जीवनी चाहे जीवनचरित (अंग्रेजी: biography भा bio) केहू ब्यक्ति के जिनगी के बिस्तार से बर्णन होला। ई मुख्य रूप से एगो साहित्यिक बिधा हवे जेह में बिसय के रूप में केहू ब्यक्ति के जिनगी के पूरा बिस्तार आ डिटेल में बिबरन प्रस्तुत कइल जाला; जे बस बेसिक तथ्य सभ जइसे कि पढ़ाई-लिखाई, काम आ पेशा, रिश्तेदारी आ निधन वगैरह के मामूली उल्लेख भर क दिहले के तुलना में मजिगर बेसी होखे ला। जीवनी में ब्यक्ति के अनुभव आ जिनगी के घटना सभ के बिस्तार से निरूपण होखे ला। प्रोफाइल भा सीवी (कैरिकुलम विटे) चाहे रिज्यूमे के बिपरीत जीवनी में ब्यक्ति के जिनगी के कहानी होखे ला जेह में ओकरे जिनगी के बिबिध पहलू सभ के हाइलाइट कइल गइल होला; एह में अंतरंग डिटेल आ अनुभव शामिल होखे लें आ ब्यक्ति के ब्यक्तित्व के बिश्लेषणो शामिल हो सके ला।
जीवनी के रचना सभ आमतौर प नॉन-फिक्शन रचना होखे लीं, हालाँकी, केहू ब्यक्ति के जिनगी के कहानी उजागर करे में फिक्शन (गल्प) के सहारा भी लिहल जा सके ला। एक किसिम के गहिराई से जीवनीपरक कभरेज के लीगेसी राइटिंग कहल जाला। मुख्य रूप से एगो साहित्यिक बिधा होखे के अलावा कई किसिम के मीडिया में जीवनी के रचना कइल जा सके ले जइसे कि फिलिम के रूप में।
ऑथराइज्ड जीवनी अइसन जीवनी होल जे ब्यक्ति के परमीशन, सहकार आ कभी-काल्ह जीवनी के बिसय वाला ब्यक्ति भा ओकरे उत्तराधिकारी लोगन के सहजोग से लिखल जाले। जीवनी के बिपरीत आत्मकथा खुद लेखक द्वारा अपनहीं अपना जीवन के बारे में, चाहे कबो-काल्ह केहू दुसरे सहायक भा गोस्टराइटर के मदद ले के, लिखल जालीं।
सभसे पुरान जीवनी लेखन मिस्र में 26वीं सदी ईसा पूर्ब के होखे के बतावल जाला। भारत में बाणभट्ट के रचित हर्षचरित एगो जीवनी नियन रचना हवे। हिंदी साहित्य में भक्तमाल नाँव के रचना के पहिली जीवनीपरक रचना मानल जाला।
जीवनी लेखन के क्षेत्र में कई गो पुरस्कारो राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संस्था सभ द्वारा दिहल जालें। उदाहरण खातिर अमेरिकी संस्था जीवनी आ आत्मकथा खातिर पुलित्जर पुरस्कार देवे ले।
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