क्यूशू (जापानी: 九州, "नौ प्रान्त") जापान के चारों मुख्य द्वीपों में से तीसरा सब से बड़ा और सब से दक्षिणपश्चिमी द्वीप है। कुल मिलकर क्यूशू का क्षेत्रफल ३५,६४० वर्ग किमी है और इसकी जनसँख्या सन् २००६ में १,३२,३१,९९५ थी। यह होन्शू और शिकोकू द्वीपों के दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। प्राचीनकाल में क्यूशू को कुछ अन्य नामों से भी बुलाया जाता था, जैसे के क्यूकोकु (九国, "नौ राज्य"), चिनज़इ (鎮西, "अधिकृत क्षेत्र से पश्चिम") और त्सुकुशी-नो-शीमा (筑紫島,"त्सुकुशी का द्वीप")। क्यूशू और इसके इर्द-गिर्द के छोटे द्वीपों को इतिहास में साऍकाऍदो (西海道, "पश्चिमी समुद्री घेरा") भी बुलाया जाता था।
क्यूशू की ज़मीन पहाड़ी है और इसपर १,५९१ मीटर (५,२२० फ़ुट) ऊंचा आसो ज्वालामुखी है, जो जापान का सब से सक्रीय ज्वालामुखी है। पूरे द्वीप पर कई सारे गरम पानी के चश्मे हैं जो ज़मीन के नीचे चल रही प्लेट विवर्तनिकी की उथल-पुथल का संकेत हैं। क्यूशू के पूर्वी ओइता प्रान्त में स्थित बॅप्पु (別府市) के चश्मे और आसो ज्वालामुखी के आसपास के चश्मे बहुत मशहूर हैं। इन गरम चश्मों में कुछ अनूठे चरमपसंदी सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं, यानि ऐसे माइक्रोब जो खौलती हुई गर्मी या अन्य चरम वातारवरण में पनपते हैं।
आधुनिक क्यूशू क्षेत्र में क्यूशू द्वीप पर स्थित सात और ओकिनावा प्रांत मिलाकर कुल आठ प्रांत शामिल हैं -
क्षेत्रफल के हिसाब से क्यूशू दुनिया का ३७वा सब से बड़ा द्वीप है और जनसँख्या के अनुसार १३वा सब से अधिक आबादी वाला।
क्यूशू में चावल, चाय, तम्बाकू, शकरक़न्दी और सोय उगाया जाता है। यह द्वीप रेशम के उत्पादन के लिए भी प्रसिद्ध है। क्यूशू पर कई प्रकार के चीनी के बासन-प्याले बनाए जाते हैं। फ़ुकुओका, नागासाकी, किताक्यूशू और ओइटा जैसे उत्तरी इलाक़ों में भारी कारख़ाने भी मौजूद हैं। जब यह सन् २०१० में मापा गया, क्यूशू क्षेत्र में ग्रैजुएट लोगों का बेरोज़गारी दर जापान के किसी भी अन्य क्षेत्र से अधिक था और उस वर्ष यहाँ के केवल ८८.९% ग्रैजुएट लोगों को स्थाई रोज़गार मिला हुआ था।
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