इन्डो-इरानी | |
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आर्यन | |
भौगोलिक वितरण | एसिया (दक्षिण, मध्य आ दक्षिणपश्चिम एसिया) दक्षिणपूर्वी युरोप; १५ राष्ट्रमे १ अर्ब मातृभाषी |
भाषिक वर्गीकरण | भारोपेली
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मूल-भाषा | मूल इन्डो-इरानी |
उपभागसभ | |
आइएसओ ६३९-२ / ५ | iir |
ग्लोटोलग | indo1320[१] |
एसिया भरि रहल जीवित इन्डो-इरानी भाषासभक गृहभूमिमे फैलावट:
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इन्डो-इरानी भाषा परिवार (अङ्ग्रेजी: Indo-Iranian language family ) या आर्यन भाषा[२][३][४]भारोपेली भाषा परिवारक सभसँ बृहत शाखा छी । ई भाषा परिवारक मातृभाषी १ अर्ब अछि । ई भाषा परिवारक भाषासभ एकेटा मूल भाषासँ विकसित भेल अछि -- मूल इन्डो-इरानी भाषा (Proto-Indo-Iranian language) जकरा आर्यन भाषा कहल जाइत छल आ ईसा पूर्व तेसर सहस्राब्दी दिस बाजल जाइत छल । ई भाषासभक उत्पति इन्डो-इरानी गणक लोकसभ केनए होइत से मान्यता अछि ।
ई भाषा परिवारकें तीन शाखामे इरानी, इन्डो-आर्यन आ नुरिस्तानी भाषासभमे विभाजन कएल जाइत अछि । मुदा कहियो कहियो दारदार भाषासभ चारिम शाखा छी कहि प्रश्न अवैत अछि । दारदार भाषासभकें इन्डो-आर्यन भाषासभ भितर वर्गीकरण कएल गेल अछि ।
ई भाषा परिवारकें तीन शाखामे विभाजन कएल गेल अछि:
ई समूहमे इन्डो-आर्यन भाषासभ दक्षिण एसियाली क्षेत्र अन्तरगत अवैत अछि आ सभसँ पैग उपशाखा सेहो छी । विश्वक सभसँ पैग भाषासभ (मातृभाषीक हिसाब सँ) इन्डो-आर्यन समूह भितर अवैत अछि: हिन्दुस्तानी भाषा (हिन्दी–उर्दु, ~५९० मिलियन[५]), बङ्गाली (२०५ मिलियन[६]), पञ्जाबी (१०० मिलियन), मराठी (७५ मिलियन), गुजराती (५० मिलियन), भोजपुरी (४० मिलियन), अवधि (४० मिलियन), मैथिली (३५ मिलियन), ओडिया (३५ मिलियन), मारवाडी (३० मिलियन), सिन्धी (२५ मिलियन), असामी (२४ मिलियन), राजस्थानी (२० मिलियन), छत्तिसगढ़ी (१८ मिलियन), सिन्हाली (१६ मिलियन), नेपाली (१७ मिलियन), आ रङ्गपुरी (राजवंशी) (१५ मिलियन) अछि । इरानी भाषा परिवार शाखा अन्तरगत मुख्य भाषासभमे फारसी (६० मिलियन), पश्तो (५० मिलियन), कुर्दिश (३५ मिलियन),[७] आ बलोची (८ मिलियन) छी जकर कूल मातृभाषी प्रयोक्ता १४७१ मिलियन अछि । एहि भाषा परिवार अन्तरगत आओरो विभिन्न छोट छोट भाषासभ सम्मलित अछि ।
संस्कृत (प्राचीन इन्डो-आर्यन भाषा), अवेस्तन आ पुरान फारसी भाषासभ (प्राचीन इरानी भाषासभ) सभसँ प्राचीन इन्डो-इरानी भाषासभ छी ।
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: CS1 maint: archived copy as title (link) (all for 2014), plus several million in Syria, neighboring countries, and the diaspora