अंग्रज़ी | ||
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English | ||
बोली जाती है | संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, कैनडा, ऑस्ट्रेलिआ, दक्षिण अफ़्रीका, फ़िजी, न्यूज़ीलैंड, ज़िंबाब्वे समेत विश्व के अन्य कई देशों में। | |
कुल बोलने वाले | ५३ देश संयुक्त राष्ट्र यूरोपीय संघ राष्ट्रमण्डल नाटो नाफ्टा | |
भाषा परिवार | हिन्द यूरोपीय भाषा
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भाषा कूट | ||
ISO 639-1 | en | |
ISO 639-2 | eng | |
ISO 639-3 | eng | |
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अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिन्दी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय भाषा माना जाता है। यह दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कंप्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है।
यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध[तथ्य वांछित] और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है।
ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेज़ी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेज़ी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेज़ी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेज़ी का विकास मध्य अंग्रेज़ी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेज़ी का विकास हुआ और अभी? भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेज़ी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है।
आधुनिक अंग्रेज़ी, जिसको कभी - कभी प्रथम वैश्विक सामान्य भाषा के तौर पर भी वर्णित किया जाता है,संचार, विज्ञान, व्यापार, विमानन, मनोरंजन, रेडियो और कूटनीति के क्षेत्रों की प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय भाषा है।ब्रिटिश द्वीपों के परे इसके विस्तार का प्रारंभ ब्रिटिश साम्राज्य के विकास के साथ हुआ और 19 वीं सदी के अंत तक इसकी पहुँच सही मायने में वैश्विक हो चुकी थी। यह संयुक्त राज्य अमेरिका की प्रमुख भाषा है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका की एक वैश्विक महाशक्ति के रूप में पहचान और उसके बढ़ते आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के कारण अंग्रेज़ी भाषा के प्रसार में महत्त्वपूर्ण गति आयी है।
अंग्रेज़ी भाषा का काम चलाऊ ज्ञान अनेक क्षेत्रों, जैसे की चिकित्सा और कंप्यूटर, के लिए एक आवश्यकता बन चुका है; परिणामस्वरूप एक अरब से ज्यादा लोग कम से कम बुनियादी स्तर की अंग्रेज़ी बोल लेते हैं (देखें: अंग्रेज़ी भाषा को सीखना और सिखाना). यह संयुक्त राष्ट्र की छह आधिकारिक भाषाओं में से भी एक है।
डेविड क्रिस्टल जैसे भाषाविदों के अनुसार अंग्रेज़ी के बड़े पैमाने पर प्रसार का एक असर, जैसा की अन्य वैश्विक भाषाओँ के साथ भी हुआ है, दुनिया के अनेक हिस्सों में स्थानीय भाषाओँ की विविधता को कम करने के रूप में दिखाई देता है, विशेष तौर पर यह असर ऑस्ट्रेलेशिया और उत्तरी अमेरिका में दिखता है और इसका भारी भरकम प्रभाव भाषा के संघर्षण (एट्ट्रीशन) में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निरंतर अदा कर रहा है। इसी प्रकार ऐतिहासी भाषाविद, जो की भाषा परिवर्तन की जटिलता और गतिशीलता से अवगत हैं, अंग्रेज़ी भाषा द्वारा अलग भाषाओँ के एक नए परिवार का निर्माण करने की इसकी असीम संभावनाओं के प्रति हमेशा अवगत रहते हैं। इन भाषाविदों के अनुसार इसका कारण है अंग्रेज़ी भाषा का विशाल आकार और इसका इस्तेमाल करने वाले समुदायों का प्रसार और इसकी प्राकृतिक आंतरिक विविधता, जैसे की इसके क्रीओल्स (creoles) और पिजिंस (pidgins).
इंग्लिश एक वेस्ट जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एन्ग्लो-फ्रिशियन और लोअर सेक्सन बोलियों से हुई है। इन बोलियों को ब्रिटेन में 5 वीं शताब्दी में जर्मन खानाबदोशों और रोमन सहायक सेनाओं द्वारा वर्त्तमान के उत्तर पश्चिमी जर्मनी और उत्तरी नीदरलैण्ड[तथ्य वांछित] के विभिन्न भागों से लाया गया था। इन जर्मेनिक जनजातियों में से एक थी एन्ग्लेस, जो संभवतः एन्गल्न से आये थे। बीड ने लिखा है कि उनका पूरा देश ही, अपनी पुरानी भूमि को छोड़कर, ब्रिटेन आ गया था।'इंग्लैंड'(एन्ग्लालैंड) और 'इंग्लिश ' नाम इस जनजाति के नाम से ही प्राप्त हुए हैं।
एंग्लो सेक्संस ने 449 ई. में डेनमार्क और जूटलैंड से आक्रमण करना प्रारंभ किया था, उनके आगमन से पहले इंग्लैंड के स्थानीय लोग ब्रायोथोनिक, एक सेल्टिक भाषा, बोलते थे। हालाँकि बोली में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण परिवर्तन 1066 के नॉर्मन आक्रमण के पश्चात् ही आये, परन्तु भाषा ने अपने नाम को बनाये रखा और नॉर्मन आक्रमण पूर्व की बोली को अब पुरानी अंग्रेज़ी कहा जाता है।
शुरुआत में पुरानी अंग्रेज़ी विविध बोलियों का एक समूह थी जो की ग्रेट ब्रिटेन के एंग्लो-सेक्सन राज्यों की विविधता को दर्शाती है। इनमें से एक बोली, लेट वेस्ट सेक्सन, अंततः अपना वर्चस्व स्थापित करने में सफल हुई. मूल पुरानी अंग्रेज़ी भाषा फिर आक्रमण की दो लहरों से प्रभावित हुई. पहला जर्मेनिक परिवार के उत्तरी जर्मेनिक शाखा के भाषा बोलने वालों द्वारा था; उन्होंने 8 वीं और 9 वीं सदी में ब्रिटिश द्वीपों के कुछ हिस्सों को जीतकर उपनिवेश बना दिया. दूसरा 11 वीं सदी के नोर्मंस थे, जो की पुरानी नॉर्मन भाषा बोलते थे और इसकी एंग्लो-नॉर्मन नमक एक अंग्रेज़ी किस्म का विकास किया। (सदियाँ बीतने के साथ, इसने अपने विशिष्ट नॉर्मन तत्त्व को पैरिसियन फ्रेंच और, तत्पश्चात, अंग्रेज़ी के प्रभाव के कारण खो दिया. अंततः यह एंग्लो-फ्रेंच विशिष्ट बोली में तब्दील हो गयी।) इन दो हमलों के कारण अंग्रेज़ी कुछ हद तक "मिश्रित" हो गयी (हालाँकि विशुद्ध भाषायी अर्थ में यह कभी भी एक वास्तविक मिश्रित भाषा नहीं रही; मिश्रित भाषाओँ की उत्पत्ति अलग अलग भाषाओँ को बोलने वालों के मिश्रण से होती है। वे लोग आपसी बातचीत के लिए एक मिलीजुली जबान का विकास कर लेते हैं)।
स्कैंदिनेवियंस के साथ सहनिवास के परिणामस्वरूप अंग्रेज़ी भाषा के एंग्लो-फ़्रिसियन कोर का शाब्दिक अनुपूरण हुआ; बाद के नॉर्मन कब्जे के परिणामस्वरूप भाषा के जर्मनिक कोर का सुन्दरीकरण हुआ, इसमें रोमांस भाषाओँ से कई सुन्दर शब्दों को समाविष्ट किया गया। यह नोर्मन प्रभाव मुख्यतया अदालतों और सरकार के माध्यम से अंग्रेज़ी में प्रविष्ट हो गया। इस प्रकार, अंग्रेज़ी एक "उधार" की भाषा के रूप में विकसित हुई जिसमें लचीलापन और एक विशाल शब्दावली थी।
ब्रिटिश साम्राज्य के उदय और विस्तार और साथ ही संयुक्त राज्य अमेरिका के एक महान शक्ति के रूप में उभरने के परिणामस्वरूप अंग्रेज़ी का प्रसार दुनिया भर में हुआ।[तथ्य वांछित]
पाँचवीं और छठी सदी में ब्रिटेन के द्वीपों पर उत्तर की ओर से एंगल और सेक्सन क़बीलों ने हमला किया था और उन्होंने केल्टिक भाषाएँ बोलने वाले स्थानीय लोगों को स्कॉटलैंड, आयरलैंड और वेल्स की ओर धकेल दिया था।
आठवीं और नवीं सदी में उत्तर से वाइकिंग्स और नोर्स क़बीलों के हमले भी आरंभ हो गए थे और इस प्रकार वर्तमान इंगलैंड का क्षेत्र कई प्रकार की भाषा बोलने वालों का देश बन गया और कई पुराने शब्दों को नए अर्थ मिल गए। जैसे – ड्रीम (dream) का अर्थ उस समय तक आनंद लेना था लेकिन उत्तर के वाइकिंग्स ने इसे सपने का अर्थ दे दिया। इसी प्रकार स्कर्ट का शब्द भी उत्तरी हमलावरों के साथ यहाँ आया। लेकिन इसका रूप बदल कर शर्ट (shirt) हो गया। बाद में दोनों शब्द अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होने लगे और आज तक हो रहे हैं।
सन् ५०० से लेकर ११०० तक के काल को पुरानी अंग्रेज़ी का दौर कहा जाता है। १०६६ ईस्वी में ड्यूक ऑफ़ नॉरमंडी ने इंगलैंड पर हमला किया और यहाँ के एंग्लो-सैक्सॉन क़बीलों पर विजय पाई। इस प्रकार पुरानी फ़्रांसीसी भाषा के शब्द स्थानीय भाषा में मिलने लगे। अंग्रेज़ी का यह दौर ११०० से १५०० तक जारी रहा और इसे अंग्रेज़ी का विस्तार वाला दौर मध्यकालीन अंग्रेज़ी कहा जाता है। क़ानून और अपराध-दंड से संबंध रखने वाले बहुत से अंग्रेज़ी शब्द इसी काल में प्रचलित हुए। अंग्रेज़ी साहित्य में चौसर (Chaucer) की शायरी को इस भाषा का महत्त्वपूर्ण उदाहरण बताया जाता है।
सन् १५०० के बाद अंग्रेज़ी का आधुनिक काल आरंभ होता है जिसमें यूनानी भाषा के कुछ शब्दों ने मिलना आरंभ किया। यह दौर का शेक्सपियर जैसे साहित्यकार के नाम से आरंभ होता है और ये दौर सन १८०० तक चलता है। उसके बाद अंग्रेज़ी का आधुनिकतम दौर कहलाता है जिसमें अंग्रेज़ी व्याकरण सरल हो चुका है और उसमें अंग्रेज़ों के नए औपनिवेशिक एशियाई और अफ्रीक़ी लोगों की भाषाओं के बहुत से शब्द शामिल हो चुके हैं।
विश्व राजनीति, साहित्य, व्यवसाय आदि में अमरीका के बढ़ती हुए प्रभाव से अमरीकी अंग्रेज़ी ने भी विशेष स्थान प्राप्त कर लिया है। इसका दूसरा कारण ब्रिटिश लोगों का साम्राज्यवाद भी था। वर्तनी की सरलता और बात करने की सरल और सुगम शैली अमरीकी अंग्रेज़ी की विशेषताएँ हैं।
अंग्रेज़ी भाषा इंडो-यूरोपीय भाषा परिवार के जर्मनिक शाखा के पश्चिमी उप-शाखा की सदस्य है। अंग्रेज़ी के निकटतम जीवित सम्बन्धियों में दो ही नाम हैं, या तो स्कॉट्स, जो मुख्यतया स्कॉटलैंड अथवा उत्तरी आयरलैंड के हिस्सों में बोली जाती है, या फ़्रिसियन. चूँकि, स्कॉट्स को भाषाविद या तो एक पृथक भाषा या अंग्रेज़ी की बोलियों के एक समूह के रूप में देखते हैं, इसलिए अक्सर स्कॉट्स की अपेक्षा फ़्रिसियन को अंग्रेज़ी का निकटतम सम्बन्धी कहा जाता है। इनके बाद अन्य जर्मेनिक भाषाओँ का नंबर आता है जिनका नाता थोड़ा दूर का है, वे हैं, पश्चिमी यूरोपीय भाषाएँ (डच, अफ़्रीकांस, निम्न जर्मन, उच्च जर्मन) और उत्तरी जर्मेनिक भाषाएँ (स्वीडिश,डेनिश, नॉर्वेजियन, आईस्लैंडिक्) और फ़ारोईस. स्कॉट्स और संभवतः फ़्रिसियन के अपवाद के सिवा इनमें से किसी भी भाषा का अंग्रेज़ी के साथ पारस्परिक मेल नहीं बैठता है। इसका कारण शब्द भण्डारण, वाक्यविन्यास, शब्दार्थ विज्ञान और ध्वनी विoज्ञान में भिन्नता का होना है।[तथ्य वांछित]
अन्य जर्मेनिक भाषाओँ के साथ अंग्रेज़ी के शब्द भण्डारण में अंतर का मुख्य कारण अंग्रेज़ी में बड़ी मात्रा में लैटिन शब्दों का उपयोग है (उदाहरण के तौर पर, "एग्जिट" बनाम डच उइत्गैंग) (जिसका शाब्दिक अर्थ है "आउट गैंग", जहाँ "गैंग वैसा ही है जैसे की "गैंगवे" में) और फ्रेंच ("चेंज" बनाम जर्मन शब्द आन्देरुंग, "मूवमेंट" बनाम जर्मन बेवेगुंग (शब्दार्थ, "अथारिंग" और "बे-वे-इंग" ("रस्ते पर बढ़ते रहना")) जर्मन और अंग्रेज़ी का वाक्यविन्यास भी अंग्रेज़ी से काफी अलग है, वाक्यों को बनाने के लिए अलग नियम हैं (उदाहरण, जर्मन इच हबे नोच नी एत्वास ऑफ डेम प्लात्ज़ गेसेहें' ', बनाम अंग्रेज़ी " आई हेव स्टिल नेवर सीन एनिथिंग इन दी स्क्वेर "). शब्दार्थ विज्ञान अंग्रेज़ी और उसके सम्बन्धियों के बीच झूठी दोस्तियों का कारण है। ध्वनी के अंतर मूल रूप से सम्बंधित शब्दों को भी धुंधला देते हैं ("इनफ" बनाम जर्मन गेनुग), और कभी कभार ध्वनी और शब्दार्थ दोनों ही अलग होते हैं (जर्मन ज़ीत, "समय", अंग्रेज़ी के "टाइड" से सम्बंधित है, लेकिन अंग्रेज़ी शब्द का अर्थ ज्वार भाटा हो गया है)। [तथ्य वांछित]
१५०० सौ से ज्यादा वर्षों से अंग्रेज़ी में यौगिक शब्दों के निर्माण और मौजूदा शब्दों में सुधार की क्रिया अपने अलग अंदाज में, जर्मनिक भाषाओँ से पृथक, चल रही है। उदाहरण के तौर पर, अंग्रेज़ी में मूल शब्दों में -हुड, -शिप, -डम, -नेस जैसे प्रत्ययों को जोड़कर एबस्ट्रेक्ट संज्ञा का गठन हो सकता है। लगभग सभी जर्मेनिक भाषाओँ में इन सभी के सजातीय प्रत्यय मौजूद हैं लेकिन उनके उपयोग भिन्न हो गए हैं, जैसे की जर्मन "फ्री-हीत" बनाम अंग्रेज़ी "फ्री-डम" (-हीत प्रत्यय अंग्रेज़ी -हुड का सजातीय है, जबकि अंग्रेज़ी -डम प्रत्यय जर्मन -तुम का)
एक अंग्रेज़ी बोलने वाला अनेक फ्रेंच शब्दों को भी सुगमता से पढ़ सकता है (हालाँकि अक्सर उनका उच्चारण काफी अलग होता है) क्योंकि अंग्रेज़ी में फ्रेंच और नॉर्मन शब्दों का बड़ी मात्रा में समायोजन है। यह समायोजन नॉर्मन विजय के बाद एंग्लो-नॉर्मन भाषा से और बाद की सदियों में सीधे फ्रेंच भाषा से शब्दों को उठाने के कारण है। परिणामस्वरूप, अंग्रेज़ी शब्दावली का एक बड़ा भाग फ्रेंच भाषा से आता है, कुछ मामूली वर्तनी के अंतर (शब्दांत, पुरानी फ्रेंच वर्तनी का प्रयोग आदि) और तथाकथित झूठे दोस्तों के अर्थों में अंतर के साथ. अधिकांश फ्रेंच एकल शब्दों का अंग्रेज़ी उच्चारण (मिराज ' और कूप डी’इतट ' जैसे वाक्यांशों के अपवाद के सिवाय) पूर्णतया अंग्रेज़ीकृत हो गया है और जोर देने की विशिष्ट अंग्रेज़ी पद्धति का अनुसरण करता है। [तथ्य वांछित]डेनिश आक्रमण के फलस्वरूप कुछ उत्तरी जर्मेनिक शब्द भी अंग्रेज़ी भाषा में आ गए (डेनलौ देखें); इनमें शामिल हैं "स्काई", "विंडो", "एग" और "दे" (और उसके प्रकार) भी और "आर" ("टू बी" का वर्त्तमान बहुवचन)[तथ्य वांछित]
लगभग 37.5 करोड़ लोग अंग्रेज़ी को प्रथम भाषा के रूप में बोलते हैं। स्थानीय वक्ताओं की संख्या के हिसाब से मंदारिन चीनी और स्पेनिश के बाद वर्त्तमान में संभवतः अंग्रेज़ी ही तीसरे नंबर पर आती है। हालाँकि यदि स्थानीय और गैर स्थानीय वक्ताओं को मिला दिया जाये तो यह संभवतः दुनिया की सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा बन जायेगी, परन्तु यदि चीनी भाषा के मिश्रणों को जोड़ा जाये तो यह संभवतः दूसरे स्थान पर रहेगी (यह इस बात पर निर्भर करेगा की चीनी भाषा के मिश्रणों को "भाषा" कहा जाये की "बोली").
सर्वाधिक वक्ताओं (जिनकी मात्रभाषा अंग्रेज़ी है) की संख्या के हिसाब से, घटते हुए क्रम से, देश इस प्रकार हैं: संयुक्त राज्य (21.5 करोड़), यूनाइटेड किंगडम (6.1 करोड़), कनाडा (1.82 करोड़), ऑस्ट्रेलिया (1.55 करोड़), आयरलैंड (38 लाख), दक्षिण अफ्रीका (37 लाख) और न्यूजीलैंड (30-37 लाख). जमैका और नाईजीरिया जैसे जैसे देशों में भी लाखों की संख्या में कोन्टिन्युआ बोली के स्थानीय वक्ता हैं। यह बोली अंग्रेज़ी आधारित क्रियोल से लेकर अंग्रेज़ी के एक शुद्ध स्वरूप तक का इस्तेमाल करती है। भारत में अंग्रेज़ी का द्वितीय भाषा के रूप में उपयोग करने वालों की संख्या सबसे अधिक है ('भारतीय अंग्रेज़ी'). क्रिस्टल का दावा है कि यदि स्थानीय और गैर स्थानीय वक्ताओं को जोड़ दिया जाये तो वर्त्तमान में भारत में अंग्रेज़ी को बोलने और समझने वालों की संख्या विश्व में सबसे अधिक है। इसके बाद चीन गणराज्य का नंबर आता है।
रैंक | देश | कुल | जनसंख्या का प्रतिशत | प्रथम भाषा | एक अतिरिक्त भाषा के रूप में | जनसंख्या | टिप्पणी |
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1 | संयुक्त राज्य अमेरिका | 251,388,301 | 96% | 215,423,557 | 35,964,744 | 262,375,152 | स्रोत: अमेरिकी जनगणना 2000: भाषा का प्रयोग और अंग्रेज़ी बोलने की योग्यता: 2000, टैबिल 1. दूसरी भाषा बोलने वालों की संख्या में वे लोग शामिल हैं जिन्होंने कहा की वे घर पर अंग्रेज़ी का प्रयोग नहीं करते हैं परन्तु "अच्छी" तरह या "बहुत अच्छी" तरह इसे जानते हैं। नोट: आंकड़ों में 5 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों को ही शामिल किया गया है |
2 | भारत | 90,000,000 | 8% | 78,598 | 65,000,000 द्वितीय भाषा के रूप में बोलने वाले. 25,000,000 तृतीय भाषा के रूप में बोलने वाले |
1,028,737,436 | आंकडों में दोनों शामिल हैं, अंग्रेज़ी को दूसरी और तीसरी भाषा के रूप में '''''''''बोलने वाले .1991 के आंकडे. आंकड़ों में अंग्रेज़ी बोलने वाले शामिल हैं लेकिन अंग्रेज़ी का इस्तेमाल करने वाले नहीं. |
3 | नाईजीरिया | 79,000,000 | 53% | 4,000,000 | >75,000,000 | 148,000,000 | आंकडे नाईजीरिया की पिगिन बोलने वालों के हैं, यह एक अंग्रेज़ी आधारित पिगिन या क्रियोल है। इहीमेयर के अनुसार 3 से 5 लाख स्थानीय वक्ता हैं; तालिका में इस सीमा के मध्य बिंदु का प्रयोग किया गया है। Ihemere, Kelechukwu Uchechukwu. 2006"एक बुनियादी विवरण और विश्लेषणात्मक उपचार संज्ञा खण्ड के नाइजीरिया पिडगिन में." नॉर्डिक जर्नल ऑफ अफ्रीकन स्टडीज 15 (3): 296-313 |
4 | ब्रिटेन | 59,600,000 | 98% | 58,100,000 | 1,500,000 | 60,000,000 | स्रोत: क्रिस्टल (2005), पी. 109 |
5 | फ़िलीपीन्स | 45,900,000 | 52% | 27000 | 42500000 | 88000000 | कुल वक्ता : जनगणना 2000, आंकड़ों के ऊपर लेखन फिगर 7. 5 वर्ष या उससे अधिक आयु के 6.67 करोड़ लोगों में से 63.71% लोग अंग्रेज़ी बोल सकते हैं। स्थानीय वक्ताओं: जनगणना 1995, एंड्रयू गोंजालेज द्वारा फिलिपींस में भाषा प्लानिंग परिस्थिति में उद्घृत, बहुभाषी तथा बहुसांस्कृतिक विकास जर्नल, 19 (5 और 6), 487-525(1998) |
6 | कनाडा | 25,246,220 | 85% | 17,694,830 | 7,551,390 | 29,639,030 | स्रोत: 2001 की जनगणना - ज्ञान राजभाषा Archived 2018-10-16 at the वेबैक मशीन और मातृ भाषा Archived 2018-10-16 at the वेबैक मशीन की. इस जन्म का वक्ताओं आंकड़ा दोनों फ्रेंच और एक मातृभाषा के रूप में अंग्रेज़ी, प्लस अंग्रेज़ी के साथ 17.572.170 लोगों और एक मातृभाषा के रूप में फ्रांस के साथ नहीं 122660 लोग शामिल हैं। |
7 | ऑस्ट्रेलिया | 18,172,989 | 92% | 15,581,329 | 2,591,660 | 19,855,288 | स्रोत: 2006 की जनगणना. यह आंकड़ा पहली भाषा में वास्तव में जो केवल घर पर अंग्रेज़ी बोलने ऑस्ट्रेलियाई निवासियों की संख्या है अंग्रेज़ी बोलने वालों कॉलम दिखाया. अतिरिक्त भाषा कॉलम "कौन" अच्छी तरह से "या" बहुत अच्छी तरह से अंग्रेज़ी बोलने का दावा अन्य निवासियों की संख्या दर्शाता है। निवासियों का एक अन्य 5% उनके घर या अंग्रेज़ी भाषा प्रवीणता राज्य नहीं था। |
नोट: कुल = पहली भाषा + अन्य भाषा; प्रतिशत = कुल / जनसंख्या |
अंग्रेज़ी इन देशों की प्राथमिक भाषा है : एंगुइला, एंटीगुआ और बारबुडा, ऑस्ट्रेलिया (ऑस्ट्रेलियन अंग्रेज़ी), बहामा, बारबाडोस, बरमूडा, बेलीज (बेलिजिया क्रीओल), ब्रिटिश हिंद महासागरीय क्षेत्र, ब्रिटिश वर्जिन द्वीप, कनाडा (कनाडियन अंग्रेज़ी), केमैन द्वीप, फ़ॉकलैंड द्वीप, जिब्राल्टर, ग्रेनेडा, गुआम, ग्वेर्नसे (चैनल द्वीप अंग्रेज़ी), गुयाना, आयरलैंड (हिबेर्नो -अंग्रेज़ी), आइल ऑफ मैन (मानद्वीप की अंग्रेज़ी), जमैका (जमैका अंग्रेज़ी), जर्सी, मोंटेसेराट, नॉरू, न्यूज़ीलैंड (न्यूजीलैंड अंग्रेज़ी), पिटकेर्न द्वीप, सेंट हेलेना, सेंट किट्स और नेविस, सेंट विंसेंट और द ग्रेनाडाइन्स, सिंगापुर,दक्षिण जॉर्जिया और दक्षिण सैंडविच द्वीप, त्रिनिदाद और टोबैगो, तुर्क और कोइकोस द्वीप समूह, ब्रिटेन, अमेरिका वर्जिन द्वीप समूह और संयुक्त राज्य अमेरिका.
कई अन्य देशों में, जहां अंग्रेज़ी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा नहीं है, यह एक आधिकारिक भाषा है;ये देश हैं: बोत्सवाना, कैमरून, डोमिनिका, फिजी, माइक्रोनेशिया के फ़ेडेरेटेद राज्य, घाना, जाम्बिया, भारत, केन्या, किरिबाती, लेसोथो, लाइबेरिया, मैडागास्कर, माल्टा, मार्शल द्वीप, मॉरीशस, नामीबिया, नाइजीरिया, पाकिस्तान, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपिंस (फिलीपीन अंग्रेज़ी), पर्टो रीको, रवांडा, सोलोमन द्वीप, सेंट लूसिया, समोआ, सेशेल्स, सियरालेओन, श्रीलंका श्रीलंका, स्वाजीलैंड, तंजानिया, युगांडा, जाम्बिया और जिम्बाब्वे. यह दक्षिण अफ्रीका (दक्षिण अफ्रीकी अंग्रेज़ी) कि 11 आधिकारिक भाषाओं में से एक है जिन्हें बराबर का दर्जा दिया जाता है। अंग्रेज़ी इन जगहों की भी अधिकारिक भाषा है: ऑस्ट्रेलिया के मौजूदा निर्भर क्षेत्रों (नॉरफ़ॉक आइलैंड, क्रिसमस द्वीप और कोकोस द्वीप) और संयुक्त राज्य (उत्तरी मारियाना द्वीप समूह, अमेरिकन समोआ और पर्टो रीको), ब्रिटेन के पूर्व के उपनिवेश हाँग काँग और नीदरलैंड्स एंटिलीज़.
अंग्रेज़ी यूनाइटेड किंगडम के कई पूर्व उपनिवेशों और संरक्षित स्थानों की एक महत्त्वपूर्ण भाषा है, परन्तु इसे आधिकारिक दर्जा प्राप्त नहीं है। ऐसे स्थानों में शामिल हैं: मलेशिया, ब्रुनेई, संयुक्त अरब अमीरात, बंगलादेश और बहरीन. अंग्रेज़ी अमेरिका और ब्रिटेन में भी अधिकारिक भाषा नहीं है। यद्यपि संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार की कोई आधिकारिक भाषा नहीं है, इसकी 50 में से 30 राज्य सरकारों द्वारा अंग्रेज़ी को अधिकारिक दर्जा दिया गया है। हालाँकि अंग्रेज़ी इसराइल की एक विधि सम्मत आधिकारिक भाषा नहीं है, लेकिन देश ने ब्रिटिश जनादेश के बाद से अधिकारिक भाषा के तौर पर इसके वास्तविक उपयोग को बनाये रखा है।
अंग्रेज़ी के प्रयोग के इतना विस्तृत होने के कारण इसे अक्सर "वैश्विक भाषा" भी कहा जाता है, आधुनिक युग की सामान्य भाषा . हालाँकि अधिकांश देशों में यह अधिकारिक भाषा नहीं है, फिर भी वर्त्तमान में दुनिया भर में अक्सर इसको द्वितीय भाषा के रूप में सिखाया जाता है। कुछ भाषाविदों (जैसे की डेविड ग्रादोल) का विश्वास है कि यह अब "स्थानीय अंग्रेज़ी वक्ताओं" की सांस्कृतिक संपत्ति नहीं रह गयी है, बल्कि अपने निरंतर विकास के साथ यह दुनिया भर की संस्कृतियों का अपने में समायोजन कर रही है। अंतर्राष्ट्रीय संधि के द्वारा यह हवाई और समुद्री संचार के लिए आधिकारिक भाषा है। अंग्रेज़ी अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति सहित संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों की एक आधिकारिक भाषा है।
एक विदेशी भाषा के रूप में अंग्रेज़ी का सर्वाधिक अध्ययन यूरोपीय संघ में (89% स्कूली बच्चों द्वारा) होता है, इसके बाद नंबर आता है फ्रेंच (32%), जर्मन (18%), स्पेनिश (8%) और रूसियों का; यूरोपियों में विदेशी भाषाओँ कि उपयोगिता कि धरना का क्रम इस प्रकार है: 68% अंग्रेज़ी, फ्रेंच 25%, 22% जर्मन और 16% स्पेनिश. अंग्रेज़ी न बोलने वाले यूरोपीय संघ के देशों में जनसँख्या का एक बड़ा प्रतिशत अंग्रेज़ी में बातचीत करने का सक्षम होने का दावा करता है, इनका क्रम इस प्रकार है: नीदरलैंड (87%), स्वीडन (85%), डेनमार्क (83%), लक्समबर्ग (66%), फिनलैंड (60%), स्लोवेनिया (56%), ऑस्ट्रिया (53%), बेल्जियम (52%) और जर्मनी (51%). नॉर्वे और आइसलैंड भी-सक्षम अंग्रेज़ी बोलने वालों का एक बड़ा बहुमत है।[तथ्य वांछित]
दुनिया भर के कई देशों में अंग्रेज़ी में लिखित किताबें, पत्रिकाएं और अख़बार उपलब्ध होते हैं। विज्ञान के क्षेत्र में भी अंग्रेज़ी भाषा का ही प्रयोग सबसे अधिक होता है। 1997 में, विज्ञान प्रशस्ति पत्र सूचकांक के अनुसार उसके 95% लेख अंग्रेज़ी में थे, हालाँकि इनमें से केवल आधे ही अंग्रेज़ी बोलने वाले देशों के लेखकों के थे।
ब्रिटिश साम्राज्य के विस्तार और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका के प्रभुत्व के कारण दुनिया भर में अंग्रेज़ी का प्रसार हुआ। इस वैश्विक प्रसार के कारण अनेक अंग्रेज़ी बोलियों और अंग्रेज़ी आधारित क्रीओल भाषाओँ और पिजिंस का विकास हुआ।
अंग्रेज़ी की दो शिक्षित स्थानीय बोलियों को दुनिया के अधिकांश हिस्सों में एक मानक के तौर पर स्वीकृत किया जाता है- एक शिक्षित दक्षिणी ब्रिटिश पर आधारित है और दूसरी शिक्षित मध्यपश्चिमी अमेरिकन पर आधारित है। पहले वाले को कभी कभार BBC (या रानी की) अंग्रेज़ी कहा जाता है, "प्राप्त उच्चारण" के प्रति अपने झुकाव की वजह से यह कबीले गौर है; यह कैम्ब्रिज मॉडल का अनुसरण करती है। यह मॉडल यूरोप, अफ्रीका भारतीय उपमहाद्वीप और अन्य क्षेत्रों जो की या तो ब्रिटिश राष्ट्रमंडल से प्रभावित हैं या फिर अमेरिका के साथ पहचानकृत होने के उनिच्चुक हैं, में अन्य भाषाओँ को बोलने वालों को अंग्रेज़ी सिखाने के लिए एक मानक के तौर पर काम करती है। बाद वाली बोली, जनरल अमेरिकी, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के अधिकांश हिस्सों में फैली हुई है। यह अमेरिकी महाद्वीपों और अमेरिका के निकट सम्बन्ध में रहे अथवा उसकी इच्छा रखने वाले क्षेत्रों (जैसे की फिलीपींस) के लिए एक मॉडल के तौर पर इस्तेमाल होती है। इन दो प्रमुख बोलियों के आलावा अंग्रेज़ी की अनेक किस्में हैं, जिनमे से अधिकांश में कई उप-प्रकार शामिल हैं, जैसे की ब्रिटिश अंग्रेज़ी के तहत कोकनी, स्काउस और जिओर्डी; कनाडियन अंग्रेज़ी के तहत न्यूफ़ाउंडलैंड अंग्रेज़ी; और अमेरिकी अंग्रेज़ी के तहत अफ्रीकन अमेरिकन स्थानीय अंग्रेज़ी ("एबोनिक्स") और दक्षिणी अमेरिकी अंग्रेज़ी. अंग्रेज़ी एक बहुकेंद्रित भाषा है और इसमें फ्रांस की 'एकेदिमिया फ्रान्काई' की तरह कोई केन्द्रीय भाषा प्राधिकरण नहीं है; इसलिए किसी एक किस्म को "सही" अथवा "गलत" नहीं माना जाता है।
स्कॉट्स का विकास, मुख्यतः स्वतन्त्र रूप से[तथ्य वांछित], समान मूल से हुआ था लेकिन संघ के अधिनियम 1707(Acts of Union 1707) के पश्चात् भाषा संघर्षण की एक प्रक्रिया आरंभ हुई जिसके तहत उत्तरोत्तर पीढियों ने अंग्रेज़ी के ज्यादा से ज्यादा लक्षणों को अपनाया इसके परिणामस्वरूप यह अंग्रेज़ी की एक बोली के रूप में विकसित हो गयी। वर्त्तमान में इस बात पर विवाद चल रहा है कि यह एक पृथक भाषा है अथवा अंग्रेज़ी की एक बोली मात्र है जिसे स्कॉटिश अंग्रेज़ी का नाम दिया गया है। पारंपरिक प्रकारों के उच्चारण, व्याकरण और शब्द भंडार अंग्रेज़ी की अन्य किस्मों से भिन्न, कभी कभार भारी मात्रा में, हैं।
अंग्रेज़ी के दूसरी भाषा के रूप में व्यापक प्रयोग के कारण इसके वक्ताओं के लहजे भी भिन्न प्रकार के होते हैं जिनसे वक्ता की स्थानीय बोली अथवा भाषा का पता चलता है। क्षेत्रीय लहजों की अधिक विशिष्ट विशेषताओं के लिए 'अंग्रेज़ी के क्षेत्रीय लहजों' को देखें और क्षेत्रीय बोलियों की अधिक विशिष्ट विशेषताओं के लिए अंग्रेज़ी भाषा की बोलियों की सूचि को देखें. इंग्लैंड में, व्याकरण या शब्दकोश के बजाय अंतर अब उच्चारण तक ही सीमित रह गया है। अंग्रेज़ी बोलियों के सर्वेक्षण के दौरान देश भर में व्याकरण और शब्कोष में भिन्नता पाई गयी, परन्तु शब्द भण्डारण के एट्रिशन की एक प्रक्रिया के कारण अधिकांश भिन्नताएं समाप्त हो गयी हैं।
जिस प्रकार अंग्रेज़ी ने अपने इतिहास के दौरान स्वयं दुनिया के कई हिस्सों से शब्दों का इस्तेमाल किया है, उसी प्रकार अंग्रेज़ी के उधारशब्द भी दुनिया की कई भाषाओँ में दिखाई देते हैं। यह इसके वक्ताओं के तकनीकी और सांस्कृतिक प्रभाव को इंगित करता है। अंग्रेज़ी आधारित अनेक पिजिन और क्रेओल भाषाओँ का गठन किया गया है, जैसे की जमैकन पेटोईस, नाइजीरियन पिजिन और टोक पिसिन. अंग्रेज़ी शब्दों की भरमार वाली गैर अंग्रेज़ी भाषाओँ के प्रकारों का वर्णन करने के लिए अंग्रेज़ी भाषा में अनेक शब्दों की रचना की गयी है।
bilabial ओष्ठ्य | Labiodental दन्त्योष्ठ्य | dental दन्त्य | alveolar वर्त्स्य | post- alveolar परा-वर्त्स |
palatal तालव्य | velar कण्ठ्य | glottal काकल्य | |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
plosive स्पर्श | p प b ब | t *त--ट d *द--ड | k क g ग | |||||
nasal अनुनासिक | m म | n न | ŋ ङ | |||||
flap उत्क्षिपित | ||||||||
fricative संघर्षी | f फ़ v व़ | θ *थ़ ð *द़ | s स z ज़ | ʃ श ʒ *श़ | h *ह | |||
affricate स्पर्श-संघर्षी | tʃ च dʒ ज | |||||||
en:approximant अर्धस्वर | w *व | ɹ *र | j य | |||||
lateral approximant पार्श्विक | l ल |
यहाँ * का अर्थ उन स्वरों पर निशान लगाना है जो हिंदी के ध्वनि-तंत्र में नहीं होते, या जिनका शुद्ध उच्चारण अधिकांश भारतीय नहीं कर पाते।
IPA | वर्ण्माला का अक्षर | अन्य बोलियों में |
---|---|---|
p | p | |
b | b | |
t | t, th (rarely) thyme, Thames | th thing (African-American, New York) |
d | d | th that (African-American, New York) |
k | c (+ a, o, u, consonants), k, ck, ch, qu (rarely) conquer, kh (in foreign words) | |
g | g, gh, gu (+ a, e, i), gue (final position) | |
m | m | |
n | n | |
ŋ | n (before g or k), ng | |
f | f, ph, gh (final, infrequent) laugh, rough | th thing (many forms of English used in England) |
v | v | th with (en:Cockney, en:Estuary English) |
θ | th : there is no obvious way to identify which is which from the spelling. | |
ð | ||
s | s, c (+ e, i, y), sc (+ e, i, y) | |
z | z, s (finally or occasionally medially), |
अंग्रेज़ी एक इन्टोनेशन भाषा है। इसका अर्थ यह है कि वाणी के उतार चढाव को परिस्थिति के अनुसार इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, आश्चर्य अथवा व्यंग्य व्यक्त करना, या एक वक्तव्य को प्रश्न में बदलना.
अंग्रेज़ी में, इन्टोनेशन पैटर्न शब्दों के समूह पर होते हैं जिन्हें टोन समूह, टोन इकाई, इन्टोनेशन समूह या इन्द्रिय समूहों के नाम से जाना जाता है। टोन समूहों को एक ही सांस में कहा जाता है, इस कारण से इनकी लम्बाई सीमित रहती है। ये औसतन पांच शब्द लम्बे होते हैं और लगभग दो सेकंड में ख़तम हो जाते हैं। उदाहरण के लिए (प्राप्त उच्चारण में बोला गया):
अंग्रेज़ी एक बहुत जोर दे कर बोलने वाली भाषा है। शब्दों और वाक्यों, दोनों के कुछ शब्दांशों को उच्चारण के समय अपेक्षाकृत अधिक महत्त्व/ जोर मिलता है जबकि अन्य को नहीं. पहले प्रकार के शब्दांशों को ऐक्सेंचुएटेड/ स्ट्रेस्ड कहा जाता है और बाद वालों को अनेक्सेंचुएटेड/ अनस्ट्रेस्ड .
इस प्रकार एक वाक्य में प्रत्येक टोन समूह को शब्दांशों में विभाजित किया जा सकता है जो की या तो स्ट्रेस्ड (शक्तिशाली) होंगे या अनस्ट्रेस्ड (कमजोर). स्ट्रेस्ड शब्दांश न्यूक्लियर शब्दांश कहा जाता है। उदाहरण के लिए:
वास द बेस्ट थिंग यू कुड हेव डन !'
यहां सारे शब्दांश अनस्ट्रेस्ड हैं, सिवाय बेस्ट और डन के, जो की स्ट्रेस्ड हैं। बेस्ट पर जोर (स्ट्रेस) थोड़ा अधिक दिया गया है इसलिए यह न्यूक्लियर शब्दांश है।
न्यूक्लियर शब्दांश वक्ता के मुख्य बिंदु का वर्णन करता है। उदाहरण के लिए:
यह भी
यह भावना व्यक्त करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है:
न्यूक्लियर शब्दांशों को ज्यादा ऊँचे स्वर में बोला जाता है और इनको बोलने के लहजे में एक विशिष्ट बदलाव होता है। इस लहजे के सबसे सामान्य बदलाव हैं आवाज को ऊँचा करना (rising pitch) और आवाज को निचा करना (falling pitch), हालाँकि गिरती-चढ़ती आवाज (fall-rising pitch) और चढ़ती-गिरती आवाज (rise-falling pitch) का भी यदा कदा इस्तेमाल होता है। अन्य भाषाओँ की अपेक्षा अंग्रेज़ी भाषा में आवाज को ऊँचा और नीचा करने का महत्त्व कहीं अधिक है। नीची आवाज में बोलना निश्चितता दर्शाता है और ऊँची आवाज में बोलना अनिश्चितता। इसका अर्थ पर एक महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है, खासकर सकारात्मक अथवा नकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाने में; नीची आवाज में बोलने का मतलब है आपका "दृष्टिकोण (सकारात्मक/ नकारात्मक) ज्ञात" है और चढ़ती हुई आवाज का मतलब "दृष्टिकोण अज्ञात" है। हाँ/ नहीं वाले प्रश्नों की चढ़ती हुई आवाज के पीछे भी यही है। उदाहरण के लिए:
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स्वर प्रत्येक क्षेत्र में भिन्न भिन्न होते हैं।
जहाँ प्रतीक जोड़े में दृश्य हैं, पहला अमेरिकी अंग्रेज़ी के सामान्य अमेरिकी उच्चारण से मेल खाता है, दूसरा ब्रिटिश अंग्रेज़ी के प्राप्त उच्चारण से मेल खाता है।
IPA | विवरण | शब्द |
---|---|---|
मोनोफ्थोंग्स | ||
i(ː) | बंद मुख अगोलाकर स्वर | बी eaडी |
ɪ | निकट-बंद निकट-मुख अगोलाकर स्वर | बी iडी |
ɛ | खुला-मध्य मुख अगोलाकर स्वर | बी eडी |
æ | निकट-खुला मुख अगोलाकर स्वर | बी aडी |
ɒ | खुला पिछला गोलाकार स्वर | बी oएक्स[vn 1] |
ɔ(ː) | खुला-मध्य पिछला गोलाकार स्वर | बी awएक्स[vn 2] |
ɑ(ː) | खुला पिछला अगोलाकर स्वर | बीआर a |
ʊ | निकट-बंद निकट-पिछला स्वर | जी ooडी |
u(ː) | बंद पिछला गोलाकार स्वर | बी ooएड[vn 3] |
ʌ | खुला-मध्य पिछला अगोलाकर स्वर, निकट- खुला केन्द्रीय स्वर | बी uडी |
ɝ/ɜː | खुला-मध्य केन्द्रीय अगोलाकर स्वर | बी irडी[vn 4] |
ə | स्च्वा | Ros's[vn 5] |
ɨ | बंद केन्द्रीय अगोलाकर स्वर | आर ओ एस eएस[vn 5][vn 6] |
डिप्थोन्ग्स | ||
e(ɪ)/eɪ | बंद -मध्य मुख अगोलाकर स्वर बंद मुख अगोलाकर स्वर |
bed[vn 7] |
o(ʊ)/əʊ | बंद -मध्य पिछला गोलाकार स्वर निकट-बंद निकट-पिछला स्वर |
bde[vn 7] |
aɪ | खुला मुख अगोलाकर स्वर निकट-बंद निकट-मुख अगोलाकर स्वर |
cr[vn 8] |
aʊ | खुला मुख अगोलाकर स्वर निकट-बंद निकट-पिछला स्वर |
c |
ɔɪ | खुला-मध्य पिछला गोलाकार स्वर बंद मुख अगोलाकर स्वर |
b |
ʊɚ/ʊə | निकट-बंद निकट-पिछला स्वर स्च्वा |
b[vn 9] |
ɛɚ/ɛə | खुला-मध्य मुख अगोलाकर स्वर स्च्वा |
f[vn 10] |
यह अंग्रेज़ी व्यंजन प्रणाली है जो अंतर्राष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला(IPA) से प्रतीकों का प्रयोग कर रही है।
बिलाबियल | लेबियो - डेंटल |
डेंटल | एल्विओलर | पोस्ट - एल्विओलर |
पेलेतल | वेलर | लेबिअल - वेलर |
ग्लोट्टल | |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
नेजल | m | n | ŋ[cn 1] | ||||||
प्लोसिव | p b | t d | k ɡ | ||||||
एफ्रिकेट | [cn 2] | ||||||||
फ्रिकेतिव | f v | θ ð[cn 3] | s z | [cn 2] | [cn 4] | [cn 5] | h | ||
फ्लेप | ɾ[cn 6] | ||||||||
एप्रोक्सिमेंट | [cn 2] | j | [cn 7] | ||||||
लेटरल | l |
अंग्रेज़ी में स्टाप व्यंजनों की वाणी और एस्पिरेशंस बोली और सन्दर्भ पर निर्भर करती है, लेकिन कुछ ही सामान्य नियम दिए जा सकते हैं:
अन्य इंडो-यूरोपियन भाषाओँ की तुलना में अंग्रेज़ी में न्यूनतम मोड़(घुमाव/बदलाव) होते हैं। उदाहरण के लिए, आधुनिक जर्मन या डच और रोमांस भाषाओं के विपरीत आधुनिक अंग्रेज़ी में लिंग व्याकरण और विशेषण समझौते का अभाव है। केस मार्किंग (अंकन) भाषा से लगभग गायब हो चुकी है और आज इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से सर्वनाम में ही किया जाता है। जर्मनिक मूल से प्राप्त मजबूत (स्पीक/स्पोक/स्पोकेन) बनाम कमजोर क्रिया के स्वरूप का आधुनिक अंग्रेज़ी में महत्त्व घाट गया है और घुमाव के अवशेषों (जैसे की बहुवचन अंकन) का उपयोग बढ़ गया है।
वर्त्तमान में भाषा अधिक विश्लेषणात्मक बन गयी है और अर्थ स्पष्ट करने के लिएद्योतक क्रिया और शब्द क्रम जैसे साधनों का विकास हुआ है। सहायक क्रियायें प्रश्नों, नकारात्मकता, पैसिव वोईस और प्रगतिशील पहलुओं को दर्शाती हैं।
चूँकी अंग्रेज़ी एक जर्मनिक भाषा है, उसकी अधिकतर दैनिक उपयोग की शब्दावली प्राचीन जर्मन से आयी है। इसके अतिरिक्त भी अंग्रेज़ी में कई ऋणशब्द हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार स्थिति ये है:
अंग्रेज़ी के मूल शब्द लगभग १०,००० हैं
अंग्रेज़ी शब्दावली सदियाँ बीतने के साथ काफी बदल गयी है।
Appendix:List of Proto-Indo-European roots को विक्षनरी में देखें जो एक मुक्त शब्दकोश है। |
प्रोटो-इंडो-यूरोपियन (PIE) से निकली अनेक भाषाओँ की तरह अंग्रेज़ी के सबसे आम शब्दों के मूल (जर्मनिक शाखा के द्वारा) को PIE में खोजा जा सकता है। इन शब्दों में शामिल हैं बुनियादी सर्वनाम ' जैसे आई, पुरानी अंग्रेज़ी के शब्द आईसी से, (cf. लैटिन ईगो, ग्रीक ईगो, संस्कृत अहम्), मी (cf. लैटिन मी, ग्रीक इमे, संस्कृत मम्), संख्यायें (उदहारण, वन, टू, थ्री, cf. लैटिन उनस, ड्यूओ, त्रेस, ग्रीक ओइनोस "एस (पांसे पर)", ड्यूओ, त्रीस), सामान्य पारिवारिक सम्बन्ध जैसे की माता, पिता, भाई, बहन आदि (cf. ग्रीक "मीतर", लैटिन "मातर" संस्कृत "मात्र"; माता), कई जानवरों के नाम (cf. संस्कृत मूस, ग्रीक मिस, लैटिन मुस ; माउस) और कई आम क्रियायें (cf. ग्रीक गिग्नोमी, लैटिन नोसियर, हिट्टी केन्स ; टू नो).
जर्मेनिक शब्द (आमतौर पर पुरानी अंग्रेज़ी और कुछ कम हद तक नॉर्स मूल के शब्द) अंग्रेज़ी के लैटिन शब्दों से ज्यादा छोटे होते हैं और सामान्य बोलचाल में इनका उपयोग ज्यादा आम है। इसमें लगभग सभी बुनियादी सर्वनाम, पूर्वसर्ग, संयोजक, द्योतक क्रियायें आदि शामिल हैं जो की अंग्रेज़ी के बुनियादी वाक्यविन्यास और व्याकरण को बनाती हैं। लम्बे लैटिन शब्दों को अक्सर ज्यादा अलंकृत और शिक्षित माना जाता है। हालाँकि लैटिन शब्दों के जरूरत से ज्यादा प्रयोग को दिखावटी अथवा मुद्दा छिपाने की एक कोशिश माना जाता है। जोर्ज ओरवेल का निबंध "राजनीती और अंग्रेज़ी" इस चीज और भाषा के अन्य कथित दुरूपयोगों की आलोचना करता है। इस निबंध को अंग्रेज़ी भाषा की एक महत्त्वपूर्ण समीक्षा माना जाता है।
एक अंग्रेज़ी भाषी को लैटिन और जर्मेनिक पर्यायवाचियों में से चयन करने की सुविधा मिलती है: कम या एराइव ; साईट या विज़न ; फ्रीडम या लिबर्टी . कुछ मामलों में, एक जर्मेनिक व्युत्पन्न शब्द (ओवरसी), एक लैटिन व्युत्पन्न शब्द (सुपरवाइज़) और समान लैटिन शब्द (सर्वे) से व्युत्पन्न एक फ्रेंच शब्द में से चयन करने का विकल्प रहता है। विविध अर्थों और बारीकियों को समेटे ये पर्यायवाची शब्द वक्ताओं को बारीक़ भेद और विचारों की भिन्नता को व्यक्त करने में सहायक होते हैं। पर्यायवाची शब्द समूहों के इतिहास का ज्ञान अंग्रजी वक्ता को अपनीभाषा पर अधिक नियंत्रण प्रदान कर सकता है।देखें: अंग्रेज़ी में जर्मेनिक और लैटिन समकक्षों की सूचि.
इस बात का एक अपवाद और एक विशेषता है जो शायद केवल अंग्रजी भाषा में ही पाई जाती है। वह यह है कि, गोश्त की संज्ञा आमतौर पर उसे प्रदान करने वाले जानवर की संज्ञा से भिन्न और असंबंधित होती है। जानवर का आमतौर पर जर्मेनिक नाम होता है और गोश्त का फ्रेंच से व्युत्पन्न होता है। उदाहरण, हिरन और वेनिसन ; गाय और बीफ ; सूअर/पिग और पोर्क, तथा भेड़ और मटन . इसे नॉर्मन आक्रमण का परिणाम माना जाता है, जहाँ एंग्लो-सेक्सन निम्न वर्ग द्वारा प्रदान किये गए गोश्त को फ्रेंच बोलने वाले अभिजात वर्ग के लोग खाते थे।[तथ्य वांछित]
किसी बहस के दौरान अपनी बात को सीधे तौर पर प्रकट करने के लिए वक्ता इन शब्दों का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं क्योंकि अनौपचारिक परिवेश में प्रयुक्त अधिकांश शब्द आमतौर पर जर्मेनिक होते हैं। अधिकांश लैटिन शब्दों का प्रयोग आमतौर पर औपचारिक भाषण अथवा लेखन में होता है, जैसे की एक अदालत अथवा एक विश्वकोश लेख।[तथ्य वांछित] हालाँकि अन्य लैटिन शब्द भी हैं जिनका उपयोग आमतौर पर सामान्य बोलचाल में किया जाता है और वे ज्यादा औपचारिक भी प्रतीत नहीं होते हैं; ये शब्द मुख्यता अवधारणाओं के लिए हैं जिनका कोई जर्मेनिक शब्द अब नहीं बचा है। सन्दर्भ से इनका तालमेल बेहतर होता है और कई मामलों में ये लैटिन भी प्रतीत नहीं होते हैं। उदाहरण, ये सभी शब्द लैटिन हैं: पहाड़, तराई, नदी, चाची, चाचा, चलना, उपयोग धक्का और रहना .
अंग्रेज़ी आसानी से तकनीकी शब्दों को स्वीकार करती है और अक्सर नए शब्दों और वाक्यों को आयात भी करती है। इसके उदाहरण हैं, समकालीन शब्द जैसे की कूकी, इन्टरनेट और URL (तकनीकी शब्द),जेनर, उबेर, लिंगुआ फ्रांका और एमिगो (फ्रेंच, इतालवी, जर्मन और स्पेनिश से क्रमशः आयातित शब्द). इसके अलावा, ठेठ शब्द (स्लैंग) अक्सर पुराने शब्दों और वाक्यांशों को नया अर्थ प्रदान करते हैं। वास्तव में, यह द्रव्यता इतनी स्पष्ट है कि अंग्रेज़ी के समकालीन उपयोग और उसके औपचारिक प्रकारों में अक्सर भेद करने की आवश्यकता होती है।
इन्हें भी देखें: सामाजिक भाषा ज्ञान
ऑक्सफोर्ड अंग्रेज़ी शब्दकोष का शुरुआती स्पष्टीकरण :
The Vocabulary of a widely diffused and highly cultivated living language is not a fixed quantity circumscribed by definite limits... there is absolutely no defining line in any direction: the circle of the English language has a well-defined centre but no discernible circumference.
अंग्रेज़ी शब्दावली बेशक विशाल है, परन्तु इसको एक संख्या प्रदान करना गणना से अधिक परिभाषा के तहत आयेगा. फ्रेंच, जर्मन, इतालवी और स्पेनिश भाषाओँ के विपरीत, अंग्रेज़ी भाषा के लिए अधिकारिक तौर पर स्वीकृत शब्दों और मात्राओं को परिभाषित करने के लिए कोई अकादमी नहीं है। चिकित्सा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में नियमित रूप से निओलोजिज़्म गढे जा रहे हैं और नए स्लैंग निरंतर विकसित हो रहे हैं। इनमें से कुछ नए शब्दों का व्यापक इएतेमाल होता है; अन्य छोटे दायरों तक ही सीमित रहते हैं। अप्रवासी समुदायों में प्रयुक्त विदेशी शब्द अक्सर व्यापक अंग्रेज़ी उपयोग में अपना स्थान बना लेते हैं। प्राचीन, उपबोली और क्षेत्रीय शब्दों को व्यापक तौर पर "अंग्रेज़ी" कहा भी जा सकता है और नहीं भी.
ऑक्सफोर्ड अंग्रेज़ी शब्दकोष, द्वितीय संस्करण (OED2) में ६ लाख से अधिक परिभाषाएं शामिल हैं, ज्यादा ही समग्र निति का अनुसरण करते हुए:
It embraces not only the standard language of literature and conversation, whether current at the moment, or obsolete, or archaic, but also the main technical vocabulary, and a large measure of dialectal usage and slang (Supplement to the OED, 1933).
वेबस्टर के तीसरे नए अंतर्राष्ट्रीय शब्दकोश, बिना छंटनी के (475,000 प्रमुख शब्द), के संपादकों ने अपनी प्रस्तावना में इस संख्या के कहीं अधिक होने का अनुमान लगाया है। ऐसा अनुमान है कि लगभग 25,000 शब्द हर साल भाषा में जुड़ते हैं।
फ्रेंच प्रभाव का एक परिणाम यह है कि कुछ हद तक अंग्रेज़ी की शब्दावली जर्मेनिक (उत्तरी जर्मेनिक शाखा के लघु प्रभाव वाले मुख्यतया पश्चिमी जर्मेनिक शब्द) और लैटिन (लैटिन व्युत्पन्न, सीधे तौर पर अथवा नॉर्मन फ्रेंच या अन्य रोमांस भाषाओँ से) शब्दों में विभाजित हो गयी है।
अंग्रेज़ी के 1000 सबसे आम शब्दों में से 83% और 100 सबसे आम में से पूरे 100 जर्मेनिक हैं। इसके उलट, विज्ञान, दर्शन, गणित जैसे विषयों के अधिक उन्नत शब्दों में से अधिकांश लैटिन अथवा ग्रीक से आये हैं। खगोल विज्ञान, गणित और रसायन विज्ञान से उल्लेखनीय संख्या में शब्द अरबी से आये हैं।
अंग्रेज़ी शब्दावली के अनुपाती मूलों को प्रदर्शित करने के लिए अनेक आंकडे प्रस्तुत किये गए हैं। अधिकांश भाषाविदों के अनुसार अभी? तक इनमे से कोई भी निश्चित नहीं है।
थॉमस फिन्केंस्तात और डीटर वोल्फ (1973) द्वारा और्डर्ड प्रोफ़्युज़न में पुरानी लघु ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी (तृतीय संस्करण) के लगभग 80,000 शब्दों का कम्प्यूटरीकृत सर्वेक्षण प्रकाशित हुआ था, इसने अंग्रेज़ी शब्दों की उत्पत्ति का अनुमान इस प्रकार लगाया था:
जोसफ एम. विलियम्स द्वारा ओरिजिंस ऑफ़ द इंग्लिश लैंग्वेज में हजारों व्यवसायिक पत्रों से लिए गए 10,000 शब्दों के एक सर्वेक्षण ने ये आंकडे प्रस्तुत किये:
नौसेना, जहाजों के प्रकार, अन्य वस्तुएं और जल क्रियाओं का वर्णन करने वाले अनेक शब्द डच मूल के हैं। उदाहरण, यौट (जात), स्किपर (शिपर) और क्रूसर (क्रूसर). डच का अंग्रेज़ी स्लैंग में भी योगदान है, उदाहरण, स्पूक, अब अप्रचलित शब्द स्नाइडर (दरजी) और स्तिवर (छोटा सिक्का).
अंग्रेज़ी शब्दावली का एक बड़ा हिस्सा फ्रेंच (Langues d'oïl) मूल का है, अधिकांश शब्द एंग्लो-नॉर्मन से निकल कर आये हैं। एंग्लो-नॉर्मन भाषा नॉर्मन की इंग्लैंड विजय के बाद उच्च वर्गों द्वारा सैकडों सालों तक बोली जाती थी। उदाहरण, कोम्पतीशन, आर्ट, टेबल, पब्लिसिटी, पोलिस, रोल, रोटीन, मशीन, फोर्स, और अनेक अन्य शब्द जिनका अंग्रेज़ीकरण या तो हो चुका है या हो रहा है; कई का उच्चारण अब फ्रेंच के बजाय अंग्रेज़ी के ध्वनी विज्ञान के नियमों के तहत किया जाता है (कुछ अपवाद भी हैं, जैसे की फेकेड और अफेयर दी सिउर).
नौवीं शताब्दी के आसपास से अंग्रेज़ी के लेखन के लिए एंग्लो-सेक्सन रून्स के स्थान पर लैटिन वर्णमाला का प्रयोग हो रहा है। वर्तनी प्रणाली, अथवा ओर्थोग्राफी, बहुस्तरीय है। इसमें स्थानीय जर्मेनिक प्रणाली के ऊपर फ्रेंच, ग्रीक और लैटिन वर्तनी के तत्त्व शामिल हैं; भाषा के ध्वनी विज्ञान से यह काफी हट गया है। शब्दों के उच्चारण और उनकी वर्तनी में अक्सर काफी अंतर पाया जाता है।
हालाँकि अक्षर और ध्वनी अलगाव में मेल नहीं खाते हैं, फिर भी शब्द संरचना, ध्वनी और लहजों को ध्यान में रखकर बनाये गए वर्तनी नियम 75% विश्वसनीय हैं। कुछ ध्वन्यात्मक वर्तनी अधिवक्ताओं का दावा है कि अंग्रेज़ी 80% से ज्यादा ध्वन्यात्मक है। हालाँकि अन्य भाषाओँ की अपेक्षा अंग्रेज़ी में अक्षर और ध्वनी के बीच सम्बन्ध उतना प्रगाढ़ नहीं है; उदाहरण, ध्वनी अनुक्रम आउघ को सात भिन्न प्रकारों से उच्चारित किया जा सकता है। इस जटिल ओर्थोग्रफिक इतिहास का परिणाम यह है कि पढ़ना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। ग्रीक, फ्रेंच और स्पेनिश और कई अन्य भाषाओँ की तुलना में, एक छात्र को अंग्रेज़ी पाठन का पारंगत बनने में ज्यादा वक्त लगता है।
सिर्फ व्यंजन अक्षरों का उच्चारण ही अपेक्षाकृत नियमित तरीके से किया जाता है:
अक्षरात्मक प्रतिनिधित्व | बोली विशिष्ट | |
P | P | |
b | b | |
t | t, th (शायद ही कभी) थाइम, थेम्स | th थिंग (अफ्रीकी अमेरिकी, न्यू यार्क) |
d | d | th दैट (अफ्रीकी अमेरिकी, न्यू यार्क |
k | c (+ a, o, u, व्यंजन ), k, ck, ch, qu ((शायद ही कभी) कौन्कर , kh ((विदेशी शब्दों में) | |
g | g, gh, gu (+ a, e, i), ग्यू (अंतिम स्थान ) | |
m | m | |
n | n | |
ŋ | n (g या क से पहले ), ng | |
f | f, ph, gh ((अंतिम, यदा कदा) लाफ, रफ | th थिंग (इंग्लैंड में अंग्रेज़ी भाषा के अनेक प्रकार) |
v | v | th विद (कोकनी, एस्तुअरी इंग्लिश) |
θ | ' th थिक, थिंक, थ्रू (/0} | |
ð | th दैट, दिस, दी | |
s | s, c (+ e, i, y), sc (+ e, i, y), ç (फेकेद ) | |
Z | z, s (अंतिम अथवा यदा कदा मध्यवर्ती), ss ((शायद ही कभी) पोस्सेस, देस्सेर्ट, शुरुआती-शब्द x ज़ाइलोफ़ोन | |
ʃ | sh, sch, ti (स्वर से पहले) पोर्शन, ci/ce (स्वर से पहले) सस्पिशन, ओशन ; si/ssi (स्वर से पहले) टेंशन, मिशन ; ch ((खास कर फ्रेंच मूल के शब्दों में ); शायद ही कभी s/ss u से पहले शुगर, इशू ; chsi केवल फुचसिया | |
ʒ | मध्यवर्ती si (स्वर से पहले) डिविजन, मध्यवर्ती s ("ur" से पहले) प्लेज़र, zh (विदेशी शब्दों में ), z उ से पहले azure, g (फ्रेंच मूल के शब्दों में) (+e, i, y) जेनर | |
X | kh, ch, h (विदेशी शब्दों में ) | कभी कभार ch लोच (स्कॉटिश इंग्लिश, वेल्श इंग्लिश) |
h | h (शब्दांश-शुरुआत में, अन्यथा चुप ) | |
tʃ | ch, tch, t u से पहले फ्यूचर , कल्चर | t (+ u, ue, eu) टयून, टयूस्डे, ट्यूटोनिक (कई बोलियाँ - अंग्रेज़ी व्यंजन समूहों की ध्वनि इतिहास देखें) |
dʒ | j, g (+ e, i, y), dg (+ e, i, व्यंजन) बैज, जज (e) मेंट | d (+ u, ue, ew) दयून, ड्यू, ड्यू (कई बोलियाँ - योड संघीकरण का एक और उदाहरण ) |
((IPA | ɹ)) | r, wr (शुरुआती) रैन्गल | |
j | y (या शुरुआत में या स्वरों से घिरा हुआ ) | |
l | l | |
w | W | |
ʍ | wh (उच्चारित hw) | स्कॉटिश और आयरिश अंग्रेज़ी, साथ ही अमेरिका, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड की अंग्रेज़ी की कुछ किस्मे, |
अधिकांश जर्मेनिक भाषाओँ के विपरीत, अंग्रेज़ी में डायाक्रिटिक्स, सिवाय विदेशी उधारशब्दों के (जैसे की कैफे का तीव्र लहजा), लगभग नहीं के बराबर हैं और दो स्वरों के उच्चारण को एक ध्वनी (नाईव, ज़ो) की बजाय पृथक दर्शाने के लिए डायारिसिस निशान के असामान्य उपयोग में (अक्सर औपचारिक लेखन में).डेकोर, कैफे, रेस्यूम, एंट्री, फिअंसी और नाइव जैसे शब्द अक्सर दोनों तरीकों से लिखे जाते हैं। विशेषक चिह्न अक्सर शब्द के साथ उनको "उच्च कोटि" का दर्शाने के लिए जोड़े जाते हैं। हाल में, अंग्रेज़ी भाषित देशों में कई कंप्यूटर कुंजीपटलों में प्रभावी विशेषक कुंजियों के आभाव के कारण caf'e या cafe' जैसे कंप्यूटर से उत्पन्न चिह्नों का प्रचलन बढ़ गया है।[तथ्य वांछित]
कुछ अंग्रेज़ी शब्द अपने को पृथक दर्शाने के लिए डायाक्रिटिक्स को बनाये रखते हैं। उदाहरण, animé, exposé, lamé, öre, øre, pâté, piqué, and rosé, हालाँकि अक्सर इनको छोड़ भी दिया जाता है (उदहारण के तौर पर 'résumé /resumé को अमेरिका में रिज्यूमे लिखा जाता है). उच्चारण को स्पष्ट करने के लिए कुछ उधार शब्द डायाक्रिटिक का उपयोग कर सकते हैं, हालाँकि मूल शब्द में यह मौजूद नहीं था। उदाहरण, maté, स्पेनिश yerba mate से)
दुनिया भर के शिक्षित अंग्रेज़ी वक्ताओं द्वारा लगभग सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत भाषा के एक संस्करण को औपचारिक लिखित अंग्रेज़ी कहा जाता है। लगभग हर जगह इसका लिखित प्रकार समान ही रहता है, इसके विपरीत भाषित अंग्रेज़ी बोलियों, लहजों, स्लैंग के प्रकारों, स्थानीय और क्षेत्रीय अभिव्यक्तियों के अनुसार भिन्न भिन्न होती है। भाषा के औपचारिक लिखित संस्करण में स्थानीय भिन्नताएं काफी सीमित हैं। इस भिन्नता का दायरा मुख्यतः ब्रिटिश और अमेरिकी अंग्रेज़ी के वर्तनी अंतर तक ही सिमटा हुआ है।
अंग्रेज़ी पाठन को आसन करने के लिए इसके कुछ सरलीकृत संस्करण भी मौजूद हैं। इनमें से एक है बेसिक इंग्लिश, सीमित शब्दों के साथ चार्ल्स के ओग्डेन ने इसका गठन किया और अपनी किताब बेसिक इंग्लिश: ए जनरल इन्ट्रोडक्शन विद रूल्स एंड ग्रामर (१९३०) में इसका वर्णन किया। यह भाषा अंग्रेज़ी के एक सरलीकृत संस्करण पर आधारित है। ओग्डेन का कहना था की अंग्रेज़ी सीखने के लिए सात वर्ष लगेंगे, एस्पेरेन्तो के लिए सात महीने और बेसिक इंग्लिश के लिए केवल सात दिन. कम्पनियाँ जिनको अंतर्राष्ट्रीय उपयोग के लिए जटिल पुस्तकों की आवश्यकता हो और साथ ही स्कूल जिनको कम अवधि में लोगों को बुनियादी अंग्रेज़ी सिखानी हो, वे बेसिक इंग्लिश का उपयोग कर सकते हैं।
ओग्डेन ने बेसिक इंग्लिश में ऐसा कोई शब्द नहीं डाला जिसे कुछ अन्य शब्दों के साथ बोला जा सके और अन्य भाषाओँ के वक्ताओं के लिए भी ये शब्द काम करें, इस बात का भी उसने ख्याल रखा. अपने शब्दों के समूह पर उसने बड़ी संख्या में परीक्षण और सुधार किये. उसने न सिर्फ व्याकरण को सरल बनाया, वरन उपयोगकर्ताओं के लिए व्याकरण को सामान्य रखने की भी कोशिश की.
द्वितीय विश्व युद्ध के तुंरत बाद विश्व शांति के लिए एक औजार के रूप में इसको खूब प्रचार मिला.[तथ्य वांछित] हालाँकि इसको एक प्रोग्राम में तब्दील नहीं किया गया, लेकिन विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय उपयोगों के लिए इसी प्रकार के अन्य संस्करण बनाये गए।
एक अन्य संस्करण, सरलीकृत अंग्रेज़ी, मौजूद है जो की एक नियंत्रित भाषा है जिसका गठन मूल रूप से एयरोस्पेस उद्योग के रखरखाव मैनुअल के लिए किया गया था। यह अंग्रेज़ी के एक सीमित और मानकीकृत उपसमूह को उपलब्ध[कौन?] कराता है। सरलीकृत अंग्रेज़ी में अनुमोदित शब्दों का एक शब्दकोश है और उन शब्दों को कुछ विशिष्ट मायनों में ही इस्तेमाल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, शब्द क्लोज़ का उपयोग इस वाक्यांश में हो सकता है "क्लोज़ द डोर " पर "डू नोट गो क्लोज़ टू द लैंडिंग गियर" में इसका उपयोग नहीं हो सकता है।
अंग्रेज़ों ने दुनिया के अनेक देशों को राजनीतिक रूप से अपना उपनिवेश बनाया। इसके साथ ही उन्होंने उन देशों पर बड़ी चालाकी से अंग्रेज़ी भी लाद दी। इसी का परिणाम है कि आज ब्रिटेन के बाहर अमेरिका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, कनाडा, भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश्, दक्षिण अफ्रिका आदि अनेक देशों में अंग्रेज़ी का वर्चस्व है। अंग्रेज़ी ने यहां कि देशी भाषाओं को बुरी तरह पंगु बना रखा है। ब्रिटिश काउन्सिल जैसी संस्थायें इस अंग्रेज़ी के प्रसार के लिये तरह-तरह के दुष्प्रचार एवं गुप्त अभियान करती रहतीं हैं। परंतु मातृभाषा के तौर पर हिंदी और चीनी भाषा अंग्रेज़ी से कोसों आगे निकल चुकी है। आज भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति की बात करें तो, ,यह की शिक्षा पद्धति हि एक ऐसी शिक्षा पद्धति थी जिसके द्वारा युनानीयों को चाणक्य द्वारा पराजित किया गया था बार बार गुलामी के दोर में भारतीय अपनी संस्कृति, शिक्षा पद्धति, नैतिकता से बहुत पिछड़ ग्रे थे, ,जब अंग्रेजों ने भारत की भु आधारित क्षमता का विश्लेषण किया तो उन्होंने देखा की भारत की शिक्षा पद्धति जो संस्कृति से जुड़ी जो इन्हें अद्भुत क्षमता वाला बनाती है, इसका परिवर्तन करना होगा उन्होंने भारत की शिक्षा पद्धति में परिवर्तन किया और मैकालय द्वारा प्रतिपादित शिक्षा पद्धति जो केवल खाना मात्र सिखाती है और पाश्चात्य संस्कृति का अनुसरण करना सिखाती हैं,वह भारत देश में लागू की, आज चाहे भारत आज़ाद है, परन्तु भारत पुर्णत: अंग्रेज़ी भाषा और पाश्चात्य सभ्यता का गुलाम है,,ओर भारत में जब तक यह शिक्षा पद्धति रहेगी जब तक भारत का आर्थिक सामाजिक, संस्कृतिक, नैतिक विकास नहीं हो सकता। भारत अपनी अतुल्य भाषाओं के क्षेत्र में पिछे होता जा रहा है, अपने शोध नितियों जैसे कार्यो को अंग्रेज़ी भाषा में प्रतिपादित कर रहा है जो किसी भी सामने वाले को अपनी उपलब्धियों को चौरी करवाने तुल्य है भारत जैसे देश में कृषि की शिक्षा अंग्रेज़ी में दि जाती है जिसका उपभोग संयंत्र पर कोई उपयोग नहीं है, किसी भी तकनीक का प्रतिपादन अंग्रेज़ी में होता है और किसान वर्ग तक उस तकनीक को हिंदी में रुपान्तरित करने में जो समय लगता है वह हमें प्रगति के मार्ग में लघु गति का प्रमाण है। भारतीय जनमानस को यह समझना होगा कि शिक्षा मतलब भाषा, भाषा मतलब संचार, संचार मतलब उपभोग, उपभोग मतलब प्रगति। ।
उनका लेख विकिपीडिया के पूर्व के लेख में दी गयी संख्या 35 करोड़ और एक ज्यादा उचित संख्या 9 करोड़ के अंतर को स्पष्ट करता है।Wikipedia's India estimate of 350 million includes two categories - "English Speakers" and "English Users". The distinction between the Speakers and Users is that Users only know how to read English words while Speakers know how to read English, understand spoken English as well as form their own sentences to converse in English. The distinction becomes clear when you consider the China numbers. China has over 200~350 million users that can read English words but, as anyone can see on the streets of China, only handful of million who are English speakers.
Hence we exclude all words that had become obsolete by 1150 . . . Dialectal words and forms which occur since 1500 are not admitted, except when they continue the history of the word or sense once in general use, illustrate the history of a word, or have themselves a certain literary currency.