ट्रान्जिस्टर एक अर्धचालक युक्ति है जिसे मुख्यतः प्रवर्धक (Amplifier) तथा इलेक्ट्रॉनिक स्विच के रूप में प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग इसे बीसवीं शताब्दी की सबसे महत्वपूर्ण खोज मानते हैं।
ट्रान्जिस्टर का उपयोग अनेक प्रकार से होता है। इसे प्रवर्धक, स्विच, वोल्टेज नियामक (रेगुलेटर), सिग्नल माडुलेटर, आसिलेटर आदि के रूप में काम में लाया जाता है। पहले जो कार्य ट्रायोड या त्रयाग्र से किये जाते थे वे अधिकांशत: अब ट्रान्जिस्टर के द्वारा किये जाते हैं। इसका उपयोग एम्पलीफायर के रूप मे किया जाता है n= nagetiv p= positive, ट्रांसिस्टर का निर्माण सिलिकॉन और जेर्मनियम के दुअरा होता है, अकार मे बहुत कहता होता है लेकिन इसके बिना इलेक्ट्रिक सर्किट नहीं बनाया जा सकता. ट्रांसिस्टर के तीन भाग है बेस, कलेक्टर और अमिटर, ये तीनो भाग बिजली को पकडे रखते है.