चार्ल्स तृतीय | |||||
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ब्रिटिश साम्राज्य एवं राष्ट्रमण्डल देशों के महाराजा | |||||
यूनाइटेड किंगडम के महाराजा राष्ट्रमण्डल प्रजाभूमि देशों के महाराजा | |||||
शासनावधि | ८ सितंबर २०२२ - वर्तमान | ||||
राज्याभिषेक | ६ मई २०२३ | ||||
पूर्ववर्ती | एलिज़ाबेथ द्वितीय | ||||
उत्तराधिकारी | विलियम, वेल्स के राजकुमार | ||||
जन्म | एडिनबर्ग के राजकुमार चार्ल्स १४ नवंबर १९४८ बकिंघम पैलेस, लंदन, यूनाइटेड किंगडम | ||||
जीवनसंगी |
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संतान विवरण | |||||
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घराना | विंडसर घराना | ||||
पिता | राजकुमार फ़िलिप, एडिनबर्ग के ड्यूक | ||||
माता | एलिज़ाबेथ द्वितीय | ||||
Military career | |||||
निष्ठा | यूनाइटेड किंगडम | ||||
सेवा/शाखा | |||||
सेवा वर्ष | १९७१–१९७७ | ||||
उपाधि | लेफ्टिनेंट | ||||
नेतृत्व | एचएमएस ब्रोनिंगटन |
चार्ल्स तृतीय यूनाइटेड किंगडम के महाराजा और १४ अन्य राष्ट्रमंडल क्षेत्र हैं। वह ८ सितंबर २०२२ को अपनी मां एलिज़ाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद सिंहासन पर बैठे। १९५२ से ड्यूक ऑफ कॉर्नवाल और ड्यूक ऑफ रोथेसे के रूप में, वह ब्रिटिश इतिहास में सबसे पुराने और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले उत्तराधिकारी हैं, और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले वेल्स के राजकुमार थे, जिन्होंने २६ जुलाई १९५८ से अपने परिग्रहण तक यह उपाधि धारण की थी। ७३ वर्ष की आयु में, चार्ल्स ब्रिटिश सिंहासन ग्रहण करने वाले अब तक के सबसे उम्रदराज व्यक्ति भी हैं।
चार्ल्स का जन्म बकिंघम पैलेस में तत्कालीन राजकुमारी एलिजाबेथ, एडिनबर्ग के डचेस और एडिनबर्ग के ड्यूक प्रिंस फिलिप और तत्कालीन किंग जॉर्ज छठा और क्वीन एलिजाबेथ (द क्वीन मदर) के पहले पोते के रूप में हुआ था। उन्होंने चेम और गॉर्डनस्टोन स्कूलों में शिक्षा प्राप्त की, जिसमें उनके पिता दोनों ने एक बच्चे के रूप में भाग लिया। बाद में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में जिलॉन्ग ग्रामर स्कूल के टिम्बरटॉप परिसर में एक साल बिताया। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से कला स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद, चार्ल्स ने १९७१ से १९७६ तक रॉयल एयर फ़ोर्स और रॉयल नेवी में सेवा की। १९८१ में, उन्होंने लेडी डायना स्पेंसर से शादी की, जिनसे उनके दो बेटे, प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी थे। १९९६ में, दोनों ने अच्छी तरह से प्रचारित विवाहेतर संबंधों में शामिल होने के बाद तलाक ले लिया। अगले वर्ष पेरिस में एक कार दुर्घटना में डायना की मृत्यु हो गई। २००५ में, चार्ल्स ने अपने लंबे समय के साथी, कैमिला पार्कर बाउल्स से शादी की।
प्रिंस ऑफ वेल्स के रूप में, चार्ल्स ने एलिजाबेथ द्वितीय की ओर से आधिकारिक कर्तव्यों का पालन किया। उन्होंने १९७६ में प्रिंस ट्रस्ट के युवा चैरिटी की स्थापना की, प्रिंस के चैरिटी को प्रायोजित किया, और ४०० से अधिक अन्य चैरिटी और संगठनों के संरक्षक, अध्यक्ष या सदस्य हैं। उन्होंने ऐतिहासिक इमारतों के संरक्षण और समाज में वास्तुकला के महत्व की वकालत की है। आधुनिकतावादी वास्तुकला के आलोचक, चार्ल्स ने अपने वास्तुशिल्प स्वाद के आधार पर एक प्रयोगात्मक नए शहर पाउंडबरी के निर्माण पर काम किया। वह कई पुस्तकों के लेखक या सह-लेखक भी हैं।
एक पर्यावरणविद्, चार्ल्स ने डची ऑफ कॉर्नवाल एस्टेट्स के प्रबंधक के रूप में अपने समय के दौरान जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए जैविक खेती और कार्रवाई का समर्थन किया, जिससे उन्हें पर्यावरण समूहों से पुरस्कार और मान्यता प्राप्त हुई। वह आनुवंशिक रूप से संशोधित भोजन को अपनाने के एक प्रमुख आलोचक भी हैं। होम्योपैथी और अन्य वैकल्पिक चिकित्सा के लिए चार्ल्स का समर्थन आलोचना का विषय रहा है। दानदाताओं को ब्रिटिश नागरिकता देने से संबंधित आरोपों के बाद, उनके एक चैरिटी, प्रिंस फाउंडेशन के आचरण की आलोचना हुई थी; वर्तमान में, चैरिटी ऑनर्स के बदले नकद आरोपों में चल रही मेट्रोपॉलिटन पुलिस जांच का विषय है।
साँचा:ब्रिटिश राजपरिवार 14 नवम्बर 1948 में चार्ल्स का जन्म बकिंघम पैलेस में हुआ था और वे उस समय एडिनबर्ग की डचेस, राजकुमारी एलिजाबेथ और एडिनबर्ग के ड्यूक फिलिप की पहली संतान थे और किंग जॉर्ज VI और महारानी एलिजाबेथ के पहले पोते थे। 15 दिसम्बर 1948 को महल के संगीत कक्ष में चार्ल्स का बपतिस्मा कैंटरबरी के आर्कबिशोप जियोफरी फिशर द्वारा किया गया, इसमें जोर्डन नदी के जल का प्रयोग किया गया, प्रिंस के गौडपेरेंट्स में उनके नाना, उनके परनानी क्वीन मेरी, उनके मौसी प्रिंसेस मरगराट, उनकी परदादी मिलफोर्ड हेवेन की डोवाजर मर्चियोनेस, उनके बड़े मामा डेविड बोस-ल्योन; उनकी बुआ लेडी ब्राबोर्न; उनके दादा के भाई नोर्वे के किंग हाकोन VII (जिनके लिए अर्ल ऑफ एथलोन, एलेक्जेंडर कैम्ब्रिज ने प्रतिनिधित्व किया), उनके बड़े चाचा ग्रीस के प्रिंस जॉर्ज (जिनका प्रतिनिधित्व प्रिंस फिलिप ने किया) शामिल थे। चार्ल्स के परदादा किंग जॉर्ज V के एकस्व पत्र के आधार पर, ब्रिटिश राजकुमार या राजकुमारी की पदवी और रॉयल हाइनेस शैली, केवल शाही पुरुष संतानों और पोतों को दी जानी चाहिए साथ-साथ वेल्स के युवराज के बड़े पुत्र की संतानों को दी जायेगी. हालांकि, 22 अक्टूबर 1948 में जॉर्ज VI ने एक नया एकस्वपत्र जारी किया जिसमें राजकुमारी एलिज़ाबेथ और राजकुमार फिलिप की किसी भी संतान के लिए इस सम्मान को स्वीकार किया गया; अन्यथा, चार्ल्स ने अपने पिता की पदवी को प्राप्त किया और तब से शिष्टता द्वारा अर्ल ऑफ मेरियोनेथ के रूप में उपाधि दी जाती है। इस तरह, प्रकल्पित उत्तराधिकारिणी के बच्चों को एक शाही राजसी उपाधि मिली थी।
जब चार्ल्स तीन साल के थे, तो महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के रूप में उनकी मां के राज्यारोहण के चलते वे तुरंत उन सात देशों के स्पष्ट उत्तराधिकारी बन गए जिन पर उनकी मां राज करती थीं। जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने ड्युक ऑफ कॉर्नवेल की उपाधि प्राप्त की (चार्टर ऑफ किंग एडवर्ड III द्वारा शाही खानदान के बडें बेटे को उपरोक्त पदवी दी गई) और स्कॉटिश मान्यता में ड्युक ऑफ रोथसे, अर्ल ऑफ केरिक, बेरोन ऑफ रेनफ्रिउ, लॉर्ड ऑफ द इसलेस और प्रिंस एंड ग्रेट स्टेवार्ड ऑफ स्कॉटलैंड की उपाधि प्राप्त की. हालांकि सिंहासन के वारिस के रूप में वे सबसे आगे थे, ब्रिटिश पूर्वता-क्रम में वे अपने माता-पिता के बाद तृतीय स्थान पर हैं और अन्य पूर्वता-क्रम में आमतौर पर चौथे या पांचवें स्थान पर हैं, जिसमें वे अपनी मां, प्रासंगिक वाइस रीगल प्रतिनिधि और अपने पिता के बाद आते हैं। चार्ल्स ने 1953 में वेस्टमिंस्टर एबे में अपनी माता के राज्याभिषेक में भाग लिया और अपनी दादी मां और चाची के साथ बैठे. शाही वंश की प्रथा के अनुसार कैथरीन पीबल्स नामक एक महिला की नियुक्ति अध्यापिका के रूप में की गई और 5 से 8 साल के बीच इनकी शिक्षा उनकी देख-रेख में हुई. बकिंघम पैलेस ने 1955 में यह घोषणा की कि चार्ल्स निजी शिक्षक के बजाए स्कूल में शिक्षा प्राप्त करेंगे और इस प्रक्रिया से शिक्षा प्राप्त करने वाले चार्ल्स ऐसे पहले उत्तराधिकारी बने.
चार्ल्स ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा वेस्ट लंदन के हिल हाउस स्कूल में प्राप्त की, जहां विद्यालय के संस्थापक और तत्कालिक अध्यक्ष स्टुवर्ट टाउनेंड के द्वारा उन्हें गैर-तरजीह व्यवहार के अंतर्गत रखा गया, स्टुअर्ट ने चार्ल्स को फुटबाँल में प्रशिक्षण दिलाने की क्वीन को सलाह दी, चूंकि हिल हाउस के छात्र फुटबॉल मैदान पर सभी के साथ समान व्यवहार करते थे। उसके बाद राजकुमार ने अपने पिता के पूर्व स्कूल चिम प्रिपरेटरी स्कूल में दाखिला लिया, जो कि इंग्लैंड के बर्कशायर में स्थित था और अंततः स्कॉटलैंड के उत्तर-पूर्व में स्थित गोर्डोंसटाउन में स्थानांतरित हुए. राजकुमार कथित तौर पर उत्तरार्द्ध स्कूल में बिताए गए समय को नापसंद करते हैं - जिसे चार्ल्स ने "कोल्डिट्ज़ इन किल्ट" के रूप में व्यक्त किया है - हालांकि उन्होंने अपनी दो समयाविधि को गिलॉन्ग, ऑस्ट्रेलिया में गिलॉन्ग ग्रामर स्कूल के टिम्बरटॉप कैंपस में बिताया, इस दौरान उन्होंने अपने अनुशिक्षक माइकल कोलिंस परसे के साथ इतिहास सम्बन्धी यात्रा के तहत पपुआ न्यू गुनिया की यात्रा की. गोर्डोंसटाउन में अपनी वापसी के बाद चार्ल्स, अपने पिता की नकल करते हुए हेड बॉय बने और इतिहास और फ्रेंच में दो A लेवल के साथ 1967 में स्कूल छोड़ा.
परंपरा को एक बार फिर उस वक्त तोड़ा गया जब चार्ल्स माध्यमिक स्कूल से सीधे विश्वविद्यालय में भर्ती हुए, चूंकि उन्होंने सशस्त्र बलों में भर्ती होने से मना कर दिया था। उनके A लेवल में केवल B और C ग्रेड प्राप्त करने के बावजूद, विन्डसोर के डीन रोबिन वुड्स की सिफारिश पर कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज में प्रिंस का दाखिला हुआ, जहां उन्होंने मानव विज्ञान, पुरातत्व और इतिहास की पढ़ाई की, जहां कनाडा में जन्मे प्रोफेसर जॉन कोल्स उनके अनुशिक्षक थे। 23 जून 1970 को उन्होंने 2:2 के साथ कला में स्नातक की डिग्री हासिल की और विश्वविद्यालय की डिग्री प्राप्त करने वाले शाही परिवार के वे तीसरे सदस्य बने. तत्पश्चात 2 अगस्त 1975 को विश्वविद्यालय के परंपरा के अनुसार उन्हें कैम्ब्रिज से कला में स्नातकोत्तर की डिग्री से सम्मानित किया गया। अपनी तृतीयक शिक्षा के दौरान चार्ल्स ने ओल्ड कॉलेज (एबेरिस्टवेथ में स्थित वेल्स विश्वविद्यालय का एक हिस्सा) में भी दाखिला लिया, जहां उन्होंने वेल्स भाषा और वेल्स इतिहास का अध्ययन किया। वे वेल्स के ऐसे पहले युवराज थे जिनका जन्म वेल्स से बाहर होने के बावजूद उन्होंने रियासत की भाषा सीखने का प्रयास किया।
26 जुलाई 1958 में चार्ल्स को प्रिंस ऑफ वेल्स और अर्ल ऑफ चेस्टर बनाया गया, हालांकि उनका अलंकरण वैसे तो 1 जुलाई 1969 तक आयोजित नहीं किया गया था, जहां कैनारफोन कैसल में आयोजित एक टेलीविजन समारोह में उनकी माता द्वारा उन्हें ताज पहनाया गया और उन्होंने अपने जवाब और भाषण वेल्श और अंग्रेजी, दोनों में दिया. अगले वर्ष उन्होंने हाउस ऑफ लॉर्ड्स में अपनी सीट प्राप्त की और एक दशक बाद, ब्रिटिश मंत्रिमंडल बैठक में भाग लेने वाले किंग जॉर्ज I के बाद शाही परिवार के वे पहले सदस्य बने, उन्हें प्रधानमंत्री जेम्स कैलघन ने आमंत्रित किया था ताकि प्रिंस ब्रिटिश सरकार और मंत्रिमंडल के कामकाज को प्रत्यक्ष रूप से देख सकें. चार्ल्स ने कई सार्वजनिक कर्तव्यों का भार लेना भी शुरू किया, 1976 में द प्रिसेस ट्रस्ट की स्थापना की, और 1981 में संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा की.
लगभग इसी समय प्रिंस ने ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर जनरल के रूप में सेवा करने की अपनी मंशा को अभिव्यक्त किया; कमांडर माइकल पार्कर ने कहा कि, "नियुक्ति के पीछे जो विचार था वह उनके लिए राजतंत्र में सीढ़ी चढ़ने के बराबर था, या भविष्य का भावी महाराजा बनने और व्यापार को सीखना था।" हालांकि, ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रवादी भावना और 1975 में गवर्नर जनरल द्वारा सरकार की बर्खास्तगी के संयोजित कारणों के चलते इस प्रस्ताव का कोई फल सामने नहीं आ सका. चार्ल्स ने ऑस्ट्रेलियाई मंत्रियों के फैसले को थोड़ा अफसोस के साथ स्वीकार करते हुए कथित तौर पर कहा: "आप क्या सोचेंगे जब आप मदद करने के लिए कुछ करने के लिए तैयार हैं और तब आपसे कहा जाता है आपकी आवश्यकता नहीं है?" इसके विपरीत, टॉम गैलघर ने लिखा कि चार्ल्स को राजतंत्र वादियों द्वारा रोमेनियाई सिंहासन की पेशकश की गई थी; एक ऐसा प्रस्ताव जिसे कथित तौर पर अस्वीकार कर दिया गया।
स्पष्ट उत्तराधिकारियों के लिए इस पदवी के सृजन के बाद से, प्रिंस ऑफ वेल्स की पदवी को रखने वाले, राजकुमार चार्ल्स सबसे बूढ़े व्यक्ति हैं। साथ ही कॉमनवेल्थ की दुनिया के इतिहास में वे सबसे पुराने उत्तराधिकारी हैं और लंबे समय तक सेवा देने वाले वे दूसरे उत्तराधिकारी हैं, जो कि केवल एडवर्ड VII से पीछे हैं और ब्रिटिश इतिहास में लम्बे समय से प्रिंस ऑफ वेल्स के रूप में सेवा प्रदान करने वाले चार्ल्स तीसरे स्थान पर हैं और एडवर्ड VII और जॉर्ज IV से पीछे हैं, आगामी 9 सितम्बर 2017 में उनसे वे आगे निकल जाएंगे यदि वे तब भी प्रिंस ऑफ वेल्स बने रहे. अगर वे 18 सितंबर 2013 के बाद भी राजगद्दी पर बैठे रहेंगे तो चार्ल्स यूनाइटेड किंगडम के सबसे पुराने मोनार्क बन जाएंगे; केवल विलियम IV सबसे पुराने थे जब वे मोनार्क बने थे, जो चार्ल्स वर्तमान में हैं।
वेल्स के राजकुमारों (प्रिंस ऑफ वेल्स) की परम्परा का वहन करते हुए चार्ल्स ने नौसेना और वायु सेना में समय बिताया. रॉयल एयर फोर्स प्रशिक्षण के बाद जिसका अनुरोध उन्होंने कैम्ब्रिज में दूसरे वर्ष के दौरान किया और फिर प्राप्त किया, 8 मार्च 1971 को राजकुमार जेट पायलट के रूप मे प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए रॉयल एयर फोर्स कॉलेज क्रानवेल पहुंचे। उस वर्ष सितंबर में सैन्य यात्रा करने के बाद, उन्होंने नौसेना में अपने करियर की शुरूआत की और रॉयल नेवल कॉलेज डार्टमाउथ में छह सप्ताह के पाठ्यक्रम में दाखिला लिया और निर्देशित विध्वंसक मिसाइल HMS Norfolk पर काम किया (1971-1972) और फ्रिगेट HMS Minerva (1972-1973) और HMS Jupiter (1974) के लिए भी अपना योगदान दिया. 1974 में HMS Hermes से संचालन करते हुए चार्ल्स ने 845 नेवल एयर स्क्वाड्रन में शामिल होने से ठीक पहले आरएनएएस यिओविल्टन में हेलीकाप्टर पायलट के रूप में भी योग्यता हासिल की और 9 फ़रवरी 1976 को प्रिंस ने नेवी में अपने अंतिम नौ महिनों के लिए कोस्टल माइनहंटर HMS Bronington की कमान अपने हाथों में ली. कुल मिलाकर, प्रिंस चार्ल्स ने चिपमंक बुनियादी पायलट ट्रेनर, एक हेरियर टी एमके.4 वी/एसटीओ फाइटर, एक बीएसी जेट प्रोवोस्ट जेट पायलट ट्रेनर, एक निर्मोड मेरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट, एक एफ-4 फैंटम II फाइटर जेट. एक एवरो वल्कन जेट बॉम्बर और एक स्पिटफायर क्लासिक WWII फाइटर में योग्यता प्राप्त की है।
प्रिंस चार्ल्स का प्रेम संबंध हमेशा ही अटकलों और प्रेस की सुर्खियों का विषय रहा है। अपने युवाकाल में चार्ल्स कई औरतों से जुड़े थे, जिसमें स्पेन के ब्रिटिश राजदूत की पुत्री जोर्जियाना रशेल, अर्थर वेलेस्ले, ड्युक ऑफ वेलिंगटन की पुत्री लेडी जेन वेलेस्ले, डेविना शेफिल्ड; मॉडल फियोना वॉटसन; सुसान जॉर्ज; लेडी सारा स्पेन्शर; लक्जेमबर्ग की राजकुमारी मारिया एस्ट्रीड; डेल, बेरोनेस टायरोन; जेनेट जेनकिंस; और जेन वार्ड शामिल हैं। चार्ल्स केवल राष्ट्रमंडल रियासतों के सिंहासन के उत्तराधिकारी ही नहीं हैं, भविष्य के वारिस के सृजन के लिए एक विवाह भी अपेक्षित था। परिणामतः पत्नी के बारे में उनकी पसंद ने अपार लोकप्रिय रुचि का निर्माण किया। शाही विवाह अधिनियम 1772 के तहत उनकी माता के अनुमोदन के अलावा विशेष रूप से दुल्हन की प्रतिष्ठा को महत्वपूर्ण माना गया। इस अधिनियम के तहत, रोमन कैथोलिक से विवाह उन्हें और उस विवाह से होने वाली संतान के उत्तराधिकार को स्वतः समाप्त कर देगा.
चार्ल्स को डेटिंग और भावी पत्नी के चयन के लिए उनके पिता के "अंकल डिकी", लुईस माउंटबेटन, बर्मा के पहले अर्ल माउंटबेटन द्वारा लिखित रूप से सलाह दी गई थी; "तुम्हारे जैसे मामले में, आदमी को मस्ती में जीना चाहिए और जितने हो सके उतने प्रेम संबंध बनाने चाहिए, लेकिन पत्नी के लिए उसे उपयुक्त, आकर्षक और अच्छे चरित्र वाली लड़की को चुनना चाहिए, जिसका, तुमसे मिलने से पहले किसी और से संबंध न हो... विभिन्न अनुभव प्राप्त करना महिलाओं के लिए परेशानी का विषय है अगर उन्हें शादी के बाद एक कुर्सी पर बने रहना है। " माउंटबेटन के पास सिंहासन के इस वारिस को यह सुझाव देने की विशेष योग्यता थी: उन्होंने जॉर्ज VI, क्वीन एलिज़ाबेथ और उनकी पुत्रियों को 22 जुलाई 1939 को डार्टमाउथ रॉयल नेवल कॉलेज में भ्रमण के लिए आमंत्रित किया था और युवा राजकुमारियों के साहचर्य के लिए कैडेट ग्रीस के प्रिंस फिलिप को विस्तार से बताया था, उन्होंने चार्ल्स के भावी माता-पिता की प्रथम प्रलेखित मुलाक़ात को प्रबंधित किया था। 1974 के शुरू में, माउंटबेटन ने एलिज़ाबेथ और फिलिप के बड़े बेटे की संभावित शादी माउंटबेटन की पोती सुश्री एमेंडा नेचबुल (जन्म 26 जून 1957) से करने की बातचीत शुरू की. और सिफारिश की कि पच्चीस वर्षीय राजकुमार को अपने कुंवारे जीवन के प्रयोगों पर अब विराम लगा देना चाहिए. चार्ल्स ने कर्त्तव्यनिष्ठा के साथ एमेंडा की माता लेडी ब्राबोर्न (जो उनकी गौडमदर भी थी), को उनकी बेटी में अपनी रूची को पत्राचार द्वारा अभिव्यक्त किया, जिसका उन्होंने स्वीकृति के साथ जवाब दिया, हालांकि उन्होंने सलाह दी कि प्रणय निवेदन समय से पहले था।
इससे माउंटबेटन निरूत्साहित नहीं हुए, जिन्हें चार साल बाद चार्ल्स के 1980 के भारत दौरे के वक्त एमेंडा के साथ आने का निमंत्रण मिला. हालांकि दोनों ही पिताओं ने आपत्ति की; फिलिप ने शिकायत की कि प्रिंस ऑफ वेल्स को अपने प्रसिद्ध चाचा द्वारा तिरोभाव किया जाएगा (जिन्होंने अंतिम वायसराय और प्रथम भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में सेवा की थी), जबकि लोर्ड ब्रेबॉर्न ने चेतावनी दी कि एक संयुक्त यात्रा में उनके पति-पत्नी बनने का फैसला करने से पहले भाई-बहनों पर मीडिया का ध्यान आकर्षित होगा, जिससे संभावित आशा तेज हो जाएगी, जिसके लिए माउंटबेटन ने उम्मीद की है। हालांकि, इससे पहले कि चार्ल्स अकेले ही भारत के लिए रवाना होते, अगस्त 1979 में माउंटबेटन की हत्या कर दी गई। जब चार्ल्स वापस आए, उन्होंने एमेंडा के सामने अपने प्रेम प्रस्ताव को रखा. हालांकि, एमेंडा अपने दादा के अलावा, हमले में अपनी दादी और छोटे भाई निकोलस को भी खो चुकी थी और अब रॉयल परिवार की मुख्य सदस्य बनने की उसकी संभावना बढ़ गई। जून 1980 में चार्ल्स ने आधिकारिक तौर पर चेवनिंग हाउस को अस्वीकार कर दिया, 1974 तक उसे अपने भावी आवास के रूप में रखा. केंट में स्थित एक आलीशान घर, चेवनिंग को एमेंडा के निःसंतान चाचा अर्ल स्टैनहोप के द्वारा चार्ल्स को अक्षयनिधि के साथ उत्तरदान किया गया, इस आशा के साथ कि अंततः चार्ल्स कभी उसमें रहेंगे.
चार्ल्स की मुलाक़ात लेडी डायना फ्रांसिस स्पेन्सर से पहली बार 1977 में हुई, जब वे उनकी बड़ी बहन सारा के मित्र के रूप में उनके घर अल्थोर्प गए - उन्होंने 1980 की गर्मियों तक उन्हें (डायना को) प्रेम की दृष्टि से नहीं देखा था। जुलाई में दोनों जब सूखी घास की एक गठरी पर एक साथ एक दोस्त के बार्बेक्यु के सामने बैठे थे, चार्ल्स ने माउंटबेटन की मौत की चर्चा की, जिसके जवाब में डायना ने कहा कि उसके चाचा के अंतिम संस्कार के दौरान चार्ल्स काफी असहाय लग रहे थे और उन्हें देखभाल की आवश्यकता थी। जल्द ही, चार्ल्स के चुनिन्दा जीवनी लेखक जोनाथन डिम्बलबाई के अनुसार, "भावनाओं की बिना किसी स्पष्ट वृद्धि के, उन्होंने उसे संभावित दुल्हन के रूप में गंभीरता से सोचना शुरू किया।" वे राजकुमार के साथ बालमोरल और सेनड्रिनघम के दौरे पर साथ गई और इस बात को लेकर शाही परिवार के अधिकांश सदस्यों की प्रतिक्रिया उत्साही थी।
क्वीन ने चार्ल्स को सीधे कोई सलाह नहीं दी, जबकि उनके चचेरे भाई नोर्टन नैचबुल (एमेंडा का बड़ा भाई) और उसकी पत्नी पैन्नी ने दी. लेकिन चार्ल्स को उन लोगों की इस आपत्ति से काफी गुस्सा आया कि उन लोगों को लगता है कि वे डायना से प्रेम नहीं करते जबकि डायना उनके ओहदे से काफी विस्मयाभिभूत नज़र आती हैं। इस बीच, दोनों ही, लगातार जारी प्रेस अटकलों और पपराज़ी कवरेज के बीच डेटिंग करते रहे. जब प्रिंस फिलिप ने उन्हें बताया कि अगर वे जल्दी ही उससे शादी करने के बारे में निर्णय नहीं लेते तो घुसपैठ करती मीडिया का ध्यान उनकी प्रतिष्ठा को खराब करेगा, उन्होंने महसूस किया कि शाही दुल्हन के रूप में डायना भी स्पष्ट रूप से माउंटबेटन के मानदंड पर खरी हैं (और, जाहिर तौर पर जनता के भी) और चार्ल्स ने अपने के पिता की सलाह को चेतावनी के रूप में बिना देर किए आगे बढ़ने के आशय को समझा.
प्रिंस चार्ल्स ने फरवरी 1981 में डायना के सामने शादी का प्रस्ताव रखा और उसने स्वीकार किया और जब उन्होंने उसके पिता से उसका हाथ मांगा तो उन्होंने भी रिश्ते के लिए हां कर दी. ब्रिटिश और कनाडाई प्रिवी कौंसिल द्वारा उनके रिश्ते को (जिसकी मांग की गई क्योंकि इस जोड़ी द्वारा उन देशों के वारिस को जन्म देने की आशा थी) मंजूरी देने के बाद, काउंसिल की क्वीन ने कानूनी तौर पर आवश्यक अनुमति दी और 29 जुलाई को चार्ल्स और डायना ने सेंट पॉल कैथेड्रल में 3,500 मेहमानों की मौजूदगी में और लगभग 750 मिलियन टेलीविजन दर्शकों के समक्ष विवाह रचाया. महारानी के सभी गवर्नर-जनरल के अलावा यूरोप की सभी ताजपोश शख्सियतें विवाह में शामिल हुईं (केवल स्पेन के किंग जुआन कार्लोस I नहीं आए, जिन्हें शामिल न होने की सलाह दी गई थी क्योंकि नव विवाहित जोड़े का हनीमून गिब्राल्टर के विवादित क्षेत्र में रुकने वाला था). यूरोप के राज्यों के अधिकांश निर्वाचित प्रमुख भी मेहमानों का हिस्सा थे, जिसमें ग्रीस के राष्ट्रपति कोंसटानटाइन करामनलिस (ग्रीस के निर्वासित मोनार्क कोंसटानटाइन II, वर के निकट संबंधी और मित्र थे, जिन्हें "हेलेनस के किंग के रूप" में आमंत्रित किया गया था, जिसके कारण उन्हें अस्वीकार कर दिया गया था) और आयरलैंड के राष्ट्रपति पेट्रिक हिलेरी (जिन्हें उत्तरी आयरलैंड के ओहदे के विवाद के कारण टाओसेक चार्लेस होगे द्वारा शामिल न होने की सलाह दी गई थी) अपवाद थे।[N 1]
नवविवाहित जोड़े ने टेटबरी और केंगसिंगटोन पैलेस के करीब हाईग्रुव हाउस पर अपना घर बनाया. लगभग थोड़े ही समय में वेल्स की नई राजकुमारी सबके आकर्षण का केन्द्र बन गई और उनका पीछा पपराज़ी (सनसनीखेज फोटोग्राफर जो जानी-मानी हस्तियों की तस्वीरें लेते हैं) करने लगे और उनकी हर चाल पर मास मीडिया के माध्यम से लाखों लोगों की नज़र रहती थी। इस दम्पति की दो संतानें हुई: प्रिंसेस विलियम (21 जून 1982 को जन्म) और हेनरी ("हैरी" के रूप में ज्ञात) (15 सितम्बर 1984 को जन्म). चार्ल्स ने उस वक्त मिसाल कायम की जब वे अपने बच्चों के जन्म के समय उपस्थित रहने वाले पहले शाही पिता बने.
वेल्स की राजकुमारी और राजकुमार के बीच संबंधों में जल्द ही दरारे पड़नी लगी; आपसी समानताओं के बावजूद, उदाहरण के लिए दान कार्यों के प्रति दोनों का समर्पण - डायना का ध्यान एड्स पीड़ितों पर केंद्रित था, जबकि चार्ल्स ने शहरी केन्द्रों में उपेक्षित समूहों पर अपना ध्यान केन्द्रित किया - पांच साल के भीतर ही यह "स्वप्नलोक" विवाह पतन के कगार पर था। उन घटनाओं और परिस्थितियों में डायना की स्थिति असहनीय हो गई थी जिसमें केमिला पार्कर-बोल्स की लगातार उपस्थिति होती थी। चार्ल्स के सहयोगियों [कौन?] जिन्होंने डायना के खिलाफ सार्वजनिक रूप से और पीठ पीछे वक्तव्य दिया [उद्धरण चाहिए] यह आरोप लगाया कि वह अस्थिर और मनमौजी थी; एक-एक करके उसने जाहिरा तौर पर [weasel words] चार्ल्स के कई पुराने स्टाफ सदस्यों को बर्खास्त करवा दिया और उनके दोस्तों के अलावा अपने परिवार के सदस्यों से झगड़ा करती थी - अपने पिता, माता और भाई के साथ - इसके आलावा शाही परिवार के सदस्यों से भी, जैसे सारा, डचेस ऑप योर्क के साथ. [उद्धरण चाहिए] राजमहल की इच्छा के खिलाफ राजकुमारी ने शाही सलाह के सामान्य स्वीकृत स्त्रोतों से सलाह मांगनी चाही. [उद्धरण चाहिए] राजकुमार द्वारा मांगी राहत के जवाब में डायना ने भले रूप में प्रतिक्रिया दी. हालांकि, वैवाहिक समस्याओं के लिए चार्ल्स को भी दोषी ठहराया गया, क्योंकि उन्होंने पार्कर बोल्स के साथ चक्कर द्वारा अपने व्यभिचारिक रिश्ते को फिर से शुरू कर दिया था। तथापि सार्वजनिक रूप से वे दम्पति बने रहे, चार्ल्स और डायना प्रभावी ढंग से 1980 के दशक के अंत में अलग हुए, राजकुमार हाईग्रुव में रहने लगे और राजकुमारी केंसिंग्टन पैलेस में रहने लगी. उनके अलग रहने के लम्बे समय और एक दूसरे की उपस्थिति में असहज महसूस करने को मीडिया द्वारा देखा गया और विश्वासघात के आपसी आरोप के सबूत पत्रिकाओं और समाचार में प्रसारित होने लगे थे। 1992 तक यह विवाह सभी बिन्दुओं से लगभग समाप्त हो चुका था, दिसम्बर में यूनाईटेड किंगडम के तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन मेजर ने ब्रिटिश संसद में राजकुमार और राजकुमारी के औपचारिक रूप से अलग होने की घोषणा की, उसके बाद मीडिया ने पक्ष लेना शुरू किया और आरम्भ में इसे वॉर ऑफ द वेल्सेस (वेल्स की लड़ाई) के नाम से जाना गया। अक्टूबर 1993 में, डायना ने अपने एक दोस्त को लिखा कि उसे विश्वास है कि उसका पति टिगी लेगे-बोर्के से प्रेम करता हैं और उससे वह विवाह करना चाहता था। चार्ल्स और डायना का विवाह अंततः 28 अगस्त 1996 में औपचारिक रूप से तलाक के साथ समाप्त हुआ।
राजकुमार और राजकुमारी के तलाक होने के एक साल के बाद 31 अगस्त 1997 में डायना की मौत पेरिस में एक कार दुर्घटना में हुई, उस कार में उसके साथी डोडी फायड और कार चालक हेनरी पॉल थे। वेल्स के राजकुमार ने राजमहल के प्रोटोकॉल विशेषज्ञों के विचारों को खारिज कर दिया - जिन्होंने तर्क दिया कि चूंकि डायना अब शाही परिवार की सदस्य नहीं है, उसके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जिम्मेवारी उसके परिवार पर है, द स्पेंसर्स- और वे डायना की बहन के साथ अपनी पूर्व पत्नी के शव को घर ले जाने के लिए पेरिस गए। भविष्य के अनुमानित महाराजा (उनका पुत्र विलियम) की मां के रूप में उसे औपचारिक रूप से शाही अंतिम संस्कार दिए जाने पर भी उन्होंने जोर दिया; औपचारिक रूप से अंतिम संस्कार की एक नई श्रेणी का निर्माण विशेष रूप से उसके लिए किया गया।
1993 में, ब्रिटिश पत्रिकाओं ने 1989 के टेनीफोन पर प्रिंस ऑफ वेल्स और केमिला पार्कर-बोल्स के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग को हासिल किया, जिसमें चार्ल्स ने अपने साथ उसके संबंध के कारण उसके द्वारा सहे गए अपमान के लिए खेद व्यक्त किया और उन दोनों के बीच शारीरिक अंतरंगता की ग्राफ़िक अभिव्यक्ति को भी बताया गया। एक साल बाद एक टेलीविजन साक्षात्कार में चार्ल्स ने स्वीकार किया कि उन्होंने व्यभिचार किया है "एक बार जब इसका पता चल गया तो शादी टूट चुकी थी" और उसी साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उनके पिता ने एक रखैल लेने की मंजूरी दी थी। हालांकि इस अभिकथन का एडिनबर्ग के ड्यूक द्वारा जोरदार खंडन किया गया था और क्षमाप्राप्त व्यभिचार की बात ने पिता और पुत्र में काफी दरार पैदा कर दी. [उद्धरण चाहिए] जब बाद में यह पुष्टि की गई कि यह कोई और नहीं बल्कि केमिला पार्कर-बोल्स थी जिससे उनका प्रेम-संबंध था, तो उसके पति एंड्रियु ने तुरंत ही अपनी पत्नी से तलाक की मांग की और उसके बाद युवराज के साथ अपनी पत्नी के चल रहे प्रेम-संबंध को लेकर चुप्पी साध ली.
चार्ल्स ने श्रीमती पार्कर बोल्स के साथ अपने संबंध को अधिक सार्वजनिक और स्वीकार्य बनाने का प्रयास किया जिसके तहत उन्होंने उसे समारोहों में अपनी अनौपचारिक, सामयिक साथी बनाया. से संबंधित तथ्यों को स्वीकार किया। वेल्स की राजकुमारी की मौत के समय इनका साथ-साथ दिखना अस्थायी रूप से कुछ कम हो गया था, लेकिन 1999 में पार्कर बोल्स की बहन अनाबेल इलिएट की जन्मदिवस पार्टी के बाद चार्ल्स और पार्कर बोल्स ने एक साथ सार्वजनिक रूप से फोटो खींचवाए, यह घटना आधिकारिक रूप से उनके पति-पत्नी बनने का संकेत दे रही थी [उद्धरण चाहिए], यह संकेत तब और भी दृढ़ हुआ जब पार्कर बोल्स ने जून 2000 में रानी से मुलाकात की. 2003 में केमिला चार्ल्स के घर आ गई, जिसके परिणामस्वरूप दोनों घरों की सजावट में परिवर्तन किया गया, हालांकि उन्होंने स्पष्ट रूप से यह इंगित किया कि बकिंघम राजमहल के नवीनीकरण में सार्वजनिक धन का प्रयोग नहीं किया गया है। हालांकि दोनों के बीच शादी दुर्ग्राह्य बनी रही: चूंकि चर्च ऑफ इंग्लैंड के भावी सुप्रीम गवर्नर, के रूप में संभावित चार्ल्स एक तलाकशुदा से विवाह कर रहे थे और एक ऐसी महिला जिसके साथ उनके अवैध संबंध थे, आदि बातें काफी विवादास्पद रही थीं। जनता और चर्च, दोनों के विचार में बदलाव आया, जहां अदालती विवाह को एक स्वीकार्य समाधान के रूप में देखा गया। [उद्धरण चाहिए]
10 फ़रवरी 2005 को क्लेरेंस हाउस में चार्ल्स और केमिला पार्कर-बोल्स की सगाई होने की घोषणा की गई; इस मौके पर युवराज ने केमिला को जो सगाई वाली अंगुठी पहनाई वह उनकी दादी की अंगुठी थी। 2 मार्च को हुई प्रिवी काउंसिल की बैठक में शादी के लिए रानी की सहमति (1772 के शाही विवाह अधिनियम के तहत आवश्यकताओं के अनुसार) को दर्ज किया गया। हालांकि कनाडा में, न्याय विभाग ने अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि कनाडा के लिए क्वीन प्रिवी काउंसिल की सहमति के लिए बैठक की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि इस संबंध में संतान में परिणाम फलित नहीं होगा और इसीलिए कैनाडाई राजशक्ति की सफलता में इसका कोई प्रभाव नहीं होगा.
विवाह उसी वर्ष 8 अप्रैल को होना था और विंडसर कैसल में नागरिक समारोह के रूप में होना था, जिन्हें बाद में सेंट जॉर्ज चापेल पर धार्मिक आशीर्वाद लेना था। बहरहाल, चूंकि विंडसर कैसल में एक कानूनी शादी के आयोजन के कारण वह स्थान बाध्य हो जायेगा कि बाद में उस स्थान पर जो भी शादी करना चाहेगा उसके लिए वह उपलब्ध होगा, इसीलिए स्थान को बदलकर विंडसोर गिल्डहॉल किया गया। 4 अप्रैल को यह घोषणा की गई कि पॉप जॉन पॉल II के अंत्येष्टि में वेल्स के युवराज और कुछ आमंत्रित गणमान्य व्यक्तियों को शामिल होने के अनुमति देने के लिए शादी के कार्यक्रम में एक दिन का विलंब किया जाएगा. चार्ल्स के माता-पिता विवाह में शामिल नहीं हुए; चर्च ऑफ इंग्लैंड की सुप्रीम गवर्नर होने की अपनी स्थति के कारण रानी शरीक होने में इच्छुक नहीं थी। महारानी और एडिनबर्ग के ड्यूक ने, तथापि आशीर्वाद सेवा में हिस्सा लिया और विंडसर कैसल में नववरवधू के लिए एक स्वागत-भोज आयोजित किया।
कैंटरबरी के आर्कबिशप द्वारा चार्ल्स और केमिल्ला की शादीशुदा जोड़े को आशिर्वाद देने की समारोह की अहम बात ये थी कि इसमें आम प्रार्थना की किताब 1662 से पछतावे के एक अधिनियम को शामिल किया गया। शाही दंपति ने इस सभा में घोषणा की:
हम अपने कई गुना पाप और दुष्टता को स्वीकार करते हैं और जो समय-समय पर हमारे द्वारा उस सर्वशक्तिमान के खिलाफ हमने शब्दों, विचारों और कर्म के माध्यम से उन्हें क्रोध और रोष दिया है उसके लिए हम शोक मनाते हैं।
इस "पश्चाताप के मजबूत अधिनियम", को चार्ल्स के प्रथम विवाह के दौरान शाही दंपति के व्यभिचार की अभिव्यक्ति के रूप में देखा गया।
चार्ल्स, इग्लैंड के शाही परिवार के प्रथम सदस्य थे जिन्होंने कानूनी विवाह किया था। हालांकि बीबीसी द्वारा प्रकाशित आधिकारिक दस्तावेज ने इस शादी को गैर क़ानूनी घोषित किया, लेकिन क्लेरेंस हाउस ने इस आरोप को खारिज कर दिया, और इसे विपक्ष द्वारा अप्रचलित बताया गया।
वारिस के रूप में वर्षों से, वेल्स के राजकुमार ने जनता कि हितों के लिए विभिन्न गतिविधियों को अंजाम दिया और स्वयं को स्थानीय समुदाय की मदद से दान के कामों में समर्पित कर दिया. प्रिंस ट्रस्ट की स्थापना से लेकर अब तक इन्होंने पंद्रह से अधिक धर्मार्थ संगठनों की स्थापना की, दो और संस्थानों की स्थापना के साथ ही वो इन सभी संस्थानों के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं; इन सभी को मिलाकर द प्रिंस चैरेटीज़ का नाम दिया गया है, जो वार्षिक रूप से एक सौ दस पाउंड जुटाने का दावा करता है। इस के अलावा चार्ल्स 350 से अधिक अन्य दान संगठनों के संरक्षक है, और पूरे कॉमनवेल्थ दुनिया में इनसे संबंधित कार्यों को कर रहे हैं, उन्होंने कनाडा के अपने दौरे में दान के रूप में जुटाए गए पैसों को युवाओं, विकलांगों, वातावरण, आर्ट, चिकित्सा, बुजुर्गों की देख-रेख, पुरातत्व संरक्षण और शिक्षा के क्षेत्र में खर्च करने में इस्तेमाल किया। राजकुमार चार्ल्स को उनके पूर्व निजी सचिव ने एक असंतुष्ट राजकुमार कहा है जो आम राजनीतिक रायों के खिलाफ काम करते हैं। जोनाथन डिमब्लेबी के मुताबिक प्रिंस दुनिया की स्थिति के बारे में एक निश्चित विचार रखते हैं, उन में विरोधाभास नहीं है।
वेल्स के राजकुमार ने अक्सर सार्वजनिक मंचों में अपनी वास्तुकला और शहरी नियोजन पर भी विचार साझा किया है, जिनमें वातावारण, वास्तुकला, भीतरी शहरी नवीकरण और जीवन की गुणवत्ता अहम है। वह क्रिस्टोफर अलेक्जेंडर और लियोन क्रिएर की तरह पारंपरिक विचारों के वकील के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने रॉयल इंस्टीट्युट ऑफ ब्रीटिश आर्किटेक्ट में वर्ष 1948 में ब्रिटिश वास्तुकला समुदाय पर हमला करते हुए अपने भाषण में लंदन की नेश्लन गैलरी के विस्तार के प्रस्ताव को "राक्षसी मास" के रूप में वर्णन किया था। चार्ल्स ने एक पुस्तक भी प्रकाशित की है और ए विजन ऑफ ब्रिटेन के नाम से एक डाक्युमेंट्री भी बनाई है, जिसमें आधुनिक वास्तुकला के कुछ पहलुओं पर कड़ी अपत्ती जताई गई है। पेशेवर वास्तु प्रेस से मिली आलोचना के बावजूद, राजकुमार ने आगे अपने विचार रखना जारी रखा है, जिनमें पारंपरिक शहरीकरण, मानव पैमाने की आवश्कता और ऐतिहासिक इमारतों की बहाली को एकीकृत तत्व के रूप में नए विकास और टिकाऊ डिजाइन के लिए ज़रुरी बताया गया है। चार्ल्स के दो चैरीटी इन्ही चीज़ों को ध्यान में रखकर काम कर रही है; द प्रिंसेस रीजेनेरेशन ट्रस्ट (जिसे 2006 में रिजनरेशन थ्रू हेरिटेज और फिनिक्स ट्रस्ट के विलय द्वारा गठित) और द प्रिंसेस फाउंडेशन फॉर द हिल्ट एनवायरनमेंट (जिसे 2001 में द प्रिंस ऑफ वेल्स इंस्टिट्यूट ऑफ आर्कीटेक्चर में अवशोषित कर दिया गया). इसके अलावा, द विलेज ऑफ पाउंडबरी, जिसे चार्ल्स की शह पर लियोन क्रिएर ने मास्टर प्लान तैयार किया था।
1996 में देश के कई ऐतिहासिक शहरी कोर के निरंकुश विनाश के विलाप के बाद, कनाडा में मानव निर्मित वातावरण के लिए एक नेशनल ट्रस्ट की स्थापना के लिए चार्ल्स ने सहायता प्रदान की. ब्रिटिश वेरियंट में एक प्रतिरूपी ट्रस्ट के निर्माण में कनाडाई विरासत विभाग को सहायता देने की पेशकश की और कनाडा में उनकी माता के प्रतिनिधित्व द्वारा 2007 संघीय बजट को पारण के साथ कनाडा के राष्ट्रीय ट्रस्ट को अंततः पूरी तरह से कार्यान्वित किया। 1999 में, युवराज अपने खिताब म्युंसिपल हेरीटेज लीडरशिप के लिए प्रिंस ऑफ वेल्स पुरस्कार के इस्तेमाल के लिए भी वे सहमत हुए, जिसे हेरीटेज कनाडा फाउंडेशन द्वारा नगरपालिका सरकार को प्रदान किया जाता था और जो ऐतिहासिक स्थानों के संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को निरंतर दिखलाता है। वास्तुकला के क्षेत्र में पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं में भी चार्ल्स का नाम उनके प्रयासों के लिए आता हैं, जैसे 2005 में उन्होंने नेशनल बिल्डिंग म्यूजियम के विंसेंट स्कली पुरस्कार को प्राप्त किया, संयुक्त राज्य के दौरे के दौरान जब वे कैटरीना तूफान के कारण दक्षिणी मिसिसिप्पी और न्यू ओरलिंस में हुए क्षति का सर्वेक्षण कर रहे थे, उन्होंने समुदाय को पुनर्स्थापित करने और तूफान के कारण क्षति आपूर्ति के लिए अपनी पुरस्कार राशी का $25,000 दान कर दिया था।
1997 में आरम्भ करते हुए वेल्स के राजकुमार ने रोमानिया का भी दौरा किया और निकोला कौसेस्कू के कम्युनिस्ट शासन के दौरान हुए विनाश की ओर ध्यान खींचा, विशेष कर ट्रांसिल्वेनिया के रुढ़िवादी मठों और सेक्सोन गांव की तरफ जहां उन्होंने एक घर खरीदा था। चार्ल्स को रोमानिया के दो पर्यावरण संगठनों का संरक्षक बनाया गया: मिहई एमिनेस्कु ट्रस्ट और इंटरनैशनल नेटवर्क फॉर ट्रेडीशनल बिल्डिंग, आर्किटेक्चर एंड अर्बैनिज़म, वास्तुकला का एक पैरोकार जो सांस्कृतिक परंपरा और पहचान का सम्मान करता है। चार्ल्स के पास इस्लामिक कला और स्थापत्य की गहरी समझ भी है और ओक्सफोर्ड सेंटर फॉर इस्लामिक स्टडीज में भवन और बागान के निर्माण में वे शामिल थे, जो कि इस्लाम और ओक्सफोर्ड वास्तुकला शैली का संयोजन है।
वास्तुकला में चार्ल्स की भागीदारी भी विवादों के घेरे में रही, विशेष रूप से उन परियोजनाओं के पुनः डिजाइन में उनका निजी हस्तक्षेप जिसकी स्थापत्य शैली या दृष्टिकोण से वे असहमत थे। उन्होंने विशेष रूप से आधुनिकतावाद और व्यावहारिकतावाद जैसी शैलियों का विरोध किया। प्रिट्जकर पुरस्कार और स्टर्लिंग पुरस्कार के प्राप्तकर्ता रिचर्ड रोजर्स ने परियोजना में प्रिंस के निजी हस्तक्षेप को "शक्ति का दुरुपयोग" और "असंवैधानिक" वर्णित किया। 2009 में चार्ल्स ने कटारी शाही परिवार, जो रोजर्स द्वारा डिज़ाइन किये जाने वाले चेल्सी बैरक साइट के विकासकर्ता हैं, को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने बताया कि उसका डिज़ाइन "अनुपयुक्त" है। बाद में, रोजर्स को परियोजना से हटा दिया गया और द प्रिंस के फाउंडेशन फॉर द बिल्ट एनवायरनमेंट को एक वैकल्पिक के रूप में नियुक्त किया गया। रोजर्स ने यह भी दावा किया कि उनके रॉयल ओपेरा हाउस और पेटरनोस्टर स्क्वायर के लिए उनके डिजाइन को रोकने के लिए युवराज ने हस्तक्षेप किया था।
चार्ल्स के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण वास्तु समुदाय के प्रमुख सदस्यों के बीच वे आलोचना का केन्द्र बने. नोर्मन फोस्टर, ज़ाहा हादीद, जैक हर्जोग, जीन नोवेल, रेंज़ो पियानो और फ्रैंक गेहरे और अन्यों ने इसे प्रभावित करने के लिए द संडे टाइम्स को एक पत्र लिखा, प्रत्येक प्रिट्जकर पुरस्कार के प्राप्तकर्ता हैं। उन्होंने लिखा कि चेल्सी बैरेक परियोजना के मामले में युवराज द्वारा "निजी टिप्पणियां" और "परदे के पीछे की पैरवी" ने सार्वजनिक और लोकतांत्रिक योजना प्रक्रिया का प्रतिरोध किया। इसी तरह, पियर्स गफ सीबीई और अन्य वास्तुकारों ने अपने साथियों को चार्ल्स का बहिष्कार करने के लिए उत्साहित करते हुए एक पत्र लिखा, जिसमें रॉयल इंस्टिट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्कीटेक्ट को संबोधित किया गया था।
1980 के शुरुआत से ही, चार्ल्स ने पर्यावरण सम्बंधित मुद्दों में एक गहरी अभिरुचि दिखाई है, एक प्रणेता की भूमिका निभाते हुए उन्होंने पर्यावरण सम्बन्धी संवेदनशील सोच को बढ़ावा दिया है[उद्धरण चाहिए]. अपने हाईस्टेट ग्रोव में आने के बाद उन्होंने अपना ध्यान जैविक खेती पर केंद्रित किया, एक रूचि जिसका परिणाम 1990 में उनके अपने जैविक ब्रांड: डची ओरिजिनल के विमोचन के साथ हुआ, जो अब 200 से अधिक पोषणीय वस्तुओं का उत्पाद, खाद्य पदार्थ से लेकर बागान के फर्नीचर तक बेचता है जिसका मुनाफा (2008 तक £६ मिलियन) युवराज के चैरिटी को दान में दे दिया जाता है। चार्ल्स ने हाइग्रोव: एन ऐक्स्पेरिमेंट इन ऑर्गनिक गार्डनिंग एंड फार्मिंग नाम से (डेली टेलीग्राफ के पर्यावरण सम्बन्धी संपादक चार्ल्स क्लोवर के साथ) अपने इस कार्य का सह-लेखन किया और जैविक बागानी के प्रस्ताव को प्रश्रय दिया. इसी लीक पर चलते हुए वेल्स के युवराज ने इसी के अंतर्गत खेती और अन्य उद्योगों में अपनी शिरकत की, नियमित रूप से किसानों से उनके व्यापार को लेकर बातचीत करने लगे; हालांकि 2002 में यूके में खुरपका की महामारी के फैलने की वजह से चार्ल्स सैस्केचवान में किसानों से नहीं मिल सके, किसान उनसे ओसिनिबोइया के टाउन हॉल में मिलने आये थे। 2004 में उन्होंने मटन रिनेसां कैम्पेन की भी स्थापना की, जिसका उद्देश्य ब्रिटिश भेड़ मालिकों को समर्थन प्रदान करना और ब्रिटेन वासियों के लिए मटन को और आकर्षक बनाना था। परन्तु उनके इस जैविक खेती के प्रयासों ने मीडिया की आलोचना को अपनी ओर आकर्षित किया : अक्टूबर 2006, द इंडिपेंडेंट के अनुसार "....डची ओरिजिनल की कहानी समझौतों और नीतिपरक लक्ष्यों को ध्वस्त करने में शामिल है, जो वाणिज्यिक कार्यक्रमों को निश्चित करने में लिप्त है, और फरवरी 2007 में, डची वस्तुएं डेली मेल के आक्रमण का शिकार बना जिसने यह दावा किया कि उनके खाद्य पदार्थ "बिग मैक से भी अधिक अस्वास्थ्यकर है". 2007 मई चार्ल्स ने द प्रिंसेस मे डे नेटवर्क का भी आरम्भ किया, जो उद्योगों को जलवायु परिवर्तन पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
क्लेरेंस हाउस द्वारा दिसम्बर 2006 में एक घोषणा की गई कि युवराज चार्ल्स अपने घरेलू यात्राओं को और अधिक पर्यावरण-अनुकूल बनायेंगे, 2007 में चार्ल्स ने अपने वार्षिक खाते में अपने कार्बन के इस्तेमाल के ब्यौरे का प्रकाशन किया, साथ ही साथ यह भी कि आगे चलकर उनके घरेलू कार्बन उस्त्सर्जन को कम करने के लक्ष्य के बारे में जानकारी दी. उसी साल हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के हेल्थ और ग्लोबल इन्वोइर्मेंटल केन्द्र से उन्होंने 10वें ग्लोबल इन्वोइर्मेंटल अवार्ड को प्राप्त किया, जिसके निदेशक एरिक चियान का बयान है कि: "कई दशकों से वेल्स के युवराज प्राकृतिक संसार के उत्साही पक्ष-समर्थक रहे हैं।.. वे उर्जा उपयोगिता को बेहतर बनाने तथा जहरीले पदार्थों के धरती और वायु और महासागरों में निष्काषन को कम करने के प्रयासों में विश्व-प्रणेता रहे हैं।" फिर भी, पुरस्कार आयोजन में शामिल होने के लिए चार्ल्स की व्यवसायिक वायुयान द्वारा संयुक्त राज्य की यात्रा ने कुछ पर्यावरण कार्यकर्ताओं की आलोचना को जन्म दिया, जैसे कि प्लेन क्लाईमेट चेंज एक्शन ग्रुप के अभियानकर्ता जोस जर्मन द्वारा की गई आलोचना, और अप्रैल 2009, उन्होंने इसी तरह की आलोचना का सामना किया, जब उन्होंने एक निजी जेट का इस्तेमाल यूरोप में पांच दिन की यात्रा, पर्यावरण सम्बन्धी मुद्दों को बढ़ावा देने के लिए किया।
14 फ़रवरी 2008 को युवराज ने यूरोपीय संसद में भाषण दिया, जिसमें उन्होंने यूरोपीय संघ का नेतृत्व करने वालों से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युद्ध का आह्वान करने को कहा. लोगों द्वारा खड़े होकर उत्साह प्रदर्शन के दौरान, केवल यूनाइटेड किंगडम इंडिपेंडेंस पार्टी (युकेआईपी) के नेता नाइजेल फिराज, ऐसे एकमात्र एमईपी थे जो बैठे रहे और उन्होंने आगे चलकर कहा कि चार्ल्स के सलाहकार "नवसिखुए और मूर्खता के चरम" पर थे। फिराज ने आगे कहा कि "कैसे प्रिंस चार्ल्स जैसे किसी व्यक्ति को यूरोपीय संसद में इस वक्त आने आने दिया गया यह घोषणा करने के लिए कि संसद के पास अधिक शक्तियां होनी चाहिए? जिस देश पर वे एक दिन राज करना चाहते हैं, अच्छा यही होता कि वे घर चले जायें और गौर्डन ब्राउन को मनाएं कि लोगों से किये गए जनमत वादे (लिस्बन की संधि) को उन्हें दे दे."
1977 में चार्ल्स, सर लौरेंस वैन डेर पोस्ट के दोस्त बने, एक सम्बन्ध जिसने आगे चलकर उन्हे "युवराज के गुरु" का नाम दिया और युवराज के बेटे युवराज विलियम का धर्मपिता बनाया. उनसे, वेल्स के युवराज ने दर्शन पर ध्यान देना शुरू किया, खासकर एशियाई और मध्य-पूर्वी राष्ट्रों के दर्शन पर और नए युग के धर्मशास्त्र में तथा कब्बालिस्ट चित्रकला की तारीफ की. और कैथलीन राइन, एक नव अध्यात्मिक कवियत्री की यादगार में एक स्मरण-लेख लिखा, जिनकी मृत्यु 2003 में हुई.
युवराज को अपने घर, हाइग्रोव ग्लौसेस्टेरशायर, के समीप के कई एंग्लिकन चर्चों की सेवाओं में अपनी उपस्थिति के लिए जाने जाते हैं, और बाल्मोरल महल में ठहरने के दौरान क्रैथी कर्क में नियमित रूप से प्रार्थना करने के लिए जाने जाते हैं। 2000 में, उन्हें स्कॉटलैंड के चर्च की महा सभा लिए लॉर्ड हाईकमिश्नर के रूप में नियुक्त किया गया।
वेल्स के युवराज, धार्मिक मठों में समय व्यतीत करने के लिए प्रतिवर्ष माउंट अथोस की यात्रा भी करते हैं, साथ ही साथ रोमानिया में भी जाते हैं, जिससे वे धार्मिक ईसाइयत के प्रति अपनी रुचि को दर्शाते हैं। अपने पिता के साथ, जो यूनानी धर्म के तहत जन्मे और पले-बढ़े थे, वे द फ्रेंड्स ऑफ माउंट एथोस साथ ही साथ 21वें बैजाईन्टाईन स्टडीस के अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस को प्रश्रय देते हैं। यह भी माना जाता है कि चार्ल्स के घर में एक धार्मिक आइकॉन कॉर्नर हैं, जहां वे अपने अधिकांश धार्मिक चिह्नों को रखते हैं। इनमें से कुछ भी आश्चर्यजनक नही हैं, क्योंकि युवराज चार्ल्स के पिता का पालन-पोषण यूनानी धार्मिकता में हुआ था, जिन्होंने अपना धर्म-परिवर्तन अपनी मौजूदा पत्नी महारानी एलिज़ाबेथ II से शादी करने के लिए किया था। उनकी इन यात्राओं को लेकर इतनी गोपनीयता बनी हुई है कि इस बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है, उनके इन दर्शन-यात्राओं से सम्बंधित बहुत यूनानियों को गोपनीयता का शपथ दिलाया गया है। यह विवरण दिया गया है कि हाल के वर्षों में, उनके पिता युवराज फिलिप भी प्रायद्वीप में आश्रय हेतु अपने बेटे के साथ जुड़ गए हैं।
चार्ल्स, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के इस्लामी अध्ययन के ऑक्सफोर्ड केन्द्र के भी प्रश्रयदाता हैं।
चार्ल्स ने वैकल्पिक चिकित्सा में अपनी रुचि को दर्शाया है, पर इसके प्रचार ने कभी-कभी विवादों को जन्म दिया है। 2004 में, चार्ल्स ने "फाउन्डेशन फॉर इंटीग्रेटेड हेल्थ" द्वारा अपने अभियान को प्रोत्साहन दिया कि आम व्यवसायी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के मरीजों को हर्बल और वैकल्पिक उपचार प्रदान करें, जिससे वैज्ञानिक और चिकित्सीय समुदाय दो हिस्सों में बंट गए, और 2006 में, जेनेवा में, विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में चार्ल्स ने स्वास्थ्य मंत्रियों के एक श्रोतावर्ग के सामने व्याख्यान दिया, जिसमें उनसे पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा को संघटित करने की योजना के निर्माण को लेकर निवेदन किया।
अप्रैल 2008 में, द टाइम्स ने एड्जार्ड अर्नस्ट के एक पत्र को छापा जिसमें युवराज की संस्था से दो निर्देशों का पुन:स्मरण करने के लिए कहा गया जो "वैकल्पिक चिकित्सा" को प्रश्रय देता है, यह कहा गया कि "अधिकतर वैकल्पिक रोगोपचार, चिकित्सीय रूप में प्रभावहीन हैं, बहुत तो पूरी तरह खतरनाक हैं।" संस्था के एक प्रवक्ता ने इन आलोचनाओं का विरोध किया और कहा कि "हम पूर्ण रूप से इन आरोपों का खंडन करते हैं की हमारा ऑनलाइन प्रकाशन कोम्प्लिमेंटेरी हेल्थकेयर : ए गाइड वैकल्पिक रोगोपचार के गलतपहमी पैदा करने वाले और गलत दावे ग्रहण किये हुए है। इसके विपरीत यह वयस्कों की तरह लोगों का इलाज करता है और एक जिम्मेदार प्रस्ताव रखता है कि लोग विश्वसनीय सूचना के स्रोतों को देखें.....ताकि वे सूचित निर्णय ले सकें. संस्था मुफ्त के इलाज को प्रश्रय नहीं देती." अर्नस्ट ने हाल ही में वैज्ञानिक लेखक सिमोन सिंह के साथ एक पुस्तक ट्रिक ऑर ट्रीटमेंट : आल्टरनेटिव मेडिसिन ऑर ट्रायल का प्रकाशन किया है, जिसमें वैकल्पिक चिकित्सा की निंदा की गई है। पुस्तक "एचआरएच वेल्स के युवराज" को व्यंगात्मक रूप से समर्पित है और अन्तिम अध्याय उनके "मुफ्त" और "वैकल्पिक" उपचार के हिमायती होने का बहुत ही अलोचनात्मक अध्याय है।"
युवराज का डची ओरिजिनल कई प्रकार के कैम (CAM) वस्तुओं का उत्पाद करता है जिसमें "डेटोक्स" भी शामिल है, जिसकी एड्जार्ड अर्नस्ट ने "कमजोर के आर्थिक शोषण" और "स्पष्ट नीमहकीमी" के रूप में भर्त्सना की है। मई 2009 में, एडवर्टाइसिंग स्टैंडर्डस ऑथोरिटी ने डची ओरिजिनल के एक ई-मेल की आलोचना की कि उन्होंने एचिना-रिलीफ, हईपरी-लिफ्ट और डिटॉक्स टिंकचर को लेकर कही गई बातों को भ्रामक बताया. युवराज ने स्वयं सात पत्र, मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी को इन हर्बल वस्तुओं के लेबल के संचालन करने के नियमों में ढील देने से पहले लिखे, एक ऐसी पहल जिसकी व्यापक निंदा वैज्ञानिकों एवं चिकित्सीय संस्थाओं द्वारा की गई।
31 अक्टूबर 2009 को यह खबर दी गई कि चार्ल्स ने स्वयं स्वास्थ्य सचिव एंडी बर्नहैम से सिफारिश की कि एनएचएस के लिए वैकल्पिक उपचार को अधिक प्रावधान दिया जाये.
2010 में, लेखा परीक्षक द्वारा खाते के अनियमन के देखने के बाद, युवराज के संस्था के दो पूर्व कर्मचारियों को धोखा-धड़ी के मामले में गिरफ्तार किया गया, जिसकी राशि £300,000 तक मानी गई। गिरफ्तारी के चार दिनों बाद एफआईएच ने घोषणा की कि वे बंद किये जा रहे हैं, इस झूठे दावे के साथ कि "उन्होंने संघटित स्वास्थ्य के प्रश्रय के मूल उद्देश्य को प्राप्त कर लिया है।"
चार्ल्स के प्रयासों ने कई लोगों की दुर्दशा पर ध्यान केन्द्रित किया, खासकर दीर्घकालिक बेरोजगारों, ऐसे लोग जिन्हें कानून से परेशानी है, लोग जिन्हें स्कूल में दिक्कतें हैं और लोग जो देखभाल में हैं। द प्रिंस ट्रस्ट एक मुख्य केन्द्र है, जिसके जरिये चार्ल्स युवा लोगों के साथ काम करते है, समूहों को कर्ज देने, व्यवसायिक लोगों को कर्ज देने और अन्यों को जिन्हें बाहर से मदद मिलने में कठिनाई रही है। ट्रस्ट के लिए अनुदान संचयन हेतु संगीत समारोहों का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है, जिसमे प्रमुख पॉप, रॉक और शास्त्रीय संगीतकार हिस्सा लेते हैं। कनाडा में चार्ल्स ने मानवतावादी मुद्दों को भी अपने दो बेटों के साथ हिस्सा लेकर समर्थन प्रदान किया है, जिसके कई समारोहों में वे शरीक हुए तथा जिसे 1998 के जातीय भेदभाव के निर्मूलन अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में चिन्हित किया गया, और 2001 में, सैस्केचवान में, केनेडियन यूथ बिजनेस फाउन्डेशन की शुरुआत में भी मदद की, इसी समय वे स्कॉट कॉलेजियट भी गए, जो कि रेजिना में एक अंतर-नगरीय स्कूल है।
1975 में उत्तर-पश्चिमी प्रदेशों में समय व्यतीत करने के बाद, चार्ल ने एक विशिष्ट रुचि कनाडा के उत्तर के क्षेत्रों में दिखाई, साथ ही साथ कनाडा के आदिवासी लोगों में भी, जिनसे वे मिले थे और कभी-कभी उनके साथ घूमे-फिरे और साधना भी की. इस संबंध को दर्शाते हुए, वेल्स के युवराज को फर्स्ट नेशन्स के समाजों द्वारा 1996 में विशिष्ट पदवियों से विभूषित किया गया, विन्निपेग में क्री और ओजिबवे के विद्यार्थियों ने युवराज को लीडिंग स्टार का नाम दिया और 2001 में उन्हें अपने सैस्केचवान के क्षेत्र में अपनी पहली यात्रा के दौरान Pisimwa Kamiwohkitahpamikohk कहा, या "सूर्य उनकी तरफ नेक तरीके से देखता है". वे विश्व नेताओं में भी पहले थे जिन्होंने अपनी गहरी चिंता निकोअल सिओसेस्कू के मानवीय अधिकारों को लेकर जताई, जिसके कारण अंतर्राष्टीय पटल पर विरोध की बात उठी, और उसके बाद ही एफएआरए संस्था, को भी समर्थन दिया, जो रुमानिया के अनाथालयों को चलाता है।
1996 में चार्ल्स ने बिल्डरबर्ग ग्रुप सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज की, विशेष रूप से दक्षिण अफ्रीका के आर्थिक संकट को लेकर उठे विवाद में उपस्थित होने के लिए.
अपने युवाकाल से ही, युवराज पोलो के उत्साही खिलाड़ी रहे हैं और 1992 तक वे प्रतिस्पर्द्धात्मक टीम का हिस्सा थे, उसके बाद 2005 तक सिर्फ चैरिटी के लिए खेला, जिसके बाद खेलने के दौरान दो गंभीर चोटें लगने के कारण उन्होंने खेल में हिस्सा लेना बंद कर दिया, 1990 में, उनकी बाहं टूट गई और 2001 में वे घोड़े से गिरकर थोड़ी देर के लिए मूर्छित हो गये। 2005 में खेल के यूनाइटेड किंगडम में निषेध से पहले चार्ल्स प्राय: लोमड़ी के शिकार में भी शामिल हुए. 1990 के दशक के उत्तरार्ध में इस गतिविधि के खिलाफ विरोध खड़ा होने लगा, जो इसके खिलाफ में थे उन्होंने वेल्स के युवराज की इन गतिविधियों में लिप्त होने को "राजनितिक वक्तव्य" के रूप में देखा, जैसे कि लीग अगेंस्ट क्रूएल स्पोर्ट्स ने उनके खिलाफ आक्षेप लगाया जब 1990 में उन्होंने ब्यूफोर्ट शिकार पर अपने बेटों को साथ लिया, यह उस समय हुआ जब सरकार शिकारी कुत्तों द्वारा लोमड़ियों के शिकार पर पाबंदी लगाने के प्रयास में थी।
चार्ल्स ने चित्रकला का ज्ञान भी हासिल किया, जिसके तहत उन्होंने वॉटरकलर पर अपना ध्यान केंद्रित किया और अपने चित्रों की अनेक प्रदर्शनियां की, बिक्री की, साथ ही साथ इस विषय पर पुस्तकों का प्रकाशन भी किया। विश्वविद्यालय में उन्होंने अभिनय में भी थोड़ी सी दिलचस्पी दिखाई, शौकिया रूप से हास्य प्रकृति के कुछ कार्यक्रमों में हिस्सेदारी ली, जो आगे चलकर युवराज के जीवन में जारी रहा, जिसकी गवाही उनके 60वें जन्मदिन के अवसर पर एक हास्य समारोह का आयोजन देती है। उनकी रूचि मायाशास्त्र में भी है, कप और बॉल के प्रभावों के प्रदर्शन के परिक्षण में उत्तीर्ण होकर द मैजिक सर्कल के सदस्य के रूप में अपनी इस रुचि को पुष्ट किया। युवराज वर्त्तमान में कई रंगशालाओं, अभिनय मण्डली और ऑर्केस्ट्रा समूहों के प्रश्रयदाता हैं, जिसमें शामिल हैं रेजिना सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा और रॉयल शेक्सपीयर कंपनी और इसके भी विवरण हैं कि कनाडा के गायक और गीतकार लिओनार्ड कोहेन के प्रशंसक हैं। वे वाहनों के भी संग्राहक हैं, विशेषकर ब्रिटिश मार्के एस्टन मार्टिन के, उन्होंने अनेक मॉडल हासिल किये और ब्रांड के साथ करीबी सम्बन्ध हैं-जिसके फैक्ट्री और सेवा विभाग के वे नित्य दर्शक रहे हैं-और कंपनी के विशेष लॉन्च कार्यक्रमों में ज्यादातर वे सम्माननीय अतिथि के रूप में शामिल हुए हैं कि कंपनी ने एक अवसर पर वेल्स के युवराज एस्टन मार्टिंस संस्करण का निर्माण किया।
चार्ल्स बर्नले फुटबाल क्लब के समर्थक हैं।
वेल्स के युवराज होने के नाते, युवराज चार्ल्स अपनी माता की ओर से किसी भी राष्टमंडल शक्तियों के एक प्रधान की भूमिका के तहत अनेक कार्यालयी कर्तव्यों का निर्वाहन करते हैं। किसी भी विदेशी उच्चपदाधिकारी के अंतिम संस्कार में वे अपनी माता की जगह खड़े होते हैं (जिसमें महारानी पारंपरिक रूप से शामिल नहीं होती), या ब्रिटिश व्यवस्था में किसी के अलंकरण में भी युवराज ही जाते हैं। यह तब हुआ जब उन्होंने पोप जॉन पॉल II के क्रिया-कर्म में भाग लेते हुए विवाद को जन्म दे दिया: चार्ल्स अचंभित रह गए कि वे जिससे हाथ मिला रहे हैं, वह जिम्बाबे का राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे है, जिसे युवराज के बगल के सीट पर बिठाया गया था। चार्ल्स के कार्यालय ने इसके बाद एक वक्तव्य जारी करते हुए कहा "वेल्स के युवराज ने स्वयं को अचम्भे की स्थिति में पाया और ऎसी स्थिति में नहीं थे कि श्रीमान मुगाबे से हाथ मिलाने से बच सकें. युवरज तात्कालिक जिम्बाबे शासन के विरोध में हैं। वे जिम्बाबे डीफेंस और एड के समर्थक हैं जो की शासन द्वारा दबे-कुचले का साथ देती है। युवराज हाल ही में पीअस एन्क्युब, बुलावायो के मुख्य पादरी से भी मिले थे, जो कि जिम्बाबे की सरकार के एक खरे आलोचक हैं।"
चार्ल्स और डचेस ऑफ कॉर्नवॉल, यूनाइटेड किंगडम की ओर से विदेश की यात्रा करते हैं। युवराज को देश के एक प्रभावी अधिवक्ता के रूप में देखा जाता है, अपने आयरलैंड गणराज्य की यात्रा के दौरान, जहां पर उन्होंने एंग्लो-आयरिश संबधों को लेकर खुद शोध किया हुआ और लिखा व्याखान का भाषण किया तो आयरिश राजनीतिज्ञों और मीडिया द्वारा उसे स्नेह से ग्रहण किया गया, जिसे एक उदहारण के रूप में देखा जाता है। कैनेडियन आर्म्ड फोर्सेस में उनकी सेवा, उन्हें सैन्य-दस्तों के बारे में जानकारी रखने की अनुमति देती है और कनाडा या विदेश में कहीं भी उन्हें इसे देखने का मौका प्रदान करती है, उनके औपचारिक आयोजनों में भाल लेने की अनुमति देती है। उदहारण के लिए 2001 में, कैनेडा के एक अनजान सैनिक के कब्र पर फ्रांसीसी युद्धस्थल के वनस्पति से बने मान्यताप्राप्त पुष्पहार को समर्पित किया और 1981 में वे कैनेडियन वारप्लेन हेरिटेज संग्रहालय के प्रश्रयदाता बने.
राजकुमार चार्ल्स, वेल्स के नियमित दौरे पर जाते हैं, जहां वे हर गर्मी में एक हफ्ते के कार्यों के लिए जाते हैं, आवश्यक राष्ट्रिय आयोजनों में शिरकत करते हैं, जैसे कि सेनेद्द का उद्घाटन. 2000 में, चार्ल्स ने एक सरकारी हार्पि बजाने वाले को रखने के लिए वेल्स युवराजों की परम्पराओं में फेर-बदल किये ताकि हार्प बजाने के वेल्स प्रतिभा को प्रोत्साहित किया जा सके, जो कि वेल्स का राष्ट्रिय वाद्ययंत्र है। वे और डचेस ऑफ कॉर्नवॉल दोनों हर साल एक हफ्ता स्कॉटलैंड में भी बिताते हैं, जहां पर युवराज कई स्कॉट की संस्थाओं के प्रश्रयदाता हैं।
युवराज चार्ल्स बिना किसी कार्यभार के निर्वहन के "द रॉयल कलेक्शन ट्रस्ट” के निदेशक हैं।
कभी-कभी चाज़ा के रूप में संदर्भित (गाज़ा, हेज़ा और की तर्ज पर समान गढा गया) [उद्धरण चाहिए] और उनकी नक़ल उतारी गई, जैसी कि स्पिटिंग इमेज, और क्रैग फर्ग्युसन द्वारा- द लेट लेट शो पर द रैदर लेट प्रोग्राम विथ प्रिंस चार्ल्स, युवराज चार्ल्स जन्म से ही विश्व मीडिया के केन्द्र में रहे और जैसे-जैसे वे वयस्क होते गए इसका ध्यान और बढ़ता गया। अपनी पहली शादी से पहले, उन्हें टाइम पत्रिका द्वारा विश्व के सबसे योग्य कुंवारे के रूप में प्रस्तुत किया गया और उनके कई प्रेम-संबंधों और कार्यों का अनुसरण और विवरण प्रस्तुत किया गया। उनकी डायना के साथ शादी के बाद मीडिया का ध्यान उनकी ओर और बढ़ गया, हालांकि यह ध्यान मुख्य रूप से वेल्स के युवरानी की तरफ था, जो कि एक प्रमुख आकर्षण बन गईं, जिनका पापाराज़ी द्वारा पीछा किया गया, उनकी हर गतिविधि (जिसमें उनके बालों की बनावट भी शामिल है) जिसका बहुत समीप से लाखों लोगों ने अनुसरण किया। जैसे-जैसे दोनों के सम्बन्ध बिगड़ते गए, डायना ने अपने फायदे के लिए मीडिया का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया और शाही शादी की कई कहानियां प्रेस के सामने रखने लगीं, परिणामतः मीडिया के समर्थन को दो हिस्सों में बांट दिया, जहां द मिरर और टेलीग्राफ चार्ल्स के पक्ष में थे।
वेल्स के युवराज पर और अधिक कहानियों को पाने की जद्दोजहद में, मीडिया ने कई अवसरों पर चार्ल्स के वैयक्तिक जीवन का उल्लंघन करना शुरू कर दिया. 2005 में युवराज ने अपने वैयक्तिक पत्रों में से एक उद्धरण को मेल ऑन संडे द्वारा छापने के बाद उनपर एक मुकदमा दायर कर दिया, जिसमें 1997 में होंग कोंग की स्वायतता को चीन को हस्तांतरित किये जाने के उनके विचारों का प्रकटीकरण जैसे विषय थे, जिसमे उन्होंने चीन के सरकारी कर्मचारियों को "डरावने बूढ़े मोम की कृतियों" के रूप में वर्णित किया है। कुछ ने युवराज के साथ अपने पूर्व संबंधों का इस्तेमाल मीडिया से लाभ हेतु किया, जैसे कि चार्ल्स की गृहस्थी के एक पूर्व-सदस्य ने एक अंदरूनी ज्ञापन को प्रेस के पास लाया जिसमें चार्ल्स ने आकांक्षा और अवसर को लेकर अपनी टिप्पणियां प्रकट की थीं, जिसे व्यापक रूप से मेरिटोक्रेसी (जहां शासक जन्म के कारण उत्तराधिकारी बन जाता है) को समाज में युद्ध के माहौल के निर्माण के अर्थ के रूप मे लिया। प्रत्युत्तर में चार्ल्स ने वक्तव्य दिया: "मेरी नजर में, एक नलकार या राजगीर होने में उतनी ही महान उपलब्धि है जितना की एक वकील या डॉक्टर होने में" और एक ज्ञापन टॉक टू द हैंड लिन ट्रस्स के ब्रिटिश व्यवहार समीक्षा में उद्धृत किया गया, एक मान्य कथन की कैसे एक सकारात्मक मेरिटोक्रेसी के प्रभाव को एक प्रतिस्पर्द्धात्मक समाज के नकारात्मक प्रभाव के खिलाफ संभवतः संतुलित किया जा सकता है।
समग्रतः, चार्ल्स ने लोकप्रिय प्रेस के प्रति एक घृणा के भाव को पैदा कर लिया, जिसका खुलासा दुर्घटनावश अपने बेटे के 2005 में प्रेस फोटो-कॉल के दौरान समीप पड़े माइक्रोफोन द्वारा उनकी टिपण्णी "मैं यह सब करने से नफरत करता हूं... ये असभ्य लोग" को खींच लिया और बीबीसी के शाही रिपोर्टर निकोलस विचल के बारे में कहा "मैं उस आदमी को बर्दाश्त नहीं कर सकता. मेरा मतलब है कि वह बहुत ही घटिया है, वह सच में है।"
हालांकि वेल्स के युवराज स्वयं कई अवसरों पर जारी रहे श्रृंखलाओं में प्रकट हुए हैं। 1984 में उन्होंने अपने बच्चों की किताब द ओल्ड मैन ऑफ लोचनगर का बीबीसी के जैकानोरी कार्यक्रम पर पठन किया। 2000 में यूके धारावाहिक कोरोनेशन स्ट्रीट की 40वें वर्षगांठ के उपलक्ष में चार्ल्स द्वारा दी गई उपस्थिति को शामिल किया गया, इसी प्रकार न्यूजीलैंड के भ्रमण के दौरान व्यस्क कार्टून श्रृंखला ब्रो’टाउन के निर्माताओं के एक अभिनय-प्रदर्शन में उपस्थित होने के बाद उन्होंने उनके कार्यक्रम में भी शिरकत की (2005). हालांकि उन्होंने डॉक्टर हू के एक धारावाहिक में एक अतिथि कलाकार की भूमिका के निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया. चार्ल्स ने साक्षात्कार देना भी बरकार रखा है, जैसे कि 2006 में एन्ट एंड डेक के द्वारा प्रिंस ट्रस्ट के 30वें वर्षगांठ के उपलक्ष पर आयोजित किया गया।
क्लेरंस हाउस, दिवंगत महारानी एलिज़ावेथ, महारानी मां का पूर्व लन्दन निवास वेल्स युवराज का वर्तमान कार्यालयी निवास-स्थल है। इससे पहले वे सेंट जेम्स महल के एक अपार्टमेंट में रहते थे। चार्ल्स ग्लौशेस्टशायर में एक वैयक्तिक इस्टेट हाईग्रोव हाउस पर भी अधिकार रखते हैं और एक स्कॉटलैंड में बैलमोरल कैसल के समीप द बर्कहॉल, जिसकी पहले भी महारानी मां मालिक थी। डायना से अपनी शादी से कुछ पहले, चार्ल्स ने डचेस ऑफ कॉर्नवॉल के मुनाफे के अपने ऐक्छिक कर योगदान को 50% से 25% तक कम कर दिया.
2007 में, युवराज ने 192 एकड़ (150 एकड़ चरागाह, पार्क की जमीन और 40 एकड़ (160,000 मी2) लकड़ी की जमीन) जायदाद की खरीद कार्मर्थेनशायर में की और अपने और डचस ऑफ कॉर्नवॉल के वेल्स निवास के निर्माण हेतु अर्जी भरी, जिसे शाही-दंपत्ति के आवास में न रहने के दौरन पर्यटक कमरों के रूप में किराये पर दिया जा सकता है। हालांकि पड़ोसियों ने कहा कि सुझावित अदला-बदली में स्थानीय योजना नियमों की अवज्ञा की गई है, आवेदन पर तब तक रोक लगा दी गई जब तक एक रिपोर्ट को लिख नहीं लिया गया कि किस प्रकार यहां परिवर्तन चमगादड़ों की जनसंख्या को प्रभावित कर सकता है। 2008 से चार्ल्स और केमिला ने अपनी नई संपत्ति में में निवास करना शुरू किया, जिसे लिविनीवोर्मवुड कहा गया।
चार्ल्स ने जीवनपर्यंत कई पदवियों को ग्रहण किया है, भूपति के पोते के रूप में, भूपति के बेटे के रूप में और आगे चलकर स्वयं के अधिकार में अनेक युवाराजीय और शाही पदवियों से सम्मानित हुए. वेल्स के युवराज से बातचीत के दौरान, आरम्भ में उन्हें योर रॉयल हाईनेस और बाद में सर कहने की परंपरा है।
यह अनुमान लगाया जा रहा है कि गद्दी का अधिकार प्राप्त करने के बाद युवराज किस शाही नाम का चयन करेंगे. अगर वे अपने चालू नाम को रखेंगे तो वे चार्ल्स III के रूप में जाने जायेंगे. हालांकि चार्ल्स ने यह सुझाया है कि वे अपने दादाजी के सम्मान में जॉर्ज VII के नाम से शासन करेंगे और स्टुअर्ट राजाओं चार्ल्स I (जिनका सर धड़ से अलग कर दिया गया) और चार्ल्स II (जिन्होंने देशनिकाला का जीवन जिया) से अपने सम्बन्ध का त्याग करेंगे हालांकि उन्होंने इससे सार्वजानिक स्तर पर इंकार किया है[उद्धरण चाहिए].
उनके 58वें जन्मदिन पर, वेल्स युवराज को ब्रिटिश आर्मी के जनरल, रॉयल नेवी के एडमिरल और रॉयल वायु सेना के चीफ मार्शल के रूप में उनकी मां द्वारा नियुक्त किया गया। (इससे पूर्व भी एक अन्य बिंदु पर उन्हें मेजर जनरल और दूसरी सेवाओं के साथ वाले सम्मानों को अनुदत्त किया गया।) उनकी पहली सम्मानार्थ नियुक्ति 1969 में वेल्स के रॉयल रेजिमेंट के कोलोनेल-इन-चीफ के रूप में हुई; तब से सम्पूर्ण राष्ट्रमंडल शक्तियों में युवराज को कोलोनेल-इन-चीफ, कोलेंल, सम्मानार्थ एयर कोमोडोर, एयर कोमोडोर-इन-चीफ, उप कोलोनेल-इन-चीफ, शाही सम्मानीय कोलोनेल, शाही कोलोनेल और सम्मानीय कोमोडोर के रूप में कम से कम 36 सैन्य संस्थाओं में सम्मानित किया गया। वे रॉयल गोरखा राइफल के भी कमांडर हैं जो की सेना में एकलौती विदेशी रेजिमेंट है।
चार्ल्स, भिन्न देशों के कई उपाधियों और पुरस्कारों के भी ग्रहण करने वाले रहे है। उन्हें राष्ट्रमंडल शक्तियों द्वारा 8 समितियों और 5 विभूषणों से सम्मानित किया गया है और वे विदेशी राज्यों के 17 भिन्न नियुक्तियों और विभूषणों को ग्रहण करने वाले व्यक्ति हैं, साथ ही साथ यूनाइटेड किंगडम और न्यूजीलैंड के विश्वविद्यालयों द्वारा नौ सम्मानीय शैक्षिक उपाधियां भी प्राप्त हुई हैं।
अपने पिता के वंश से, उनका पैतृक कुल (जिसमें पुरूष के द्वारा वंश की खोज की जाती है), चार्ल्स हाउस ऑफ़ शालसविग-होलस्टीयन-सौंडरबर्ग-ग्लक्सबर्ग के सदस्य हैं जो हाउस ऑफ़ ओल्डनबर्ग की एक शाखा हैं, यूनाईटेड किंगडम में किसी भविष्यगत विधिगत अनुपस्थिति के प्रतिकूल, महाराजा के रूप में चार्ल्स विंडसर नाम का इस्तेमाल करेंगे.[N 2]
बहु-अंतर-विवाहों के कारण, चार्ल्स हैनोवर के सोफिया के 22 तरीकों से वंशज हैं:
Sophia of Hanover | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Sophia Charlotte of Hanover | George I of Great Britain | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Frederick William I of Prussia | Sophia Dorothea of Hanover | George II of Great Britain | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Prince अगस्तus William of Prussia | Princess Sophia Dorothea of Prussia | Anne, Princess Royal and Princess of Orange | Princess Mary of Great Britain | Louise of Great Britain | Frederick, Prince of Wales | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Frederick William II of Prussia | Margravine Friederike Dorothea of Brandenburg-Schwedt | Princess Carolina of Orange-Nassau | Landgrave Frederick of Hesse-Kassel | Landgrave Charles of Hesse-Kassel | Princess Louise of Denmark and Norway | George III of Great Britain | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Prince Wilhelm of Prussia | Frederick William III of Prussia | Sophie Dorothea of Württemberg | Duke Louis of Württemberg | Princess Henrietta of Nassau-Weilburg | Landgrave William of Hesse-Kassel | Princess अगस्तa of Hesse-Kassel | Princess Louise Caroline of Hesse-Kassel | Prince Edward, Duke of Kent and Strathearn | Prince Adolphus, Duke of Cambridge | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Princess Elisabeth of Prussia | Princess Charlotte of Prussia | Nicholas I of Russia | Duchess Amelia of Württemberg | Duke Alexander of Württemberg | Louise of Hesse-Kassel | Christian IX of Denmark | Victoria of the United Kingdom | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Louis IV, Grand Duke of Hesse | Grand Duke Konstantin Nikolayevich of Russia | Princess Alexandra of Saxe-Altenburg | Francis, Duke of Teck | Alexandra of Denmark | Princess Alice of the United Kingdom | Edward VII of the United Kingdom | Princess Mary Adelaide of Cambridge | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Olga Konstantinovna of Russia | George I of Greece | Princess Victoria of Hesse and by Rhine | George V of the United Kingdom | Mary of Teck | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Prince Andrew of Greece and Denmark | Princess Alice of Battenberg | George VI of the United Kingdom | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Prince Philip, Duke of Edinburgh | Elizabeth II of the United Kingdom | ||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Charles, Prince of Wales | |||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||||
Name | Birth | Marriage | Issue | |
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Prince William of Wales | 21 जून 1982 | |||
Prince Henry of Wales | 15 सितंबर 1984 |
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मान (मदद). द गार्डियन. London. अभिगमन तिथि 12 Oct. 2008. |accessdate=, |date=
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) उद्धरण: "सरकार संतुष्ट हैं कि यह प्रिंस ऑफ वेल्स और श्रीमती पार्कर बोल्स के लिए वैध है, दूसरों की तरह, 1949 के विवाह अधिनियम के भाग III के अनुसार एक नागरिक समारोह के द्वारा विवाह उचित है। ¶ 1836 के विवाह अधिनियम द्वारा सिविल विवाह इंग्लैंड में शुरू किए गए थे। धारा 45 के अनुसार. . . शाही परिवार के किसी भी शादी के लिए अधिनियम का विस्तार नहीं होगा." ¶ लेकिन 1836 के अधिनियम में सिविल शादी पर प्रावधानों को 1949 के अधिनियम द्वारा निरसित किया गया। 1836 की धारा की सभी शेष भागों को जिसमें धारा 45 भी शामिल है, 1953 के पंजीकरण सेवा अधिनियम द्वारा निरसित किया गया। क़ानून पुस्तक में 1836 के अधिनियम का कोई भी हिस्सा बचा नहीं है।"
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अमान्य टैग है; "ArchCon3" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
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The 34th Bilderberg conference ended at Gleneagles Hotel, Perthshire, yesterday after a debate on the South African crisis attended by Prince Charles. He arrived for the economic debate on Saturday and stayed overnight at the hotel.
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मान (मदद) से 1 अक्टूबर 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 फ़रवरी 2010.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
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की उपेक्षा की गयी (मदद)Charles III of the United Kingdom से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |
विकिसूक्ति पर चार्ल्स तृतीय से सम्बन्धित उद्धरण हैं। |