवं प्राचीन रूसी साम्राज्य की राजधानी भी रही है। मास्को को संसार के अरबपतियों का नगर भी कहा जाता है जहाँ विश्व के सबसे अधिक अरबपति बसते हैं।[१] २००७ में मास्को को लगातार दूसरी बार विश्व का सबसे महँगा नगर भी घोषित किया गया था।[२]
मास्को नगरी का नाम मोस्कवा नदी पर रखा गया है। १२३७-३८ के आक्रमण के बाद, मंगोलों ने सारा नगर जला दिया और लोगों को मार दिया। मास्को ने दुबारा विकास किया और १३२७ में व्लादिमीर - सुज्दाल रियासत की राजधानी बनाई गई। वोल्गा नदी के शुरूवात पर स्थित होने के कारण यह नगर अनुकूल था और इस कारण धीरे धीरे शहर बड़ा होने लगा। मास्को एक शांत और संपन्न रियासत बन गया और सारे रूस से लोग आकर यहाँ बसने लगे।
१६५४-५६ के प्लेग ने मास्को की आधी जनसंख्या को समाप्त कर दिया। १७०३ में बाल्टिक तट पर पीटर महान द्वारा सैंट पीटर्सबर्ग के निर्माण के बाद, १७१२ से मास्को रूस की राजधानी नहीं रही। १७७१ का प्लेग मध्य रूस का अन्तिम बड़ा प्लेग था, जिसमे केवल मास्को के ही १००००० व्यक्तियों के प्राण गए। १९०५ में, अलेक्जेंडर अद्रिनोव मास्को के पहले महापौर बने। १९१७ के रुसी क्रांति के पश्चात, मास्को को सोवियत संघ की राजधानी बनाया गया। मई ८,१९६५ को, नाजी जर्मनी पर विजय की २०वीं वर्षगांठ के अवसर पर मास्को को हीरो सिटी की उपाधि प्रदान की गयी।
मास्को यूरोप की सबसे बड़ी शहरी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। यह रूस के सकल घरेलू उत्पाद का करीब २४% योगदान करता है। २००८ में मास्को की अर्थव्यवस्था ८.४४ ट्रिलियन रूबल थी | मास्को में औसत मासिक वेतन ४१६०० रूबल है। २०१० में, मास्को में बेरोजगारी दर सिर्फ १% थी, जो रूस के सभी प्रशासनिक क्षेत्रों में सबसे कम है। मास्को रूस का निर्विवादित रूप से मुख्य आर्थिक केंद्र है। यहाँ रूस के सबसे बड़े बैंक और कंपनियाँ स्थित हैं जिनमे रूस की सबसे बड़ी कंपनी गेज्प्रोम भी शामिल है। मास्को की रूस की खुदरा बिक्री में १७% एवं सभी निर्माण गतिविधियों में १३% हिस्सेदारी है। चेर्किजोव्सकी बाजार, ३ करोड़ डॉलर की दैनिक बिक्री एवं दस हजार विक्रेताओं के साथ यूरोप का सबसे बड़ा बाजार है। यह बाजार प्रशासनिक रूप से १२ भागों में बँटा है और शहर के एक बड़े भूभाग पर स्थित है।२००८ में, मास्को में ७४ अरबपति थे और यह न्यूयोर्क, ७१ अरबपति, से ऊँचे पायदान पर है।
देखें, मास्को राज्य विश्वविद्यालय
मास्को में १६९६ उच्चतर विद्यालय एवं ९१ महाविद्यालय हैं। इनके अलावा, २२२ अन्य संस्थान भी उच्च शिक्षा उपलब्ध करातें हैं, जिनमे ६० प्रदेश विश्वविद्यालय एवं १७५५ में स्थापित लोमोनोसोव मास्को स्टेट विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। विश्वविद्यालय में २९ संकाय एवं ४५० विभाग हैं जिनमे ३०००० पूर्वस्नातक एवं ७००० स्नातकोत्तर छात्र पढते हैं। साथ ही विश्वविद्यालय में, उच्चतर विद्यालय के करीब १०००० विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करते हैं एवं करीब २००० शोधार्थी कार्य करते हैं। मास्को स्टेट विश्वविद्यालय पुस्तकालय, रूस के सबसे बड़े पुस्तकालयों में से एक है, यहाँ लगभग ९० लाख पुस्तकें हैं।
शहर में ४५२ पुस्तकालय हैं, जिनमे से १६८ बच्चों के लिए हैं। १८६२ में स्थापित रुसी स्टेट पुस्तकालय, रूस का राष्ट्रीय पुस्तकालय है।
मास्को का स्थापत्य विश्व प्रसिद्ध है। मास्को सेंट बेसिल केथेड्रल, क्राइस्ट द सेवियर केथेड्रल और सेवेन सिस्टर्स के लिए प्रसिद्ध है। लंबे समय तक मास्को पर रूढ़िवादी चर्चों का प्रभाव रहा | हालाँकि, शहर के समग्र रूप में सोवियत काल से भारी परिवर्तन हुआ है, खासकर जोसेफ स्टालिन के शहर के आधुनिकीकरण के बड़े पैमाने पर किये प्रयास के कारण यह परिवर्तन हुआ | स्टालिन की शहर के लिए योजना में चौड़े रास्तों और सडकों का जाल शामिल था जिनमे कई सड़कें १० लेन तक चौड़ी थीं | इससे शहर का यातायात सुगम हो गया, पर इसके लिए बहुत सारी एतिहासिक इमारतों को हटाना पड़ा |
स्टालिनवादी अवधि का सबसे प्रसिद्ध योगदान सेवेन सिस्टर्स (सात बहनें) माना जा सकता है। सेवेन सिस्टर्स सात गगनचुम्बी इमारतें हैं, जो क्रेमलिन से समान दूरी पर शहर भर में फैली हुईं हैं। सात टावरों को शहर के सभी ऊँचे स्थानों से देखा जा सकता है। ओस्तान्कियो टॉवर के अलावा ये सात टॉवर मध्य मास्को की सबसे ऊँची इमारतों में से हैं। ओस्तान्कियो टॉवर का निर्माण १९६७ में पूरा हुआ था, उस समय यह दुनिया की सबसे ऊँची मुक्त खड़ी भूमि संरचना थी | आज बुर्ज खलीफा दुबई, केंतून टॉवर ग्वांगझू और सी.एन. टॉवर टोरोंटो के बाद चौथे स्थान पर है।
हर नागरिक और उसके परिवार को अनिवार्य आवास उपलब्ध कराने की सोवियत नीति एवं मास्को की आबादी के तेजी से विकास के कारण, विशाल एवं नीरस आवासीय परिसरों का निर्माण किया गया | इन परिसरों को इनकी शैली, आयु, मजबूती एवं निर्माण सामग्री के आधार पर विभेदित किया जा सकता है। इनमे से अधिकतर का निर्माण स्टालिन युग के पश्चात हुआ और इनकी निर्माण शैलियाँ नेताओं (ब्रेज्हेनेव, ख्रुश्चेव इत्यादि) के नाम से जानी जाती हैं। आमतौर पर इन परिसरों का रखरखाव खराब है।
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