मुहम्मद के नाम और शीर्षक: परम्परा (हदीस) के मुताबिक, इस्लाम में पैगम्बर मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के कम से कम 99 नाम है, जिन्हें "अस्मा अन- नबी " (अरबी: اسماء النبي , Asmāʾ an-Nabī) के रूप में जाना जाता हैं|
नामों की सूची
हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैैहि वसल्लम को अक्सर प्रशंसा के निम्लिखित शीर्षको के साथ संदर्भित किया जाता है :
नबी = मुतनब्बे करने वाले ("पैगंबर" = पैग़ाम पहुंचाने वाले)
रसूल अल्लाह = "अल्लाह के सन्देशवाहक "
अल-हबीब = "प्रिय"
अल-मुस्तफा = "चुना गया"
अमीन = "भरोसेमंद"
सादिक़ = सच्चे, सत्यवान, "ईमानदार"
रऊफ़ = "दयालु"
अल-इंसान अल-कामिल , "सिद्ध पुरुष"
खैरुल बशर = "मानव जाति में सर्वश्रेष्ठ "
खातिमिन -नबीय्यीन , " पेगाम्बरो की मोहर (अंतिम)"
रहमत उल लील आलमीन ( अरबी : رحمة للعالمين) , "दुनिया के लिए प्यार (या दया या करुणा)"
शहीद , "साक्षी,सत्य व धर्म के लिए अंत तक जीवन समर्पित करने वाले"
अल-मुबशिर , "अच्छे समाचारों के वाहक"
नजीर , "सावधान करने वाला"
मुजाकीर , "अनुस्मारक"
अल-बशीर , "उद्धोषक"
सिराज-उल-मुनीर
यतीम, " अनाथ"
बातिन, " आन्तरिक "
ज़ाहिर, " बाहरी "
आखिर, "अंतिम "
अव्वल, "प्रथम "
मूति, " आज्ञाकारी"
मुबीन, " स्पष्ट"
हक्क, " सत्य "
करीम , "उदार"
निमतुल्लाह , "अल्लाह का आशीर्वाद"
मुज़म्मिल, "लपेटा हुआ "
मुद्दठठिर , "ढका हुआ "
आकिब , " अंतिम (पैगंबर)"
माही , " हटाने वाला (अंधविश्वाश)"
कामिल, "सम्पूर्ण "
नबी-अल-तौबा, " पश्चाताप के पैगंबर"
मुआजाज़ , "सशक्तव्यक्ति"
फतेह , " विजेता"
हाशीर , "लोगों को एकत्र करने वाला"
वली, " मित्र"
शाफी ,"चिकित्सक"
कासिम, "वितरक"
मुजतबा ( अरबी : المجتبى , "चुना गया")
उन्हें इन नामों से भी जाना जाता है:
अबू-कासिम ( अरबी : أبو القاسم , "कासिम के पिता")
अबू-ताहिर , "ताहिर के पिता"
अबू-तैयब , "तैयब के पिता "
अब्दअल्लाह , "अल्लाह का दास"
अबू इब्राहिम , "इब्राहीम के पिता"
इब्न अब्दुल -मुतलिब , "अब्दुल-मुतलिब का पोता "
अहमद , "प्रशंसा के योग्य"
हामिद , "प्रशंसक (अल्लाह का)"
महमूद , "प्रशंसनीय"
अंतिमपैगंबर
इस्लामी पैगम्बर मुहम्मद सहाब का उल्लेख करते समय, मुस्लिम लोगों द्वारा सल्लल्लाहु अलैैहि वसल्लम (अरबी: صلى الله عليه وسلم) का उपयोग किया जाता हैं, हलांकि इसके बजाय " उन पर शांति हो " या " उन पर अमन कायम रहे " भी इस्तेमाल किए जाते हैं | अरबी वाक्यांश को संक्षेप मे "स.अ.व " लिखा जाता है, परंतु कुछ इस्लामी विद्वानो ने वाक्यांश को संक्षेप में करने के अभ्यास से असहमति व्यक्त की है| भारत उपमहाद्वीप में, उन्हें अक्सर हुज़ूर सल्लल्लाहु अलैैहि वसल्लम या सरकार-ए-मदीना कहा जाता हैं| तुर्की मे, उन्हें हज़रत (संत) मुहम्मद, या " पैगम्बर एफेंडिमिज़" ( हमारे नबी )कहा जाता हैं |