सेब

सेब
सेव के उत्पादन क्षेत्र भारत स्विजेरलैंड
सेव का वृक्ष और उस पर लगे सेव

सेब एक फल है। सेब का रंग लाल या हरा होता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे मेलस डोमेस्टिका (Malus domestica) कहते हैं। इसका मुख्यतः स्थान मध्य एशिया है। इसके अलावा बाद में यह यूरोप में भी उगाया जाने लगा। यह हजारों वर्षों से एशिया और यूरोप में उगाया जाता रहा है। इसे एशिया और यूरोप से उत्तरी अमेरिका बेचा जाता है। इसका ग्रीक, वेनिंज़ूला और यूरोप में धार्मिक महत्व है।

व्युत्पत्ति

यह भारत के उत्तरी प्रदेश हिमाचल में पैदा होता है, इसमे अनेक विटामिन होते हैं। यह जायदा तर उत्तर भारत मै होता है

इतिहास

इसके बारे में पता लगाने का श्रेय सिकंदर महान को दिया जाता है। वह मध्य एशिया में जब आया तब उसने इस फल के बारे में जाना और उसी के कारण यूरोप में भी सेब के कई प्रजातियाँ मौजूद है।

सांस्कृतिक पहलू

युरोपीय बुतपरस्ती

नॉर्स, इंग्लैंड में इस फल को देवताओं द्वारा दिया गया उपहार मानते हैं। यह इंग्लैंड में जर्मन लोगों के शुरुआती समय में बने कब्र में पाया गया। जो एक प्रतीक के रूप में बनाया जाता था।

सन्दर्भ

  1. ""Origin, History of cultivation". University of Georgia". मूल से 21 जनवरी 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 जुलाई 2015.

बाहरी कड़ियाँ