जापान सागर पश्चिमी प्रशांत महासागर का एक समुद्री अंश है। यह समुद्र जापान के द्वीपसमूह, रूस के साख़ालिन द्वीप और एशिया के महाद्वीप के मुख्य भूभाग के बीच स्थित है। इसके इर्द-गिर्द जापान, रूस, उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया आते हैं। क्योंकि कुछ स्थानों को छोड़कर यह क़रीब-क़रीब पूरी तरह ज़मीन से घिरा हुआ है, इसलिए इसमें भी भूमध्य सागर की तरह महासागर के ज्वार-भाटा की बड़ी लहरें नहीं आती। अन्य सागरों की तुलना में जापान सागर के पानी में मिश्रित ऑक्सिजन की तादाद अधिक है जिस से यहाँ मछलियों की भरमार है।
जापान सागर का क्षेत्रफल ९,७८,००० वर्ग किमी है और इसकी सब से अधिक गहराई सतह से ३,७४२ मीटर (१२,२७६ फ़ुट) नीचे तक पहुँचती है। इसके इर्द गिर्द ७,६०० किमी के तट हैं, जिसमें से लगभग आधा रूस की धरती पर पड़ता है। नीचे समुद्र के फ़र्श पर तीन बड़ी द्रोणियाँ हैं: उत्तर में "जापान द्रोणी", दक्षिण-पश्चिम में "त्सुशिमा द्रोणी" और दक्षिण-पूर्व में "यामातो द्रोणी"। जापान द्रोणी सबसे गहरा क्षेत्र है और यहाँ का फ़र्श प्राचीन ज्वालामुखीय पत्थर से बना हुआ है। माना जाता है कि पिछले हिमयुग की चरम स्थिति में जब समुद्र की सतह वर्तमान युग से नीचे थी तो जापान एशिया के मुख्य भाग से धरती द्वारा जुड़ा हुआ था। भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि उस समय जापान सागर आधुनिक कैस्पियन सागर की भाँती एक ज़मीन से घिरा हुआ बंद समुद्र था।
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के एक से अधिक मान दिए गए हैं (मदद)