शिवपुरी Shivpuri | |
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शिवपुरी की छतरी | |
निर्देशांक: 25°26′N 77°39′E / 25.43°N 77.65°Eनिर्देशांक: 25°26′N 77°39′E / 25.43°N 77.65°E | |
देश | भारत |
राज्य | मध्य प्रदेश |
ज़िला | शिवपुरी ज़िला |
नाम स्रोत | भगवान शिव |
ऊँचाई | 468 मी (1,535 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,79,977 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी, बुन्देली |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 473551 |
वाहन पंजीकरण | MP-33 |
वेबसाइट | shivpuri |
शिवपुरी (Shivpuri) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के शिवपुरी ज़िले में स्थित एक नगर व नगर पालिका है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। भगवान शिव के नाम पर शिवपुरी शहर का नामकरण हुआ है।
शिवपुरी ग्वालियर से 119 किमी की दूरी पर है। यह एक पर्यटक नगरी है। शिवपुरी की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने के लिए यहाँ पर्यटक बड़ी संख्या में आते है। शिवपुरी में ग्वालियर के सिंधिया वंश की ग्रीष्मकालीन राजधानी थी। वे शिवपुरी में गर्मियों के दिनों में यहाँ रहने के लिए आया करते थे। शिवपुरी के घने जंगलों में राजा महाराजा शिकार खेलने आते थे। महाराज ने यहीं से हाथियों के विशाल झुंड और शेरों को पकड़ा था। शिवपुरी के इन घने जंगलों को अब अभयारण्य में परिवर्तित कर दिया गया है, जहाँ अनेक दुर्लभ पशु-पक्षियों और वनस्पतियों को देखा जा सकता है। शिवपुरी में बने कुछ महल और झीलें यहाँ आने वाले पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहती हैं।पूरे वर्ष शिवपुरी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र रहता है। शिवपुरी- झांसी रोड़ पर 42 किलोमीटर स्थिति ग्राम सिरसौद में सिद्ध श्री बिलैया महादेव मंदिर है।
यह शिवपुरी नगर का मुख्य बाजार तथा मुख्य चौराहा है। यहां पर सभी प्रकार की दुकानें और बैंक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।यह नगर का आकर्षण केंद्र है।
छतरी अलंकृत संगमरमर की कारीगरी का उत्कृष्ट नमूना है।छतरी में प्रवेश करते ही विधवा रानी महारानी सख्या राजे सिंधिया की स्मृति में समाधि स्थल है। उसके ठीक सामने तालाब और उसके बाद सामने ही माधव राव सिंधिया का समाधि स्थल बना है। इनके बुर्ज मुग़ल और राजपूत की मिश्रित शैली में निर्मित हैं। इन समाधि स्थलों में संगमरमर और रंगीन पत्थरों की कारीगरी उत्कृष्ट एवं अद्वितीय है। इसी तालाब के एक ओर राम ,सीता और लक्ष्मण का मंदिर और मंदिर के बाहर हनुमान जी खड़े हैं। इस मंदिर के ठीक सामने तालाब के उस पार राधा -कृष्णा का मंदिर है। छत्री का निर्माण ग्वालियर नरेश श्री माधौ महाराज ने अपनी माता की स्मृति में कराया था। बाद में माधौ महाराज की स्मृति में एक और छत्री का निर्माण हुआ। इस तरह माता और पुत्र की छत्रियां आमने सामने हैं। यह स्थल एक पुत्र का अपनी माता के प्रति अटूट प्रेम का प्रतीक है।
शिवपुरी पर्यटन केंद्र है। यहाँ पर दूर-दूर से पर्यटक सदैव आते रहते है। शिवपुरी पूरे वर्ष सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहता है लेकिन वर्षा ऋतु में पहली फुहारों के बाद यहां की प्रकृति में चार चाँद लग जाते हैं। सैलानियों के ठहरने के लिए मप्र पर्यटन विभाग की ओर से 'टूरिस्ट विलेज' की स्थापना की गई है। यह प्राकतिक कुण्ड " भदैया कुण्ड " के निकट स्थित है।
मोरई सरकार ग्राम मोहनगढ़ कंडऊ सरकार ग्राम बूढीवरौद
शिवपुरी में आगरा -बम्बई और झाँसी -शिवपुरी के मध्य माधव नेशनल पार्क स्थित है। इसका क्षेत्रफल 157.58 वर्ग किलोमीटर है। पार्क पूरे वर्ष सैलानियों के लिए खुला रहता है। चिंकारा, भारतीय चिकारे और चीतल की बड़ी संख्या में हैं। नीलगाय, सांभर, चौसिंगा, कृष्णमृग, स्लोथ रीछ, तेंदुए और साधारण लंगूर इस विशाल पार्क के अन्य निवासी हैं।
ग्वालियर से बैतूल तक जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 46 और गुजरात से असम जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 27 यहाँ से गुज़रते हैं और इसे कई अन्य स्थानों से सड़क द्वारा जोड़ते हैं। NH 3 आगरा मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग भी यहीं गुजरता है
भारत की 2011 जनगणना के अनुसार बदरवास की जनसंख्या 1,79,977 थी, जिसमें से 95,132 पुरुष और 84,845 स्त्रियाँ थीं। बदरवास की औसत साक्षरता दर 77.84% है, जो राज्य औसत 69.32% से अधिक है; पुरुषों में 84.62% और महिलाओं में 70.23% साक्षर हैं। जनसंख्या में से 23,373 बच्चे 6 वर्ष से कम आयु की है।