लनर्ड कोहेन | |
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पृष्ठभूमि | |
जन्म नाम | लनर्ड नॉर्मन कोहेन |
जन्म | 21 सितम्बर 1934 वेस्टमोंट,क्यूबेक, कनाडा |
निधन | नवम्बर 7, 2016 लॉस एंजेलिस, कैलिफोर्निया, संयुक्त राज्य अमेरिका | (उम्र 82)
विधायें | लोक संगीत, रॉक संगीत |
पेशा | गायक, गीत लेखक, संगीतकार, कवि, उपन्यासकार, चित्रकार |
वाद्ययंत्र |
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सक्रियता वर्ष | 1956–2016 |
लेबल | कोलंबिया रिकॉर्ड्स |
वेबसाइट | leonardcohen |
लनर्ड नॉर्मन कोहेन एक कनाडाई गायक, गीतकार, कवि और उपन्यासकार थे। उनके काम ने धर्म, राजनीति, अलगाव, अवसाद, कामुकता, हानि, मृत्यु और रोमांटिक संबंधों की खोज की। उन्हें कनाडाई संगीत के प्रसिद्धि का हॉल, कनाडा के गीतकारों के प्रसिद्धि का हॉल और रॉक और रोल के प्रसिद्धि का हॉल शामिल किया गया था। उन्हें देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, कंपेनियन ऑफ़ द ऑर्डर ऑफ़ कनाडा के रूप में निवेशित किया गया था। 2011 में, उन्हें साहित्य के लिए प्रिंस ऑफ ऑस्टुरियस अवार्ड्स में से एक और नौवां ग्लेन गोल्ड पुरस्कार मिला।
कोहेन का जन्म कनाडा के एक मध्यमवर्गीय यहूदी परिवार में हुआ था। कोहेन तब मात्र 9 साल के थे जब उनके पिता का देहान्त हो गया। कोहन का परिवार एक रुढ़िवादी यहूदी परिवार थी जिससे कोहेन का जीवनपर्यन्त रिश्ता बना रहा। कोहेन के मुताबिक उनका परिवार यहूदी धर्म के एक पैगंबर ऐरोन का वंशज था। कोहेन की आरंभिक शिक्षा-दीक्षा वेस्टमोंट के रोजलिन एलिमेंट्री स्कूल और हर्जलिया हाई स्कूल में हुई जहां मशहूर कनाडियन कवि इरविंग लेटन ने उन्हें साहित्य के संस्कार दिए। साहित्य के छात्र के रूप में कोहेन का झुकाव फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताओं की तरफ ज्यादा था। स्कूली शिक्षा के दौरान ही कोहेन ने संगीत सीखना शुरू कर दिया था। कोहेन का संगीत से लगाव अपनी मां की वजह से हुआ। उनकी मां एक बेहतरीन लोकगायिका थीं।
मार्च 1954 में कोहेन की पहली कविता सीआईवी/एन नाम की पत्रिका में छपी। इस पत्रिका में कोहेन के गुरु इरविन लेटन की भी कविता छपी जो इसके संपादक मंडल में शामिल थे। कोहेन की रचनाओं पर डब्ल्यू बी यीट्स, इरविन लेटन, फेदेरिको गार्सिया लोर्का, वाल्ट व्हिटमैन और लुई ड्यूडेक का गहरा प्रभाव था। लेट अस कपेयर मायथॉलाजीज शीर्षक से उनका पहला काव्य संग्रह 1956 में प्रकाशित हुआ।
लेखक के रूप में आर्थिक असफलता के चलते कोहेन गीत लेखक के रूप में अपना करियर शुरू करने के लिए 1967 में अमेरिका आ गए। कोहेन का लिखा एक गीत सुजैन जबरदस्त लोकप्रिय हुआ और कोहेन संगीत के क्षेत्र में स्थापित हो गए। सांग्स ऑफ लियोनार्ड कोहेन नाम से उनका पहला संगीत एलबम 1967 में जारी हुआ और 1968 में बीबीसी पर उन्होंने अपना संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
1960 के दशक में सक्रिय संगीतकारों और गीत लेखकों में बॉब डिलेन के बाद लियोनार्ड कोहेन दूसरे ऐसे गायक थे जिनके बारे में संगीत समीक्षकों ने जमकर लिखा। कोहेन ने संगीत साधना के लिए साहित्य लेखन का अपना करियर त्याग दिया। कोहेन के गीत सिर्फ मनोरंजन के लिए नहीं थे बल्कि इन गीतों में राजनीति और सामाजिक न्याय जैसे विषय भी उठाए गए हैं। डेमोक्रेसी नाम के संगीत एलबम में हम युद्धोन्माद के खिलाफ कोहेनव को आवाज उठाते सुन सकते हैं। इजराइली और अरब सेनाओं के संघर्ष से आहत होकर कोहेन ने लवर लवर लवर नामक गीत की रचना की। इस संघर्ष के बारे में सवाल किए जाने पर कि वो किस पक्ष के पैरोकार हैं, उन्होेंने जवाब दिया था कि उनकी जड़ें भले ही यहूदी हैं लेकिन वो युद्ध के खिलाफ हैं।
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