मारिया क्युरी | |
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१९२० मी म्याडम क्युरी | |
जन्म | वार्स, पोल्याण्ड | 7 नोभेम्बर 1867अभिव्यक्ति त्रुटि: नपछड्याको विराम चिन्ह चरित्र "२"।
मृत्यु | ४ जुलाई १९३४ प्यासी, हट-सभोई, फ्रान्स | (६६ वर्ष)
नागरिकता | रसियन (पछा फ्रेन्च) |
राष्ट्रीयता | पोलिस |
क्षेत्र | भौतिक विज्ञान, रसायन शास्त्र |
कार्यस्थल | युनिभर्सिटी अफ पेरिस |
शिक्षा | युनिभर्सिटी अफ पेरिस |
डाक्टरी सल्लाहकार | हेनरी बेक्वेरेल |
डाक्टरी शिष्य | André-Louis Debierne Óscar Moreno Marguerite Catherine Perey |
प्रसिद्धि | रेडियोएक्टिभिटी, पोलोनियम, रेडियम |
सम्मान(पुरस्कार) | भौतिक शास्त्रमा नोबेल पुरस्कार (१९०३) डेभि मेडल (१९०३) म्याटयुसी मेडल (१९०४) रसायन शास्त्रमा नोबेल पुरस्कार (१९११) |
हस्ताक्षर | |
जिवनसाथी | पियरे क्युरी (१८५९-१९०६) |
टिप्पणी उनी एक मात्र दुई भिन्न विज्ञानमी नोबेल पुरस्कार विजेता हुन् उन पियरे क्युरीकी श्रीमती तथा इरेने जोलियट-क्युरी रे इभ क्युरीकी आमा हुन्। |
मारिया क्युरी (Maria Salomea Skłodowska-Curie) (वाल्यकालको नाम: मारिया सालोमिया स्कोलोडोवस्का) (/ˈkjʊri, kjʊˈri/;[१] French: ; (१८६७ नोभेम्बर ७ - १९३४ जुलाई ४) एक विख्यात भौतिकविद रे रसायनशास्त्री थिइन । उनले रेडियम तत्व पत्ता लगाएकी थिइन् ।[२] विज्ञानको दुई शाखामा (भौतिक शास्त्रमा नोबेल पुरस्कार तथा रसायन शास्त्रमा नोबेल पुरस्कार)मी नोबेल पुरस्कार बठे सम्मानित हुन्या पल्लो वैज्ञानिक हुन ।[३] वैज्ञानिक आमा मेरीका दुबै छोरीहरूले पनि नोबल पुरस्कार प्राप्त गरेका थिए। जेठी छोरी आइरीन लाई १९३५मी रसायन विज्ञानमी नोबेल पुरस्कार प्राप्त भया थ्यो भन्या कान्छी चेली ईव लाई १९६५मी शान्तिका लाई नोबेल पुरस्कार जितेई थिइन। म्याडम क्युरी आधुनिक विज्ञान जगत्लाई महत्वपूर्ण योगदान दिइवर गौरवमय स्थान राख्दु सफल साधिका हुन्। एउटै वंशमी पहिलो रे दोस्रो पुस्ताका गरी पाँच जना सदस्यले नोबेल पुरस्कार भित्र्याउन सक्दु विश्वकै लागि उदाहरण भया छ। आफ्नो जीवनकालमी म्याडम क्युरी दुईपटक नोबेल पुरस्कारबठे विभूषित भइन् भण्या यिनका पति पियरे क्युरी,छोरी इरेने क्युरी एवम् ज्वाई फ्रैकरिक जुलियटले लै नोबेल पुरस्कारबठे विभूषित हुन्या अवसर पाए।
म्याडम क्युरीको जन्म ७ नोभेम्बर १८६७ मी पोल्यान्डा राजधानी वार्सामी भया थ्यो। यिनको बाल्यकालको नाउ मारियासालोमिया स्कोलोडोवस्का थ्यो। यी दस वर्ष पुगंज्या यिनरि इज्याको क्षयरोगले मृत्यु भयो। उनकी एक दिदीको लै अल्पायुमै मृत्यु भया थ्यो। उनि, उनकी एउटी दिदी रे दाइ तीनैजनाले बिद्यालयमी उत्कृस्ठ स्थान प्राप्त गर्या थ्या। उनीकी दिदी रे दाइ दुब्वै स्थापित योग्य चिकित्सक भया । [४]
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विकिमिडिया कमन्समैं मेरी क्युरी समन्धित मिडिया सामग्रीअन रह्याऽ छन् । |